मौत के करीब जाने के बाद निको कैरिलो के जीवन में आया बड़ा बदलाव – ‘मॉय थाई ने मेरी जिंदगी बचाई’

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निको “किंग ऑफ द नॉर्थ” कैरिलो इस बात का जीता-जागता सबूत हैं कि कैसे मार्शल आर्ट्स युवा का जीवन बदला सकता है।

स्कॉटिश स्टार ONE बेंटमवेट मॉय थाई डिविजन में #1 रैंक के कंटेंडर हैं और शनिवार, 6 जुलाई को ONE Fight Night 23 में उनका सामना सैमापेच फेयरटेक्स से होगा और यहां मिली जीत उन्हें वर्ल्ड टाइटल मैच दिला सकती है।

अगर उनके जीवन में मॉय थाई नहीं आता तो कैरिलो के करियर की कोई और ही दशा और दिशा होती है और मौत के करीब पहुंचने के बाद उनका जीवन के प्रति नजरिया बदल गया।

“किंग ऑफ द नॉर्थ” की थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में वापसी से पहले जानते हैं कि उनके जीवन में क्या बदलाव आया।

ग्लासगो में परवरिश 

कैरिलो का जन्म स्कॉटलैंड के ग्लासगो के उस इलाके में हुआ, जो बहुत पिछड़ा हुआ था।

उनकी सिंगल मदर के लिए चीजें आसान नहीं थीं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बेटे को अच्छा जीवन देने का भरपूर प्रयास किया।

कैरिलो ने बताया: 

“जहां मेरी परवरिश हुई, वो बहुत अच्छी जगह नहीं थी। मैं अपने जीवन को लेकर ज्यादा शिकायत नहीं कर सकता। मेरे पिता नहीं थे। मेरी दादी के साथ मिलकर मां ने पालन-पोषण किया। उन्होंने अपनी तरफ से मेरे लिए सब अच्छा किया।”

कैरिलो की मां जानती थीं कि गलियों में घूमने की वजह से परेशानियां बढ़ सकती हैं तो उन्होंने बेटे को सही राह पर रखने के लिए पूरी कोशिश की।

स्कॉटिश फाइटर ने बताया:

“मेरे दोस्तों की मांओं के मुकाबला मेरी मां ज्यादा सख्त थीं। मुझे हमेशा अपने दोस्तों से पहले घर वापस आना होता था।”

‘मॉय थाई ने मेरी जिंदगी बचाई’ 

कैरिलो को कॉम्बैट खेलों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी, उन्हें फुटबॉल पसंद था। लेकिन उन्होंने बॉक्सिंग की और उनका लगाव उस तरफ बढ़ने लगा।

उन्होंने याद करते हुए बताया:

“मैंने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग जिम में जाना शुरु किया। मैं दो साल में करीब 10 बार गया। लेकिन मैं जब भी जाता था तो वो मुझे स्पारिंग करवाने लगते थे।

“मुझे लगता है कि बचपन से ही मेरे हाथ अच्छे थे। मैंने कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया। मेरा पहला प्यार फुटबॉल था। ये मैंने जीवन भर खेला। लेकिन कॉम्बैट स्पोर्ट्स मेरे जीवन में बढ़ता जा रहा था।”

15 साल की उम्र में “किंग ऑफ द नॉर्थ” का परिचय मॉय थाई से हुआ। पहली ही क्लास से कैरिलो को अहसास हो गया था कि ये खेल उनके लिए है। वो जिम में अपना ज्यादातर समय बिताने लगे।

उन्होंने कहा: 

“मुझे वो खुशबू और वातावरण याद है। ट्रेनिंग के बाद मैंने खुद से कहा कि मैं पूरी जिंदगी यही करना चाहता हूं। मुझे हर गुजरते दिन के साथ इससे प्यार होता चला गया।

“मॉय थाई ने मेरी जिंदगी बचाई। इसने मेरे जीवन को सही राह प्रदान की। अगर मैं उन दिनों लोगों के साथ घूमता तो पता नहीं मैं आज क्या कर रहा होता।”

बाल-बाल बचे 

जहां मॉय थाई ने उन्हें गलियों में आवारागर्दी करने से दूर रखा, वहीं बाकी युवाओं की तरह वो भी अपने दोस्तों के साथ घूमते थे।

कैरिलो ने एक घटना के बारे में खुलासा किया: 

“मैं अपने दोस्तों के साथ बाहर था। हम एक क्लब में थे और एक लड़का परेशान करते हुए हमारे साथ के एक दोस्त को तंग कर रहा था। मैंने उसे पीटा। कुछ महीनों बाद वो मुझे फिर मिले।

“उन्होंने आर्मी वाला चाकू निकालकर मुझे घायल कर दिया। मैंने नीचे देखा तो चारों तरफ खून ही खून था। थोड़े ही समय में बहुत सारा खून बाहर आ गया था। लोगों ने मेरी मदद की और अस्पताल पहुंचाया। जब हम जा रहे थे तो मेरी आंखें बंद होने लग रही थीं।

“वहां मौजूद किसी शख्स ने मुझे थप्पड़ मारते हुए जगे रहने के लिए बोला। मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं क्योंकि आंखें बंद करने पर बहुत शांत महसूस हो रहा था।”

कैरिलो जानते थे कि वो वहीं गली या अस्पताल जाते हुए मर सकते थे। उन्हें अहसास हुआ कि रिंग के बाहर लड़ाई में शामिल होना सही नहीं है।

“किंग ऑफ द नॉर्थ” ने बताया:

“वो आज तक की मेरे जीवन की सबसे डरावनी घटना है। मुझे पता था कि क्या हो रहा है और मैं मरना नहीं चाहता था। मैं उस समय दो चीजों के बारे में सोच रहा था: मेरी मंगेतर क्योंकि वो वहां नहीं थीं। मैं एक शख्स को कह रहा था कि मेरी मंगेतर को कहना कि मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं। दूसरा ये कि मैंने अभी कुछ हासिल नहीं किया है। बस यही सोच रहा था।

“इसने मुझे पूरी तरह से बदल दिया। मैंने फिर कभी खुद को ऐसे हालात में नहीं डाला। इसने अहंकार और लोगों से लड़ने के मेरे रवैये को बदलकर रख दिया।”

महानता की तरफ बढ़ने के लिए तैयार

कैरिलो को मॉय थाई में बहुत सफलता मिलने लगी और उन्होंने कई टाइटल जीते और प्रोफेशनल स्तर पर फाइट करने के लिए थाईलैंड जाने लगे।

“किंग ऑफ द नॉर्थ” को हमेशा से पता था कि महानता उन्हें पुकार रही है और जब उन्हें ONE में फाइट करने का मौका मिला तो उन्होंने उसे दोनों हाथ से समेटा।

अब वो ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल हासिल करने के करीब आ गए हैं और जानते हैं कि अपने सपने को साकार कर सकते हैं।

कैरिलो ने बताया: 

“मैंने अपनी जॉब छोड़ी क्योंकि मैं जानता था कि मैं कुछ और अधिक पाने के लिए बना हूं। मैं मानता हूं कि सब कुछ पहले से लिखा होता है। मैं कभी भी 9 से 5 वाली नौकरी के लिए नहीं बना था। मैं कुछ बड़ा करने के लिए आया हूं। मॉय थाई इसका शिखर है। हर फैसला मेरे ऊपर है।”

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