जोनाथन डी बैला का वर्ल्ड टाइटल मैच पाने तक का सफर – ‘मैं हमेशा फाइटिंग के बारे में सोचता था’
जोनाथन डी बैला चाहे शुक्रवार, 21 अक्टूबर को अपना डेब्यू कर रहे हों, लेकिन उनका पूरा जीवन इसी लम्हे का गवाह बनने के लिए समर्पित रहा है।
कनाडाई-इटालियन एथलीट ONE 162 में वेकेंट ONE स्ट्रॉवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए झांग पेइमियान को चैलेंज करेंगे। उनकी उम्र अभी चाहे 26 साल हो, लेकिन मार्शल आर्ट्स से पिछले 2 दशकों से जुड़े रहे हैं।
इससे पहले डी बैला अपने करियर की सबसे अहम फाइट का हिस्सा बनें, उससे पहले यहां जानिए उन्होंने इस फाइट का हिस्सा बनने तक का सफर कैसे तय किया है।
इटली से संबंध, लेकिन कनाडा में रहते हैं
डी बैला का जन्म कनाडा के मोंट्रियल में हुआ, लेकिन वो मूल रूप से इटालियन हैं और इटालियन संस्कृति हमेशा से उनसे जुड़ी रही है।
उन्होंने बताया, “मेरा परिवार इटली के पहाड़ी इलाकों से आता है। मैं एक इटालियन परिवार के साथ उत्तर अमेरिका और कनाडा में पला-बढ़ा हूं।
“मेरे दादा-दादी, दोनों इटालियन थे। मेरे पिता कनाडा, लेकिन मां इटली से हैं।
“मैं मोंट्रियल में अन्य इटालियन लोगों के इर्द-गिर्द रहकर पला-बढ़ा हूं, यहां एक शहर में केवल इटालियन लोग ही रहते हैं। मैं जहां रहता हूं, वहां अधिकांश लोग इटली से हैं।”
डी बैला के पिता एंजेलो कई बार किकबॉक्सिंग चैंपियन रहे और 19 साल की उम्र से जिम चला रहे हैं यानी डी बैला बहुत छोटी उम्र से मार्शल आर्ट्स से जुड़े हुए हैं।
उनका पढ़ाई या अन्य पारंपरिक चीज़ों में ज्यादा मन नहीं लगता था। इसलिए वो हमेशा से अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना चाहते थे।
उन्होंने बताया:
“मैं स्कूल से निकलने का इंतज़ार कर रहा होता था, जिससे जिम जा सकूं। मैं हमेशा फाइटिंग के बारे में सोचता था। हर दिन, हर क्षण मेरे दिमाग में यही सब होता था। हालांकि हम लंच-ब्रेक के दौरान सॉकर खेलते थे, लेकिन उसके अलावा हर समय मेरे दिमाग में फाइटिंग चल रही होती थी।”
बचपन से ट्रेनिंग कर रहे हैं
डी बैला ने Team Di Bella जिम में केवल 2 साल की उम्र में अपने पिता के साथ ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने अपने पिता से वो स्टाइल सीखा, जिससे एंजेलो ने भी खूब सफलता प्राप्त की थी।
युवा स्टार ट्रेनिंग सेशंस को इंजॉय कर रहे थे, लेकिन 10 साल की उम्र में पहली बार फाइट करने से पहले उन्होंने इस खेल में अपना कोई भविष्य नहीं देखा था।
यहां से उन्होंने नई तकनीक सीखी और प्रोफेशनल करियर की ओर आगे बढ़े।
डी बैला ने बताया, “मैं क्योकुशिन कराटे और किकबॉक्सिंग का मिश्रण करते हुए फाइट करता हूं। मेरे पिता तब ऐसा किया करते थे, जब मैंने किकबॉक्सिंग करनी शुरू की थी।”
“मैं एमेच्योर से प्रो लेवल पर पहुंचा और आगे चलकर K-1 में भी फाइट की, जहां लो किक्स और नी स्ट्राइक्स पर अधिक ध्यान दिया जाता है।”
एंजेलो ने कई स्टाइल्स को सीखा था इसलिए वो अपने बेटे को कई बॉक्सिंग जिम में ले जाकर स्पारिंग करवाते और कई टॉप एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग भी करवाते।
इससे डी बैला की स्ट्राइकिंग स्किल्स में बहुत सुधार हुआ, जिन्हें वो सर्कल में दिखने के लिए बेताब हैं।
उन्होंने कहा:
“मैं जब छोटा था, तब मेरा पिता मुझे बॉक्सिंग जिम ले जाते थे। उन्होंने मुझे बॉक्सिंग करना सिखाया, लेकिन इस खेल का असली अहसास मुझे स्पारिंग करते हुए और दूसरे फाइटर्स के खिलाफ फाइट करने से हुआ।
