वालमीर डा सिल्वा की MMA में कामयाबी हासिल करने की प्रेरणादायक कहानी
वालमीर “जूनियर” डा सिल्वा ने अपने जीवन में मिली हर नाकामयाबी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा की तरह इस्तेमाल किया है।
6 अप्रैल को होने वाले ONE Fight Night 21: Eersel vs. Nicolas के वेल्टरवेट MMA मैच में ब्राजीलियाई स्टार का सामना हिरोयुकी “जापानीज़ बीस्ट” टेटसुका से होगा।
इससे पहले कि वो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में अपने मैच के लिए रिंग में उतरें, आइए दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन तक पहुंचने की उनकी यात्रा पर एक नजर डालते हैं।
पिता के घर छोड़कर जाने के बावजूद प्यार मिला
डा सिल्वा का जन्म और पालन-पोषण ब्राजील के मनाउस में हुआ था। वो तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे। एक सिंगल पेरेेंट के रूप में उनकी मां घंटों तक काम करती थीं।
उन्होंने onefc.com को बताया:
“मेरी मां ने कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। मेरी मां एक सुपरहीरो है। वो मेरी दृढ़ता, प्रेरणा और अनुशासन का स्त्रोत हैं।
“उन्होंने हमारे लिए खून-पसीना एक कर दिया। आज मैं उन्हें वही सब वापस करना चाहता हूं।”
डा सिल्वा के पिता परिवार को छोड़कर चले गए थे, जब वो बहुत छोटे थे।
इसके बावजूद “जूनियर” का मानना है कि उन्हें हमेशा समर्थन हासिल हुआ खासकर बड़े भाई और दादी से:
“मेरी परवरिश दादी ने की, जो अब दुर्भाग्य के हमारी बीच नहीं हैं। वो हमेशा मेरे और मेरा भाई के साथ थीं। उन्होंने हमें प्यार दिया। उन्होंने पास रहकर पिता की कमी को पूरा किया।
“मेरे पिता को कभी पता चलेगा कि मैं कौन हूं। मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं। लेकिन आज मैं खुद एक पिता हूं और मैं समझ नहीं पाता कि वो कैसे हमें छोड़ सकते हैं क्योंकि मैं अपनी बेटी के बिना एक सेकंड भी नहीं रह सकता।”
BJJ के जरिए बेहतर जीवन
डा सिल्वा आज एक बेहतरीन प्रोफेशनल एथलीट हैं, लेकिन एक समय था जब वो घर से बाहर कदम भी नहीं रखते थे।
इस वजह से उनका वजन काफी बढ़ गया था और इस स्थिति को ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) ने ठीक किया:
“जब मैं 14 साल का था तो मुझे जिउ-जित्सु के बारे में पता चला। मुझे घर से निकलना पसंद नहीं था। मैं अपने कोने में रहकर खुश था। मैं मोटा होता जा रहा था। मेरा वजन 230 पाउंड (करीब 104 किलो) हो गया था।
“मैं नई चीजें करना चाहता था और मुझे फाइट्स देखने में मजा आता था। मैंने अपने भाई से सलाह ली। उन्होंने मुझसे कहा कि क्या मैं जिउ-जित्सु करना चाहूंगा और मैंने हां कह दिया, लेकिन मुझे गी (मैच के दौरान पहने जाने वाली कॉस्ट्यूम) की जरूरत थी। मेरे भाई ने गी का इंतजाम किया और मैंने जिउ-जित्सु शुरु कर दिया।”
अपने खेल को विकसित करने की प्रेरणा
डा सिल्वा ने जब BJJ शुरु किया तो वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के फैन थे, लेकिन उसी दौरान दिग्गज होज़े एल्डो MMA में अपना नाम बना रहे थे।
मशहूर MMA वर्ल्ड चैंपियन एक खतरनाक स्ट्राइकर थे और उन्हें देखकर ब्राजीलियाई स्ट्राइकर ने मॉय थाई की शुरुआत की।
28 वर्षीय स्टार ने कहा:
“मैंने होज़े एल्डो को पहली बार फाइट करते देखा। उन्होंने उरिजाह फेबर की टांग का बुरा हाल कर दिया था।
“ये बात मेरे सिर पर चढ़ गई और मुझे ये चीज सीखनी थी। इस वजह से मैंने काफी समय तक जिउ-जित्सु छोड़ दिया था। मैंने मॉय थाई शुरु किया और इसमें सुधार करने लगा। मैंने एल्डो की तरह बनने पर ध्यान लगाया हुआ है।
“कुछ जिउ-जित्सु प्रतियोगिताओं और 11 मॉय थाई फाइट्स के बाद मैंने MMA में आने का फैसला किया। तब मैंने खुद से कहा, ‘मेरा ग्राउंड गेम अच्छा है और स्ट्राइकिंग भी। फिर क्यों ना MMA किया जाए?'”
‘मैंने लगभग सब कुछ छोड़ दिया था’
डा सिल्वा ने अपने देश में 7-1 का MMA रिकॉर्ड बनाया, लेकिन COVID-19 महामारी ने सबकुछ खराब कर दिया था।
दादी के निधन के बाद “जूनियर” अपने गॉडफादर के साथ रहने लगे। वे काफी करीब थे और उन्होंने ट्रेनिंग, पढ़ाई, घर और रेस्टोरेंट में काम करना पड़ा था।
लेकिन जब महामारी आई तो सब कुछ रुक गया। जब उनके गॉडफादर का निधन हुआ तो सब कुछ असहनीय बन गया।
डा सिल्वा ने बताया:
“महामारी के बीच में कोविड की वजह से मेरे गॉडफादर का निधन हो गया। उनका लंबे समय तक इलाज चला, लेकिन वो ठीक नहीं हो पाए।
“उसके बाद मैं बेचैन और अवसाद में चला गया। मैंने लगभग सब कुछ छोड़ दिया था। कोविड की दूसरी लहर आई तो मेरे पास कोई काम नहीं था। मेरे पास फाइट नहीं थी क्योंकि कोई भी MMA इवेंट्स नहीं हो रहे थे। सभी जिम बंद थे।”
“जूनियर” को अहसास हुआ कि वो डूब से रहे हैं। तब उनकी जिंदगी में बहुत ही महत्वपूर्ण शख्स आया और उन्हें सही रास्ता मिला।
डा सिल्वा ने जीवन बदल देने वाली बात के बारे में बताया:
“मैं सही से नहीं खा रहा था। मैं फाइट के बारे में नहीं सोचता था। तब मैं अपनी बेटी की मां से मिला। उन्होंने मुझे सही रास्ते पर लाने में मदद की। उन्होंने मेरी डाइट तैयार की, ट्रेनिंग पर जाने के लिए प्रेरित किया और मैं दोबारा फाइट करने लगा।
“उनके साथ की वजह से ही मुझे अच्छा फल मिल रहा है। उन्होंने मुझे हार मानने नहीं दी।”
ग्लोबल स्टेज का सफर
डा सिल्वा अब दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में फाइट कर रहे हैं, जिन्हें करोड़ों फैंस देखते हैं।
ब्राजीलियाई स्टार ने बताया:
“मैं हर चीज को प्रेरणा के रूप में देखता हूं। जब भी मुझे लगता है कि चीजें सही नहीं हैं, तब मैं पुराने समय को याद करता हूं।
“भगवान की कृपा है कि मैं जिस जगह आना चाहता था, वहां आ चुका हूं। मैं अच्छा बनने के लिए सब कुछ करूंगा और सारे त्याग काम आएंगे।”