कैसे प्राजनचाई के मार्गदर्शन ने तवनचाई को मॉय थाई में प्रसिद्धि दिलाई – ‘मैं उन्हें एक आदर्श के रूप में देखता हूं’

Tawanchai Prajanchai 1200X800

भले ही थाई सुपरस्टार्स तवनचाई पीके साइन्चाई और प्राजनचाई पीके साइन्चाई के बीच खून का रिश्ता नहीं है, लेकिन वो एक दूसरे को अपना परिवार मानते हैं।

ONE वर्ल्ड चैंपियन टीम के दोनों साथी इस सप्ताह ONE Friday Fights 46 में भाग लेंगे और वे थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में मिले अविश्वसनीय अवसर से प्रेरित हैं।

धमाकेदार मेन इवेंट में तवनचाई अपना ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल सुपरबोन सिंघा माविन के खिलाफ डिफेंड करेंगे, जबकि ONE अंतरिम स्ट्रॉवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन प्राजनचाई वर्ल्ड टाइटल यूनिफिकेशन मैच में जोसेफ “द हरिकेन” लसीरी का सामना करेंगे और अपनी पिछली हार का बदला पूरा करना चाहेंगे।

दोनों थाई एथलीट्स ने एक दशक से अधिक समय से एक साथ प्रशिक्षण लिया है इसलिए एक के बाद एक मुकाबलों में गोल्ड बेल्ट जीत पाने का अवसर दोनों को उत्साहित करता है।

तवनचाई ने कहा: 

“ये काफी खास है क्योंकि वो मेरे बड़े भाई हैं जिन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। हम शायद अपनी जीत का जश्न एक साथ मना पाएंगे।”

इन स्ट्राइकर्स के बीच घनिष्ठ संबंध उनके रिंग नामों में भी उजागर होता है।

प्राजनचाई का अर्थ है “मूनशाइन” (चांद की रोशनी) और जब युवा एथलीट ने PK Saenchai Gym में ट्रेनिंग शुरू की थी तब उन्होंने ही तवनचाई को उनका नाम दिया था, जिसका अर्थ है “सनशाइन” (सूरज की रोशनी)।

अब, वरिष्ठ प्रतियोगी इस शुक्रवार को अपने करीबी दोस्त के साथ मंच साझा करने के लिए उतना ही उत्साहित हैं:

“ये हम दोनों के लिए एक और महत्वपूर्ण फाइट है। मुझे लगता है कि अगर वो और मैं दोनों जीत गए तो ये अविश्वसनीय होगा और सभी थाई लोग, विशेषकर मेरे बॉस खुश होंगे। और मुझे विश्वास है कि हमारा जीवन बेहतर और बेहतर होता जाएगा।

“हम इतिहास के पन्नों में लिख पाएंगे कि सूर्य और चंद्रमा एक साथ वर्ल्ड चैंपियन बने और हमारी पहचान आसमान छू जाएगी।” 

हालांकि ये स्पष्ट है कि दोनों एथलीट्स अपने गृह नगर बैंकॉक में अपने साथी का समर्थन करेंगे, लेकिन वो सामने खड़ी कठिन चुनौतियों से भी अवगत हैं।

लेकिन अगर किसी के पास भविष्यवाणी करने के लिए अंदरूनी जानकारी है तो वो यही दोनों एथलीट हैं जो दिन-ब-दिन एक साथ ट्रेनिंग करते हैं।

तवनचाई ने कहा: 

“मुझे लगता है कि प्राजनचाई उस दिन थोड़े लापरवाह थे (जब वो पहली बार लसीरी से हार गए थे)। और लसीरी अच्छी तरह से तैयार थे। मेरा मानना ​​है कि इस बार परिणाम अलग होगा। मेरे भाई (यूनिफाइड) गोल्ड बेल्ट को हासिल करने में सक्षम होंगे।” 

प्राजनचाई के मन में सुपरबोन के लिए बहुत सम्मान है, जिनके पास पहले ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल था।

लेकिन साथ ही उनका मानना ​​है कि “द आर्ट ऑफ 8 लिंब्स” के खेल में तवनचाई का हालिया प्रभुत्व उस मुकाबले में महत्वपूर्ण अंतर पैदा करेगा।

उन्होंने कहा: 

“सुपरबोन को किकबॉक्सिंग में अधिक अनुभव हो सकता है, लेकिन मॉय थाई में मेरा मानना ​​है कि तवनचाई उनसे नहीं हार सकते। क्योंकि सुपरबोन को पहले छोटे ग्लव्स को अपनाना पड़ेगा।

