जेक पीकॉक ने ONE Friday Fights 58 में शानदार डेब्यू का वादा किया – ‘मैं लड़ सकता हूं और सबका मनोरंजन कर सकता हूं’

Jake Peacock posing at PK Saenchai Muaythaigym

4-औंस के ग्लव्स पहनकर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मॉय थाई फाइटर्स का सामना करने के लिए बेहिसाब जज्बें की जरूरत होती है, लेकिन जब आपके पास एक ही हाथ हो तो ये कार्य और भी साहसिक हो जाता है, जेक पीकॉक उनमें से ही एक व्यक्ति हैं।

30 वर्षीय दिव्यांग फाइटर ने Road to ONE: Canada टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर ONE Championship के मेन रोस्टर में स्थान प्राप्त किया, जहां अब साल के सबसे बड़े ऑल-स्ट्राइकिंग कार्ड्स में से एक में उन्हें अपने कौशल का प्रदर्शन करने का मौका मिला है।

पीकॉक 5 अप्रैल को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में ONE Friday Fights 58: Superbon vs. Grigorian II के एक बेंटमवेट मॉय थाई मुकाबले में कोहेई शिंजो के खिलाफ अपना ONE डेब्यू करेंगे।

मां के गर्भ में हुई कुछ मेडिकल समस्या

जब पीकॉक अपनी मां के गर्भ में विकसित हो रहे थे, तब उनकी एम्नियोटिक थैली का कुछ भाग पट्टों के रूप में अलग हो गया था। इनमें से एक एमनियोटिक बैंड उनकी दाहिनी बांह के चारों ओर लिपट गया था, जिससे उनकी निचली बांह का विकास रुक गया था।

क्योंकि उस समय चिकित्सा प्रौद्योगिकी इतनी एडवांस नहीं थी, डॉक्टर को उनके जन्म तक इस घटना का पता नहीं चला। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पीकॉक को केवल एक विकसित हाथ के साथ जीना सीखना पड़ा।

लेकिन बचपन से ही वो कभी भी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटे। पीकॉक ने ये गुण अपने प्रीमियर लीग फुटबॉलर पिता और दृढ़ मां से सीखा। दोनों ने उन्हें ये सिखाया कि कभी भी अपने अंग के अंतर के कारण खुद को कम मत समझना।

पीकॉक ने याद किया:

“मेरे माता-पिता बेहद सपोर्ट करते थे। वे मुझे एक निश्चित दिशा दिखा देते थे, लेकिन उन्होंने मुझे आगे का पता खुद लगाने दिया।

“जहां तक मुझे याद है, मैं बास्केटबॉल खेलता था। मैंने प्रतिस्पर्धात्मक रूप से तैराकी की। मैंने सब कुछ खेला, फुटबॉल भी। मैंने कराटे किया और उसी पर कायम रहा। मेरा हमेशा से यही रवैया और दृष्टिकोण रहा है कि मैं कभी भी अपने आप को अलग नहीं समझूंगा। इससे मुझे ये मानसिकता मिली कि अगर मैं कुछ करना चाहता हूं तो मैं इसे करके रहूंगा।”

‘मैं किसी से डरने वाला नहीं था’

कई बच्चों के लिए आपस में मिलना-जुलना कठिन होता है, शारीरिक अंतर वाले किसी व्यक्ति के लिए ये और भी बड़ी चुनौती है। इसलिए स्कूल में एक हाथ से जूतों के फीते बांधना और बटन लगाना सीखना पीकॉक की सबसे बड़ी समस्या नहीं थी।

अब उन्हें बुलीज़ (तंग करने वाले लोग) से लड़ना सीखना था। सौभाग्य से, उनके माता-पिता ने उन्हें शुरू से ही कराटे सिखाया। उस अनुभव ने उनके प्रारंभिक वर्षों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। और वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उनके पहले कोच स्टीव ग्रूम ने उन्हें कभी भी किसी से कम नहीं समझा।

पीकॉक ने कहा:

“उन्होंने मुझे सिखाया कि खेल के किसी भी क्षेत्र में मैं सफल हो सकता हूं और उन्होंने मुझमें ये विश्वास पैदा किया कि मैं जो भी ठान लूं, वो कर सकता हूं।

“एक बार कोई मेरे साथ हाथापाई कर रहा था। उसने मुझे चेंजिंग रूम में पकड़ लिया और यही वो समय था जब मैं पहली बार किसी से लड़ा।

