कैसे यू यौ पुई ने परंपरा को पीछे छोड़ मॉय थाई में सफलता हासिल की – ‘ऐसा चुना, जो किसी और की हिम्मत नहीं थी’
उभरती हुई एटमवेट मॉय थाई कंटेंडर यू यौ पुई ने दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है।
साल 2023 में ONE Friday Fights की लगातार पांच फाइट्स जीतने के बाद हांगकांग निवासी एथलीट ने छह अंकों की राशि वाला कॉन्ट्रैक्ट जीता और ONE के ग्लोबल रोस्टर का हिस्सा बनीं। उन्होंने अप्रैल महीने में हुए ONE Fight Night 20 में लारा फर्नांडीज के खिलाफ अपना यूएस प्राइमटाइम डेब्यू किया।
यू अब अपने अपराजित रिकॉर्ड को कायम रखना चाहेंगी, जब 3 अगस्त को ONE Fight Night 24: Brooks vs. Balart में उनका सामना स्कॉटिश स्टार एमी पिर्नी से होगा।
इससे पहले कि ये अहम मॉय थाई मैच थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी स्टेडियम में हो, आइए उनके ग्लोबल स्टेज तक पहुंचने के सफर पर नजर डालते हैं।
‘क्यों ना इसे मौका दिया जाए?’
बचपन में यू ने कभी प्रोफेशनल एथलीट बनने के बारे में नहीं सोचा था, मॉय थाई फाइटर तो बहुत दूर की बात है।
हांगकांग की संस्कृति में पुरुषों और महिलाओं के काम निर्धारित हैं और उन्हें उन कामों में डाला गया, जो महिलाएं करती थीं।
उन्होंने onefc.com को बताया:
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं खेल से जुड़ूंगी। जब मैं छोटी थी तो मेरी मां ने मुझे पियानो और बैले डांस सीखने के लिए कहा। उन्हें लगता था कि लड़कियों को यही करना चाहिए।
“क्योंकि हांगकांग में हमें लगता है कि इन कामों से कॉलेज में दाखिला मिलने में आसानी होती है। ये चीजें काफी काम आती हैं। तो खेल या फिर मॉय थाई सीखने का कोई चांस नहीं था।”
हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद 18 साल की उम्र में यू ने पहले मौका मिलने पर ही मॉय थाई को अपनाया।
उन्होंने कहा:
“सेकेंडरी स्कूल के बाद मेरे पास मौका था कि मैं छुट्टियों में क्या करना चाहती हूं। मैंने कहा, ‘क्यों ना इसे मौका दिया जाए।’ तो एक स्थानीय मॉय थाई फिटनेस सेंटर में गई।”
मॉय थाई में बढ़ाया कदम
शुरुआत में यू का रिंग में मुकाबला करने का कोई सपना नहीं था, वो सिर्फ अच्छी शेप में आना चाहती थीं।
थोड़े समय बाद ही मॉय थाई ने उनके अंदर जुनून पैदा कर दिया, ऐसी भावनाएं जो पियानो या फिर बैले डांस से कभी नहीं आईं:
“जब मैं लोगों के मुंह पर पंच मारती तो मुझे संतुष्टि मिलती थी। हांगकांग में खेल लाभ का सौदा नहीं है। लोग इसे सिर्फ शौकिया तौर पर खेलते हैं। आप मॉय थाई में फाइट कर पैसे नहीं बना सकते। मैंने कुछ ऐसा चुना, जो हांगकांग में किसी और की हिम्मत नहीं थी।”
तब से लेकर अब तक यू को अपने इस कदम पर कभी कोई पछतावा नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि कॉलेज और बाद में जॉब वाली संस्कृति ने उन्हें प्रभावित नहीं किया:
“हांगकांग में काफी तनाव वाली संस्कृति है खासकर तब जब आप पढ़ाई करे रहे हो। मुझे याद है कि मैं अपना सारा समय पढ़ाई में लगा देती थी। जब कॉलेज गई तो लगता कि ‘ये कभी खत्म नहीं होने वाला।'”
मुश्किल समय को पीछे छोड़ा
यू ने मॉय थाई में खुद को पूरी तरह से झोंक दिया था और एशिया की टॉप स्ट्राइकर्स में से एक बनने के लिए उन्हें काफी यात्रा की।
उन्होंने कामयाबी में बहुत सारी चुनौतियां भी आईं। उन्होंने एक चोट और उसके बाद की झुंझलाहट और बेसब्री को बयां किया:
“मेरी पीठ के निचले हिस्से में चोट आई थी। लोअर बैक मुख्य मांसपेशी होती है। अगर आपके हाथ को चोट आई है तो आप किकिंग कर सकते हैं। पैर में चोट आई है तो कुछ और कर सकते हैं। लेकिन अगर लोअर बैक में चोट है तो आप हाथ और पैर नहीं हिला सकते।
“ये मेरे लिए बहुत मुश्किल था। मैं शुरुआत में काफी प्रेरित थी और बाद में निराश होने लगी क्योंकि जिम के दूसरे को लोगों को अच्छे मौके मिल रहे थे। उनको काफी प्रतियोगिता और खुद में सुधार करने का मौका मिल रहा था।”
यू उस चोट से ठीक हुईं और फिर कोविड की वजह से सब कुछ ठप्प हो गया था।
हांगकांग के सख्त नियमों की वजह से वो मुकाबला नहीं कर पा रही थीं, लेकिन उन्होंने लगातार मेहनत करना जारी रखा:
“मैंने कोविड के दौरान ट्रेनिंग जारी रखी। उस दौरान प्रतियोगिताएं नहीं ही रही थी तो मुझे नहीं पता कि किस चीज की ट्रेनिंग कर रही थी। मैं अच्छे होने की कामना कर रही थी। मुझे नहीं लगता था कि मैं कभी ONE Championship में फाइट कर पाऊंगी।”
नकारात्मकता को दूर किया
परंपरा को पीछे छोड़, गंभीर चोट से ठीक होकर और महामारी के बाद यू दृढ़ इच्छा-शक्ति के दम ONE Friday Fights में आईं। जहां उन्होंने 2023 में खूब सफलता हासिल की और मॉय थाई की उभरती हुई स्टार्स में से एक बनी।
उन्होंने बताया:
“लोग अब भी कई तरह के कमेंट्स करते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि उन्हें मेरा स्टाइल पसंद नहीं। वे कहते हैं, ‘ये स्ट्रीट फाइटर की तरह है। ये मॉय थाई का कबाड़ा कर रही है।’ मैं काफी नकारात्मक बातों का सामना करती हूं। लेकिन मैं लगातार आगे बढ़ती और जिम में ट्रेनिंग करती रहती हूं।”
31 वर्षीय स्टार की उपलब्धियां उनकी कहानी कहती हैं।
अब उनका लक्ष्य दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में सातवीं जीत हासिल करने का होगा और वो नकारात्मक बातों को नजरअंदाज कर रही हैं:
“जैसे आप हो, वैसा होने में डरने की जरूरत नहीं है। यही बात मायने रखती है।
“कोई मायने नहीं रखता कि आपका स्टाइल कैसा है, आप कैसा परफॉर्म कर रहे हैं, अब खुद को लेकर सहज रहिए।”