ब्रूनो चावेस ONE में बड़े मौके के लिए तैयार – ‘मैं अपने पिता के जैसा फाइटर बनना चाहता था’
ब्रूनो चावेस की रगों में कॉम्बैट स्पोर्ट्स बसा हुआ है और वो इस विरासत को गुरुवार, 29 सितंबर को अपने ONE Championship डेब्यू के दौरान भी आगे बढ़ाते हुए ले जाएंगे।
उस शाम को ब्राजीलियाई एथलीट अपने जीवन भर के कठिन परिश्रम का प्रदर्शन दुनियाभर के दर्शकों के सामने तब करेंगे, जब ONE 161: Petchmorakot vs. Tawanchai में उनका सामना ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री सेमीफाइनल में ईरानी स्टार इराज अज़ीज़पोर से होगा।
उनके बीच मुकाबला मेन कार्ड पर को-मेन इवेंट्स में से एक के रूप में रहेगा। ऐसे में सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में 6 फुट 5 इंच लंबे एथलीट इस बड़े मौके के लिए तैयार हैं।
इससे पहले कि वो टूर्नामेंट की प्रतिष्ठित सिल्वर बेल्ट के लिए अपना सफर शुरू करें, आइए जानते हैं कि “मोहम्मद अली” कैसे विश्व के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में शामिल हुए।
कम उम्र से ही लक्ष्य पर टिकी थीं निगाहें
चावेस का जन्म ब्राजील में रियो डी जेनेरियो के उपनगर नितेरोई में हुआ, वहां वो 6 साल की उम्र तक रहे थे।
जब उनके माता-पिता अलग हुए, तब वो अपना समय जन्म स्थान और दक्षिण में मरिंगा के बीच बांटने लगे, जहां ज्यादातर समय वो अपने पिता के साथ बिताते थे।
इस दौरान वो अपनी चार बहनों के साथ बड़े हुए। दो उनकी सगी बहनें थीं और दो सौतेली। ऐसे में वो अपनी बचपन की यादों को बहुत प्रेम से याद करते हैं। उनके माता-पिता दोनों के पास ही ज्यादा संसाधान नहीं हुआ करते थे और दोनों ही कठिनाइयों को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत किया करते थे।
30 साल के एथलीट को याद है:
“मेरे पिता सिक्यॉरिटी गार्ड और मां एक बारटेंडर व रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम किया करती थीं। हमने हमेशा गरीबी रेखा पर ही अपना जीवन बिताया है और उन दोनों का जीवन काफी कठिन हुआ करता था। हालांकि, मुझे याद है कि वो मेरा ध्यान इस तरह से रखते थे कि मुझ तक वो परेशानियां कभी ना पहुंचे।”
चावेस के पिता का ब्राजील में जहां जन्म हुआ था, वहां के एक पुराने स्कूल में वो वाले टूडो (मार्शल आर्ट) फाइटर हुआ करते हैं। वो 1995 के शुरुआती दौर में मुकाबले किया करते थे।
इसी का परिणाम था कि युवा एथलीट का जल्द ही मार्शल आर्ट्स से सामना करवा दिया गया।
इसके साथ दूसरे स्पोर्ट्स खेलने के चलते चावेस स्कूल में काफी लोकप्रिय हो गए थे। वो जमीन से जुड़े रहने और मिलनसार बनने की कोशिश में लगे रहते थे।
उन्होंने बताया:
“मैं काफी लोकप्रिय हो चुका था क्योंकि फाइटिंग और बास्केटबॉल दोनों खेल लेता था और इन सबके बाद भी सबसे अच्छा व्यवहार करता था। मैं पहले से ही एक फाइटर के रूप में मशहूर था, लेकिन कभी भी घमंड या गलत व्यवहार नहीं किया करता था। मैं एक सामान्य बच्चे की तरह ही था।
“आज मैं जो भी हूं, वो बनना ही मेरा सपना था। मैं जब छोटा था, तबसे कहता आ रहा हूं कि मैं अपने पिता के जैसा फाइटर बनना चाहता था।”
‘जेंटल आर्ट’ से की शुरुआत
चावेस ने 4 साल की उम्र में अपने पिता से शौकिया मार्शल आर्ट्स सीखनी शुरू की थी, लेकिन उनकी असली ट्रेनिंग 6 साल की उम्र में शुरू हो गई थी।
अब एक दिग्गज स्ट्राइकर के तौर पर पहचाने जाने के बावजूद उन्होंने किकबॉक्सिंग में जाने से पहले अपनी शुरुआत ब्राजीलियन जिउ-जित्सु और कापोएरा से की थी।
हेवीवेट एथलीट ने बताया:
“मैं इन चीजों में हमेशा से शामिल रहा हूं। मुझे ऐसा माहौल मिला, जहां मैं हमेशा फाइटिंग एकेडमिक्स में आता-जाता रहा था।
“साल 2006 में मेरे पिता मेनेगा के जिम में टीचिंग करने लगे थे और वो मेरे पहले टीचर बने। वहां वो किकबॉक्सिंग और मॉय थाई की ट्रेनिंग देते थे। वहां पर एक रिंग भी थी। क्योंकि मैं “मास्टर जूनियर” का बेटा था इसलिए लोग मुझे हमेशा रिंग में जाने के लिए चैलेंज किया करते थे।”
फिर चावेस ने आखिरकार चुनौती को स्वीकार कर लिया। हालांकि, उनका पहला मैच वैसा नहीं गया था, जिस तरह की वो योजना बनाकर गए थे, लेकिन इससे उनके सफल करियर की शुरुआत हो गई थी।