“मुझे खुशी है कि वो लड़ाई हुई और किसी ने मुझे ऐसी स्थिति में आने पर मजबूर कर दिया कि मुझे शारीरिक रूप से अपना बचाव करना पड़ा क्योंकि तब मुझे पता चला कि मैं किसी से डरने वाला नहीं था।”

मॉय थाई को अपनाना

पीकॉक ने कराटे का अध्ययन जारी रखा, लेकिन एक मार्शल आर्टिस्ट के रूप में सुधार करने की उनकी भूख अंततः उन्हें मॉय थाई की ओर ले गई।

कोई सोच सकता है कि आधे हाथ से आपको खेल में नुकसान होगा। लेकिन जब भी वो रिंग में उतरते थे तो अपने फायदे के लिए अपने सभी अन्य हथियारों के अलावा अपने छोटे हाथ का भी उपयोग करते थे।

उन्होंने कहा:

 “यदि आप मेरी सभी फाइट्स को देखें तो मैं 11 फिनिश के साथ 12-1 के रिकॉर्ड पर हूं। मेरे सभी फिनिश कुछ अलग रहे हैं। या तो मेरे बाएं पैर या मेरे बाएं हाथ या मेरे दाहिने हाथ ने प्रतिद्वंदी के सिर पर या शरीर पर स्ट्राइक से फिनिश अर्जित किया है।

“मेरी मां ने एक बार मेरी एक फाइट के बाद कहा था कि मैं मॉय थाई का स्विस आर्मी नाइफ हूं क्योंकि मेरे पास बहुत सारे अलग-अलग हथियार हैं।”

दरअसल, 2023 में Road to ONE: Canada टूर्नामेंट में अपना नाम दर्ज कराने से पहले उन हथियारों ने पीकॉक को कई स्थानीय और राष्ट्रीय मॉय थाई खिताब दिलाए थे।

दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में खुद को परखना हमेशा से उनका सपना रहा था। इसलिए जब पीकॉक को टूर्नामेंट में फाइट के लिए चुना गया तो उन्होंने पूरा जोर लगाकर प्रतियोगिता जीती और ONE के मेन रोस्टर में स्थान अर्जित किया।

ये वो क्षण था जिसकी उन्होंने भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। यहां तक ​​कि उन्होंने कई साल पहले इंस्टाग्राम पर ONE के चेयरमैन और सीईओ चाट्री सिटयोटोंग को भी मैसेज किया था।

पीकॉक में बताया:

“जिस क्षण से मैंने Road to ONE के बारे में सुना, मुझे पता था कि मैं ग्लोबल स्टेज के लिए तैयार हूं। ONE Championship ही वो वैश्विक मंच है। मजेदार बात ये है कि चार साल पहले मैंने चाट्री को मैसेज किया था। मैंने कहा कि मुझे ONE में फाइट का मौका चाहिए।”

अंग हानि और अंग अंतर जागरूकता महीना

पीकॉक अब शिंजो के खिलाफ ONE Friday Fights 58 में अपने प्रमोशनल डेब्यू की तैयारी कर रहे हैं और वो वार्षिक अंग हानि और अंग अंतर जागरूकता महीने के दौरान होगा।

अपनी 12 जीतों में 11 फिनिश के साथ पीकॉक का मानना ​​है कि वो सिर्फ एक अंग-भिन्न लड़ाकू से कहीं अधिक हैं और वो सर्वश्रेष्ठ फाइटर्स में से एक हैं। अब वो ONE में सबसे रोमांचक फाइट्स पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पीकॉक ने कहा:

“मैं कभी भी (मेरे अंग अंतर) पर ध्यान आकर्षित करना पसंद नहीं करता। मैं बस मेहनत करना और एक महान फाइटर के रूप में पहचाना जाना चाहता हूं। ये लोगों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने का एक अद्भुत अवसर है।

“मुझे पता था कि मैं बड़े मंच के लिए पैदा हुआ हूं। मेरा जन्म सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगिता के लिए हुआ है। मेरे बारे में बात ये है कि मुझे मनोरंजन करना पसंद है। वहां महान फाइटर्स हैं, लेकिन सही मायने में मनोरंजन करने वाले ज्यादा लोग नहीं हैं। मैं लड़ सकता हूं और मनोरंजन कर सकता हूं। मैं ONE में यही करने जा रहा हूं।”

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