जैकी बुंटान से मुकाबले के पहले 17 साल की स्मिला संडेल बोलीं – “मुझे असफल होना अच्छा नहीं लगता”
स्मिला संडेल अगले सप्ताह ONE इतिहास की सबसे युवा वर्ल्ड चैंपियन बन सकती हैं। हालांकि, 17 साल की एथलीट ने कई साल पहले शुरू हुई अपनी मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग के साथ इस उपलब्धि की नींव डाल दी थी।
कम उम्र के बावजूद “द हरिकेन” शुक्रवार, 22 अप्रैल को ONE: Eersel vs. Sadikovic में ज़ैकी बुंटान के खिलाफ होने वाले पहले ONE विमेंस स्ट्रॉवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में होने वाले को-मेन इवेंट के इस अहम व दिलचस्प मुकाबले से पहले आइए जानते हैं कि स्वीडन की ये जबरदस्त एथलीट थाईलैंड में कैसे इस बड़े मौके तक पहुंची हैं।
स्कैंडिनेविया में बीता बचपन
संडेल का जन्म स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था और माता-पिता ने उनका पालन पोषण उनकी छोटी बहन के साथ किया था। उनकी मां पेशे से शेफ हैं और पिता एक फोटोग्राफर हैं।
उन्होंने काफी छोटी उम्र में ही कॉम्बैट स्पोर्ट्स जॉइन कर लिया था, जिसका उस समय मकसद केवल अपनी आत्मरक्षा करना था।
“द हरिकेन” याद करते हुए बताती हैं:
“मैंने मार्शल आर्ट्स की शुरुआत तब की थी, जब मैं केवल 5 साल की थी और उस समय मैं केवल कराटे सीखा करती थी। मेरे माता-पिता चाहते थे कि मैं अपनी आत्मरक्षा खुद कर सकूं।”
कुछ साल बाद संडेल को मॉय थाई से लगाव हो गया, जब परिवार के साथ छुट्टियों पर जाने के दौरान इत्तेफाक से उन्हें एक लाइव बाउट देखने का मौका मिल गया था।
हालांकि, इसमें उनकी दिलचस्पी जरूरी बढ़ी लेकिन इसके बाद इस बारे में उन्होंने ज्यादा नहीं सोचा।
स्ट्राइकर ने बताया, “मैंने एक बार छुट्टियों में 10 या 11 साल की उम्र में मॉय थाई पर हाथ आजमाया था, लेकिन इससे कोई बदलाव नहीं आया क्योंकि ये चीज केवल दो दिन के लिए ही मैंने की थी।”
“इस बारे में हमें एक रात तब पता चला, जब हम कुछ मुकाबले देख रहे थे। मेरे पास मॉय थाई जिम (वहां होने वाला इवेंट) का एक पर्चा मिला था और अगले दिन हम वहां उसे देखने गए थे।
“जब पहली बार मैंने उसे देखा था तो थोड़ा डर गई थी, लेकिन फिर लगा कि ये काफी प्रेरणादायी और मजेदार था। इसमें जीतना भी काफी मजेदार लग रहा था।”
माय थाई के गढ़ में हुईं शामिल
“द आर्ट ऑफ 8 लिम्ब्स” से हुई पहली मुलाकात के बाद संडेल का परिवार थाईलैंड आ गया, जो कि इस तेज-तर्रार स्ट्राइकिंग कला का जन्म स्थल है
इसका मतलब ये था कि वो स्टॉकहोम के उत्तरी यूरोप के मौसम को छोड़कर समुई के ऊष्मा वाले मौसम में आ गई थीं। इन बदले हुए नजारों को देखकर “द हरिकेन” को अच्छा लगना शुरू हो चुका था।
उन्होंने कहा:
“तब मेरी उम्र 11 या 12 साल रही होगी, जब मेरे पिता ने थाईलैंड में काम करना शुरू किया था और इसके चलते पूरा परिवार वहीं 5 साल से बसा हुआ है।