उन्होंने बताया:
“एक दिन मैं रिंग में गया और कई सारे लोगों को चुनौती दे डाली। एक महीने बाद मैं टीम के साथ इस स्पोर्ट की ट्रेनिंग ज्यादा नहीं कर रहा था। ऐसे में मास्टर मेनेगा को एक कमाल का आइडिया आया और उन्होंने मुझे एकेडमी के अंदर ही एमेच्योर इवेंट में फाइट के लिए भेज दिया। मैंने काफी सारे प्वाइंट्स जरूर गंवाए, लेकिन वो एक अच्छी फाइट थी।”
शुरुआत होने से पहले करीब-करीब हुआ खत्म
शानदार भविष्य होने के बावजूद चावेस की किशोरावस्था में एक ऐसी घटना घटी, जिसने चोटी तक पहुंचने के उनके करियर को लगभग खत्म कर दिया था।
लेकिन अंतत: उनका मानना है कि मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग ने उन्हें इससे उबरने में मदद की।
ब्राजीलियाई एथलीट ने बताया:
“जब मैं 14 साल का था, तब मेरे साथ एक ऐसी घटना हुई, जिसके कारण जिउ-जित्सु के साथ मेरे संबंध मजबूत हो गए।
“मैं जब साइकिल से स्कूल जा रहा था, तब ट्रक ने मुझे टक्कर मार दी थी और मैं उसके नीचे आ गया था। वो ट्रक जैसे ही मेरे सीने पर चढ़ने वाला था, मैं तेजी से उसके पहिए के आगे से हट गया। इस तरह मेरी जान जाने से बाल-बाल बच गई थी।”
युवा चावेस इस दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे। हालांकि, चीजें इससे कहीं ज्यादा खतरनाक हो सकती थीं।
भाग्यवश, उन्होंने अपनी कौशलता का इस्तेमाल किया और तत्काल पलटते हुए वहां से बच निकले। इस तरह उन्हें नया जीवन मिल गया था।
उन्होंने कहा:
“मैं करीब 20 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा था। भगवान की कृपा थी कि इतनी खतरनाक दुर्घटना के बावजूद मुझे बहुत गंभीर नुकसान नहीं हुआ था।
“मैं अस्पताल में काफी समय तक भर्ती रहा था और मुझे ठीक होने में भी समय लग गया था। मैंने फिजिकल थेरेपी करवाई और फिर पहले जैसा हो गया।”
अपने लक्ष्य के और करीब आए
जैसे-जैसे समय बीतता गया चावेस ने किकबॉक्सिंग, मॉय थाई, बॉक्सिंग, BJJ और MMA में मुकाबले किए।
फिर अचानक से उनकी निगाहें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचानी जाने वाली टीमों पर पड़ी, जिन्होंने उनको अपना बेहतर करियर बनाने में मदद की।
उन्होंने बताया:
“मेरे पास 2013 में Team Nogueira की प्रोफेशनल टीम का हिस्सा बनने के लिए ‘मिनोटारो’ (रोड्रीगो नोगीरा) की ओर से निमंत्रण आया था। ये पहली बार था, जब मैं वास्तव में एक प्रोफेशनल रास्ते पर था।”
चावेस ने अपना थोड़ा वक्त ब्राजीलियाई आउटफिट में एंडरसन सिल्वा जैसे एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करते हुए बिताया था, लेकिन जब वो मरिंगा लौटे तो मिले एक अन्य मौके पर खुद को पेश करने से नहीं चूके।
उन्होंने याद करते हुए बताया:
“2018 में मैं अपने दोनों दोस्तों की MMA फाइट के लिए उनकी मदद कर रहा था, जिसमें से एक एवर्टन निन्जा थे। उन्होंने मुझे अपने गुरु जूलिओ बोर्गस के अनुरोध पर एक किकबॉक्सिंग इवेंट के लिए ऑडिशन पर बुलाया था। पहले वो ऑडिशन कुरिटिबा शहर में था और फिर हॉलैंड में हुआ।
“मैंने जब ये साबित कर दिया कि मैं ऊंचे स्तर पर भी फाइट कर सकता हूं तो मैंने उनकी नई टीम Hemmers Gym के साथ करार कर लिया। इसे मेरे ट्रेनर और मैनेजर निक हेमर्स चला रहे थे।”
शिखर पर पहुंचते गए
दिग्गज Hemmers Gym में आने के बद चावेस किकबॉसिंग में नई ऊंचाइयों को छूने लगे।
उन्होंने 24-1 का शानदार रिकॉर्ड बना डाला, जिसके चलते उन्हें ONE Championship के बेहतरीन ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री में हिस्सा लेने का मौका मिल गया।
इसमें सबसे पहले चावेस को उम्मीद है कि वो फाइनल में पहुंचकर सिल्वर बेल्ट पर कब्जा जमा लेंगे, लेकिन उनके बाकी के सपने संगठन में और आगे तक जाने के हैं।
उन्होंने आगे बताया:
“मैं किकबॉक्सिंग में हेवीवेट बेल्ट जीतना चाहता हूं और इसके बाद अगर मौका मिलता है तो MMA बेल्ट के लिए भी चुनौती देना चाहूंगा।
“ये सच है कि मैं पैसा और शोहरत कमाना चाहता हूं, लेकिन ये भी सच है कि मैं ONE के फैंस को खुश कर देना चाहता हूं। फैंस हमें देखने के लिए आते हैं इसलिए अगर हम उन्हें पलटकर थोड़ी खुशी दे पाएं तो ये अच्छा रहेगा।”