“मुझे छोटे ग्लव्स का आदी होने में थोड़ा समय लगा। मेरा मानना ​​है कि सुपरबोन उतने स्वतंत्र रूप से पंच नहीं मार पाएंगे जितना कि किकबॉक्सिंग में बड़े ग्लव्स पहनकर करते हैं। लेकिन मुझे यकीन है कि उनका मैच धमाकेदार होगा।” 

‘जब मैं बच्चा था तभी से उन्होंने मेरा ख्याल रखा’

इन दिनों 24 वर्षीय तवनचाई और 29 वर्षीय प्राजनचाई इस दुनिया के दो सबसे महान स्ट्राइकर्स के रूप में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, लेकिन उनका रिश्ता एक फैनबॉय पल के साथ शुरू हुआ था।

2013 में प्राजनचाई को तवनचाई प्रेरणास्रोत के रूप में देखते थे, जो पहले से ही एक प्रसिद्ध प्रतियोगी और एक प्रतिष्ठित Rajadamnern Stadium मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन थे।

युवा खिलाड़ी अभी भी रैंकों के माध्यम से ऊपर उठने की कोशिश कर रहे थे और अपने फाइटिंग हीरोज़ में से एक से मिलने के बाद उन्होंने अपना मौका तलाशा।

प्राजनचाई ने याद किया: 

“हमने Rajadamnern में एक ही कार्ड में फाइट की। मैंने मेन इवेंट में मुकाबला किया और हमने एक साथ फोटो ली। और फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या वो PK Saenchai में मेरे साथ ट्रेनिंग करने आ सकते हैं।

“उस समय उन्हें अपने पुराने जिम से कुछ समस्या थी इसलिए मैंने जिम के मालिक से बातचीत करने के लिए कहा और उन्हें PK में आमंत्रित किया। और हम तब से अब तक साथ हैं।”

उस दिन से प्राजनचाई ने अपने उभरते नए साथी का समर्थन करने के लिए हर संभव प्रयास किया और उनका रिश्ता पिछले कुछ वर्षों में और मजबूत हो गया है।

तवनचाई ने बताया: 

“मैं उनका सम्मान करता हूं क्योंकि वो एक अच्छे कार्य नीति वाले फाइटर का एक महान उदाहरण हैं। इसलिए मैं उन्हें एक आदर्श के रूप में देखता हूं। मुझे उनकी लड़ने की शैली बहुत पसंद है।

“मैं लगभग दस वर्षों से उनके साथ ट्रेनिंग कर रहा हूं। जब मैं बच्चा था तब से उन्होंने मेरा ख्याल रखा है। वो और मैं इतने करीब हैं कि बिना कोई शब्द कहे हम जान जाते हैं कि एक-दूसरे क्या सोच रहे हैं।” 

तवनचाई ने कसम खाई थी कि वो अपना सारा समय और प्रयास सार्थक बनाएंगे और ये अब स्पष्ट है कि उनको अपने बलिदानों का फल मिला है।

प्राजनचाई हमेशा सलाह देने और बड़े भाई की भूमिका निभाने के लिए मौजूद रहते हैं। इस बीच तवनचाई मॉय थाई के खेल में सबसे बड़े नामों में से एक बनने में कामयाब हुए हैं।

ये कुछ ऐसा है जिस पर वरिष्ठ प्रतियोगी को गर्व है और वो ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन के शानदार विकास में भूमिका निभाकर रोमांचित हैं।

प्राजनचाई ने आगे कहा: 

“अगर मेरी याददाश्त सही है तो एक बच्चे के रूप में तवनचाई को अपने सगे भाई के साथ ज्यादा रहने का मौका नहीं मिला था क्योंकि वो जेल में थे इसलिए वो अपने पिता के साथ ही रहते थे। और जब मैंने उनकी देखभाल करना शुरू किया तो मैंने उन्हें अपने छोटे भाई की तरह सिखाया और सलाह दी। इसलिए वो मुझे एक भाई मानते हैं।

“एक दिन उन्होंने मुझसे कहा, ‘किसी दिन मैं आपकी जगह ले सकूंगा।’ उनका मतलब ये था कि वो मेरा प्रतिनिधि बनना चाहते थे। उनकी सफलता मेरी भी सफलता है।

“मुझे गर्व है कि वो मेरी जगह लेने का अपना वादा पूरा करने में सक्षम रहे और एक अच्छे फाइटर बन गए। अनुशासन के मामले में वो अगली पीढ़ी के फाइटर्स के लिए एक अच्छा उदाहरण हैं। मैं चाहता हूं कि वो अगली पीढ़ी के फाइटर्स के लिए वो एक दिग्गज बने। नंबर एक तो कोई भी हो सकता है। लेकिन कुछ ही लैजेंड बन सकते हैं।”

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