“काफी छोटी उम्र में थाईलैंड में रहना काफी मजेदार अनुभव रहा। ये स्वीडन से काफी अलग था, जो मुझे अच्छा लगा। अपनी संस्कृति, मौसम और बाकी कई चीजों के चलते मैं कहना चाहूंगी कि थाईलैंड काफी अलग है।”
हालांकि, इस फेरबदल से संडेल के जीवन में भी बड़े बदलाव आए।
स्वीडन की अपनी पुरानी आदतों को बदले बिना एथलीट को ऐसी चीजों की तलाश थी, जो उनके खालीपन को भर सके। इसी के चलते उनका ध्यान थाईलैंड के राष्ट्रीय खेल पर गया।
उन्होंने कहा, “जब मैं 12 या 13 साल की थी, तब मैंने मॉय थाई शुरू किया था।”
“कोह समुई में करने के लिए कुछ ज्यादा तो नहीं था इसलिए जब मुझे स्थानीय मॉय थाई जिम के बारे में पता चला तो मैंने उसे जॉइन कर लिया। मेरे पूरे परिवार ने मॉय थाई जॉइन किया, लेकिन मां और पिता ने उसे छोड़ दिया था क्योंकि वो उसे नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से मैंने अपनी बहन के साथ इसे करना जारी रखा।”
अप्रत्याशित तरह से रिंग में रखा कदम
“द हरिकेन” अपने इस नए शौक के साथ जुड़ी रहीं। इस दौरान उनका टैलेंट गजब का था, लेकिन उनकी मंशा मुकाबला करने की नहीं थी।
यहां तक कि संडेल के माता-पिता ने थोड़ी बहुत चेतावनी के साथ उन्हें मुकाबले के लिए साइन कर दिया, जो उस समय 12 साल की एथलीट को बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।
उन्होंने कहा, “मुझे ट्रेनिंग अच्छी लगती थी, लेकिन मुकाबला करने की कोई योजना नहीं थी।”
“मेरे माता-पिता ने मुझे प्रोत्साहित किया और मुकाबला करने के लिए थोड़ा जोर भी दिया। मुझे मुकाबला करने से कुछ मिनट पहले ही इस बात का पता चला था। उन्होंने मुझे मुकाबला करने से एक दिन पहले ही इस बात की जानकारी दी थी तो मैं इससे बिल्कुल भी खुश नहीं थी, लेकिन मेरी मदद करने और मुझे आगे बढ़ाने के लिए मैं उनकी आभारी हूं। वरना, मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती।”
कई सारे फाइटर्स को मुकाबले से तुरंत ही लगाव हो जाता है और वो मुकाबला फिर से करने के लिए बेताब रहते हैं।
लेकिन संडेल के मामले में ऐसा नहीं था। उन्होंने ये तय किया हुआ था कि ये उनके लिए सिर्फ एक शौक बना रहेगा, लेकिन जैसे ही उन्हें ये अहसास हुआ कि इसमें वो काफी कुछ कर सकती हैं, खासकर तगड़े विरोधियों के खिलाफ तो उनका मन बदल गया और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
युवा सनसनी ने ONE Championship को बताया:
“मेरे पहले मुकाबले के बाद सब कुछ अच्छा था क्योंकि मैं जीत गई थी, लेकिन तब भी ये खेल मुझे बहुत पसंद नहीं था। मुझे करीब तीन मुकाबलों के बाद अहसास हुआ कि मैं इसमें अच्छी हूं और इसे जारी रखना चाहती हूं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मुझे ट्रेनिंग पसंद थी, लेकिन शुरुआत में मुकाबला करना मेरी योजना में शामिल नहीं था और वो मुझे अच्छा भी नहीं लगता था।”
“मुझे लगता है कि मैं डरी हुई थी। मुझे असफलता अच्छी नहीं लगती। मुझे हारना पसंद नहीं है, लेकिन जब मैंने स्टेडियम में बेल्ट जीती तो मैंने सोचा कि अच्छा अब अगला कदम क्या होगा?”
