कैसे रेसलिंग ने ऋतु फोगाट को MMA में सफलता दिलाई
रेसलिंग से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के बाद ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट का एक ही लक्ष्य था, ONE वर्ल्ड टाइटल जीतना।
अब अगर भारतीय स्टार ने शुक्रवार, 3 दिसंबर को ONE: WINTER WARRIORS में ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियनशिप के फाइनल में स्टैम्प फेयरटेक्स को हराया तो वो अपने लक्ष्य के एक और कदम करीब पहुंच जाएंगी।
पूर्व ONE एटमवेट मॉय थाई और किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन के खिलाफ जीत दर्ज कर फोगाट 2022 में “अनस्टॉपेबल” एंजेला ली के खिलाफ वर्ल्ड टाइटल शॉट हासिल कर लेंगी।
काफी लोगों ने स्वीकार किया था कि फोगाट MMA में सफलता प्राप्त कर सकती हैं, लेकिन कम ही लोगों ने सोचा होगा कि वो इतनी जल्दी टॉप कंटेंडर्स में से एक बन जाएंगी। फोगाट का कहना है कि वो अपनी पूरी जिंदगी इस मौके का इंतज़ार करती रही हैं।
भारतीय स्टार ने कहा, “हमें बचपन से ही मैचों में अपना 100% देना और केवल जीत पर फोकस रखना सिखाया गया है। हम हार को एक विकल्प के तौर पर देखते ही नहीं हैं।”
फोगाट अपने फेमस रेसलिंग परिवार के सिद्धांतों पर आगे बढ़ रही हैं, जिसपर आधारित “दंगल” नाम की फिल्म भी बनी, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई और सच में भी ये परिवार वैसा ही है।
अपने पिता महावीर सिंह फोगाट की निगरानी में युवा स्टार ने अपनी बड़ी बहनों गीता और बबीता के नक्शे-कदम पर चलने का फैसला लिया और 2016 में कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण और एक साल बाद अंडर-23 रेसलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
“द इंडियन टाइग्रेस” ने फुल टाइम मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनने के इरादे 2019 में सिंगापुर आकर Evolve MMA को जॉइन किया। उनका मानना है कि रेसलिंग बैकग्राउंड ने उन्हें इस नए खेल में सफलता हासिल करने में बहुत मदद की है।
उन्होंने कहा, “एक रेसलर होने का MMA में बहुत फायदा है। अगर आप MMA में टॉप-10 फाइटर्स को देखेंगे तो उनमें से 7 रेसलिंग बैकग्राउंड से हैं।”
शानदार रेसलिंग के अलावा फोगाट अपनी सफलता का श्रेय कड़ी मेहनत और अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता को देती हैं।
उन्होंने कहा, “बचपन से मुझे सिखाया गया है कि मैट या रिंग में जाने के बाद मुझे केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।”
उन्होंने निरंतर खुद में सुधार करना जारी रखा है। फोगाट का ग्रां प्री का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा, इसके बावजूद उनका रिकॉर्ड 7-1 का है और केवल 2 सालों के अंदर #4 रैंक की एटमवेट कंटेंडर बन गई हैं।
फोगाट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की कड़ी ट्रेनिंग और हाई लेवल के कॉम्पिटिशन के लिए तैयार थीं। साथ ही वो इस बात से भी वाकिफ थीं कि उन्हें अभी काफी कुछ सीखना बाकी है।
27 वर्षीय एथलीट ने अपने कोचों के साथ मिलकर नई-नई स्किल्स सीखनी शुरू कीं इसलिए उनके दूसरे स्टाइल्स में भी काफी सुधार देखने को मिला है।
उन्होंने कहा, “मैं शुरू से ही शारीरिक रूप से मजबूत थी। इसलिए MMA में आने के बाद मुझे नई तकनीकों पर ध्यान देना था। मैं हर रोज मॉय थाई, BJJ और बॉक्सिंग के बेहद कठिन ट्रेनिंग सेशंस से गुजरती हूं।”
“हर रोज मुझमें सुधार हो रहा है। कोच भी मुझसे खुश हैं इसलिए खुद में हो रहे सुधारों को लेकर बहुत खुशी हो रही है।
“छोटी-छोटी कमजोरियों को परखना और उनमें सुधार की चाह ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, जिससे हर एक दिन बीतने के साथ मैं बेहतर फाइटर बन सकूं।”
मगर रेसलिंग को कोई उनसे अलग नहीं कर सकता। जब तक किसी को उनकी रेसलिंग का तोड़ नहीं मिलता, तब तक फोगाट उसकी मदद से जीत दर्ज करना जारी रखेंगी।
ONE: EMPOWER में क्वार्टरफाइनल मैच में मेंग बो ने फोगाट को झकझोर दिया था, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। उसके बाद वर्ल्ड-क्लास ग्रैपलिंग के दम पर उन्होंने वापसी की शानदार अंदाज में जीत प्राप्त की।
रेसलिंग जैसे उनकी रग-रग में बसी है, जिससे पार पाना बहुत मुश्किल है और मानती हैं कि स्टैम्प भी ऐसा करने में नाकाम रहेंगी।
उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास एक ही स्किल है और हर बार मुझे उससे जीत मिल रही है तो भला मैं उसमें बदलाव क्यों करूं। जिस दिन किसी फाइटर को मेरी रेसलिंग का तोड़ मिल जाएगा, तब मैं अन्य चीज़ों पर ध्यान देने के बारे में सोचूंगी।”
“मेरे MMA आदर्श खबीब नर्मागोमेदोव ने एक बार कहा था, ‘मेरा स्टाइल किसी और के जैसा नहीं है। मैं अन्य रेसलर्स जैसा नहीं हूं।’ उनकी ये बातें मेरे ऊपर फिट बैठती हैं क्योंकि स्टैम्प का सामना अभी तक मेरी जैसी रेसलर से नहीं हुआ है।
“मैं सबको दिखाना चाहती हूं कि मैं डिविजन की बेस्ट फाइटर हूं। अभी तक इस बात को साबित करती आई हूं और फाइनल में भी ऐसा ही करूंगी।”
ये भी पढ़ें: इन 5 कारणों से आपको ONE: WINTER WARRIORS जरूर देखना चाहिए