“मेरा स्टाइल ऐसा है कि मैं कभी किक, कभी बॉक्सिंग और इनका मिश्रण भी कर सकता हूं। ये सब आपको फाइट के समय देखने को मिलेगा।”
सफलता मिलनी शुरू हुई
ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है कि डी बैला ने कई खेलों में सफलता पाई है।
उनका एमेच्योर किकबॉक्सिंग रिकॉर्ड 20-0, एमेच्योर बॉक्सिंग रिकॉर्ड 6-0 का है और कई मॉय थाई टूर्नामेंट्स में भी फाइट कर चुके हैं।
उनका कद अपने डिविजन की तुलना में छोटा है इसलिए उन्हें कुछ त्याग करने पड़े, लेकिन इससे उन्हें आगे चलकर फायदा मिला।
उन्होंने कहा, “मुझे बड़े साइज़ वाले एथलीट्स से फाइट करनी होती थी क्योंकि उत्तर अमेरिका में 125 पाउंड्स भार वर्ग में छोटे फाइटर्स ज्यादा नहीं थे। इसलिए उन बड़े साइज़ के एथलीट्स के साथ फाइट करने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं था। इसलिए वो दौर मेरे लिए आसान नहीं था।”
“एमेच्योर करियर में मैंने फ्लोरिडा में ITF मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती। मैंने 3 नॉकआउट स्कोर किए, जो मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी। वहीं मैंने 2018 में अहमद इब्राहिम को हराकर ISKA नॉर्थ अमेरिकन चैंपियनशिप जीतकर एक और बड़ी उपलब्धि प्राप्त की।”
इस मार्शल आर्ट्स सफर में डी बैला को अपने परिवार से पूरा समर्थन मिला।
उन्हीं के साथ से वो प्रोफेशनल एथलीट बन पाए, जहां उनका किकबॉक्सिंग और बॉक्सिंग में रिकॉर्ड क्रमशः 10-0 और 2-0 है। यही शानदार लय उन्हें इस शुक्रवार वर्ल्ड चैंपियन बना सकती है।
इटालियन-कनाडाई स्टार ने कहा:
“मैं ये सब अपने परिवार और टीम के लिए कर रहा हूं। उन्होंने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है इसलिए ये पूरा करियर उन्हीं को समर्पित है।”
ONE में वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना
ONE 162 में उनका झांग के साथ ONE स्ट्रॉवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच होगा, जिसे डी बैला बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं।
वहीं वो मानसिक तौर पर भी इस लम्हे के लिए खुद को तैयार करते रहे हैं।
ONE के साथ डील साइन करने के बाद बैला की नजरें डिविजन के टॉप कंटेंडर्स पर बनी रही हैं और उन्हें उम्मीद थी कि सैम-ए गैयानघादाओ की रिटायरमेंट के बाद वेकेंट हुए टाइटल के लिए उन्हें चैलेंज करने का मौका मिल सकता है।
डी बैला ने कहा, “मैं सोच रहा था कि अगले मैच में झांग पेइमियान को मुझसे फाइट करनी पड़ सकती है क्योंकि इस समय कोई उस लेवल पर नहीं है।”
“मैं जानता था कि उन्हें टाइटल शॉट मिलेगा इसलिए मैं खुद को भी टाइटल शॉट मिलने को लेकर आश्वस्त था। जब सच में मैच को बुक किया गया तो मैं चौंक उठा और खुश भी था।”
अब उनके पास 24 सालों की कड़ी मेहनत का फल पाने का मौका है। डी बैला ग्लोबल स्टेज पर कनाडा और इटली का प्रतिनिधित्व करने को भी बेताब हैं।
उन्होंने कहा:
“मैं मूल रूप से इटालियन हूं और इस देश का प्रतिनिधि भी हूं। मैं इटली का प्रतिनिधित्व कर गौरवान्वित महसूश कर रहा हूं।
“मैं जब बेल्ट जीत जाऊंगा तो शायद मैं किकबॉक्सिंग में इस समय अकेला नॉर्थ अमेरिकन वर्ल्ड चैंपियन रहूंगा।
“ये जीत मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि मैं अमेरिका में भी पहचान प्राप्त करना चाहता हूं।”