यहां तक कि “द हरिकेन” को हार से इतनी चिढ़ थी कि जब वो पहली बार हारीं तो इस पराजय ने मॉय थाई के प्रति उनको दृढ़ बनाने में उत्प्रेरक का काम कर दिया।
उनकी ये दृढ़ता काम आई और स्वीडन की बेहतरीन एथलीट ने केवल 16 साल की उम्र में चोटी की थाई फाइटर सॉसिंग सोर सोपित को हराकर WBC मॉय थाई की दुनिया में वो #1 रैंक की विमेंस फेदरवेट एथलीट बन गईं।
संडेल ने इस बारे में बताया:
“पहली हार के बाद मुझे बहुत गुस्सा आया और गुस्से के चलते मैंने खाना भी नहीं खाया, लेकिन एक-दो दिन बाद मैं इससे उबर गई और आगे से अच्छा करना चाहती थी। मैं पहले ज्यादा अच्छी ट्रेनिंग करना चाहती थी। मैं सबको हरा देना चाहती थी। उसके बाद से मैं हर मुकाबला जीतना चाहती थी।”
ONE में इतिहास रचने का प्रयास
कोह समुई में रहने के दौरान “द हरिकेन” ने 30 बार मुकाबला किए, लेकिन उस क्षेत्र में जल्द ही मुकाबले करने के मौके सीमित होते चले गए थे।
इस वजह से अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें पता था कि दुनिया के जाने-माने मॉय थाई जिम में शामिल होना पड़ेगा। ऐसे में एक ONE Championship सुपरस्टार ने उन्हें अक्टूबर 2019 में इस बदलाव के लिए प्रेरित किया।
संडेल ने बताया, “मैं ONE Championship में स्टैम्प (फेयरटेक्स) के काफी सारे मुकाबले देखा करती थी, उन्हें फेयरटेक्स में ट्रेनिंग करते देखती और उनसे प्रेरित भी थी। मैं उन्हीं की तरह बनना चाहती थी।”
“डाउन साउथ में मेरे पास कोई विरोधी नहीं बचा था तो मैं अपने पिता के साथ छुट्टियों में पटाया आ गई, ताकि वहां घूम सकूं और Fairtex जिम को देख सकूं।
“मैंने वहां सुबह का एक सत्र पूरा किया, जो कि एक प्राइवेट सत्र था, लेकिन फिर उन्होंने मुझे दोपहर के बाद फिर से आने को कहा। उस दिन मेरे बॉस ने मुझे देखा और वो चाहते थे कि मैं जिम जॉइन करूं तो ये काफी छोटा सा परीक्षण था।”
अब 17 साल की एथलीट का स्टैम्प के साथ काफी गहरा संबंध बन गया है और वो अपने आदर्श के पदचिह्नों पर चलकर ऑल स्ट्राइकिंग ONE Super Series में वर्ल्ड टाइटल खिताब पर हाथ आजमाने जा रही हैं।
संडेल ने फरवरी में डियांड्रा मार्टिन पर धमाकेदार डेब्यू जीत हासिल करके विमेंस स्ट्रॉवेट बेल्ट पाने का मौका हासिल किया था और 22 अप्रैल को अगर वो बुंटान को हराती हैं तो एक नया इतिहास रच देंगी।
संडेल ने बताया:
“स्टैम्प मेरे लिए बहुत प्रेरणादाई हैं, मैं भी उन्हीं के जैसी बनना चाहती हूं। जब मैं उन्हें हर दिन ट्रेनिंग करते देखती हूं तो इससे मुझे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। मैं उन्हें बड़ी बहन की तरह मानती हूं।”
“मैं ONE Championship इतिहास में सबसे कम उम्र की वर्ल्ड चैंपियन बनना चाहती हूं, ताकि आने वाली युवा लड़कियों की पीढ़ी के लिए एक विरासत का निर्माण कर सकूं।”