होनोरियो बानारियो को अपने पूर्वजों से विरासत में मिली हैं मार्शल आर्ट्स स्किल्स
होनोरियो “द रॉक” बानारियो ONE Championship में 2 अलग-अलग डिविजन में बाउट कर चुके हैं लेकिन चुनौती कितनी भी कड़ी क्यों ना रही हो, वो उससे पीछे नहीं हटे। ऐसा करने के लिए वो अपनी पीढ़ियों से चली आ रही एक अच्छे वॉरियर होने की मानसिकता को श्रेय देते हैं जिससे हमेशा उन्हें प्रेरणा मिलती आई है।
ONE: KING OF THE JUNGLE में पूर्व ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन का सामना शेनन “वनशिन” विराचाई से होने वाला है। उनका कहना है कि ये स्किल्स उन्हें अपने पूर्वजों, फिलीपींस के Northern Luzon के इगोरोट लोगों, से विरासत में मिली हैं और यही चीज उन्हें एक उच्च-स्तरीय मार्शल आर्टिस्ट बनाती है।
ये सच है कि स्पेनिश, अमेरिकी और जापानी राज के बाद भी इगोरोट लोगों ने अपनी पहचान कभी नहीं खोयी है और ये परंपराएं पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही हैं।
दुर्भाग्यवश, इन लोगों को सालों तक अपनी परंपराओं के चलते पक्षपात के लिए घेरा जाता रहा है। लेकिन “द रॉक” ने बताया कि इगोरोट लोग आज भी वैसे ही हैं जैसे पहले हुआ करते थे और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि फिलीपींस के अन्य नागरिक भी इगोरोट लोगों के प्रति गलत धारणा रखते हैं।”
“उनका ये मानना है कि इगोरोट लोग पिछड़ी नस्ल से संबंध रखते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि वो जिस व्यक्ति से बात कर रहे हैं वो एक इगोरोट भी हो सकता है। मेरे इगोरोट साथी सभ्य और पढ़े-लिखे लोग हैं। हम लोगों की सहायता करने को सबसे पहली प्राथमिकता देते हैं जो हम लोगों की सबसे बड़ी विशेषता है।”
बानारियो का परिवार Kankanaey इलाके से आता है, जो पहाड़ी लोगों की एक जाति है और खेती और खनन उनके जीवन का सबसे बड़ा स्रोत है।
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30 वर्षीय एथलीट बहुत छोटी सी उम्र से कड़ी मेहनत करते आए हैं और प्रतिबद्ध भी रहे हैं। इसलिए जब भी किसी मैच के दौरान उन्हें संघर्ष करना पड़ता है या अपने करियर में मुसीबत झेल रहे होते हैं तो वो अंदरूनी ताकत से इन मुसीबतों का सामना करते आए हैं।
उन्होंने कहा, “हम खेती करते हुए पले-बडे हैं इसलिए हम शारीरिक और मानसिक रूप से भी इस तरह की चुनौतियों के लिए हमेशा से तैयार रहे हैं।”
“मुश्किल परिस्थितियां हमारे लिए सामान्य बात रही हैं इसलिए हम इसके प्रति बहाने बनाने के बजाय इन्हें झेलना ज्यादा ठीक समझते हैं। हमें कभी ऐसी किसी परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा जो हमारे लिए उम्मीद से ज्यादा मुश्किल रही हो और हम वही चीजें करते आए हैं जिनसे हमें इन मुसीबतों से बाहर निकलने में मदद मिले।
“मुझे लगता है कि ये चीज हर इगोरोट के खून में है। साहसिक या बहादुर होना हमें किसी ने नहीं सिखाया है, ये हम लोगों को प्रकृति का एक तोहफा है। स्पेनिश भी हम पर राज नहीं कर पाए क्योंकि हम बचाव में उनसे वापस लड़े थे। यहाँ तक कि जब हमारे यहाँ आदिवासियों के बीच युद्ध हुआ करते थे तब भी हम ईंट का जवाब पत्थर से देने की धारणा रखते थे।
“हमने हमेशा उसी चीज के लिए लड़ाई की है जो हमारा है और ना ही हमने कभी अपनी पहचान खोई है। यही चीज हमें अपने पूर्वजों द्वारा सिखाई गई है इसलिए हम उसी मानसिकता के साथ आज भी आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं।”
ग्लोबल स्टेज पर अपने करियर की शुरुआत करने से पहले “द रॉक” एक पुलिस अफ़सर बनना चाहते थे जिससे वो अपने समुदाय की मदद कर सकें, लेकिन उन्हें कुछ समय बाद एहसास हुआ कि वो अपने सपने को पूरा करते हुए भी ऐसा कर सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “एक मार्शल आर्टिस्ट होने के नाते हम युवा जनरेशन को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करते आए हैं।”
“हम बच्चों को भी शिक्षा देते हैं जिससे उनके साथ अपने अनुभव को साझा कर सकें, जिससे हमारे समुदाय को काफी मदद पहुंचेगी। प्रेरणा और प्रोत्साहन से मुझे लगता है कि हम इस कम्यूनिटी में अच्छा स्थान पा सकते हैं।”
Team Lakay में बानारियो और उनके साथी अन्य लोगों के साथ अपना अनुभव साझा कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
एडुअर्ड “द लैंडस्लाइड” फोलायंग, केविन “द सायलेन्सर” बेलिंगोन और जेहे “ग्रैविटी” युस्ताकियो जैसे अनुभवी एथलीट ONE के सबसे शुरुआती इवेंट्स में फिलीपींस के सबसे बड़े मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स स्टार्स में शामिल थे।
उस समय ये सफल होने का सपना उनके दिल और दिमाग दोनों पर छाया हुआ था, इसी वजह से वो अपने करियर में दूसरे देशों के एथलीट्स से ज्यादा सफलता प्राप्त करने में सफल रहे हैं। दूसरे देशों में मार्शल आर्ट्स पिछले कई दशक और सदियों से उनकी संस्कृति का हिस्सा रहा है इसलिए उनके पास फिलीपींस के लोगों से ज्यादा स्किल्स और मूव्स हुआ करते थे।
उन्होंने बताया, “जब हमने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग लेनी शुरू की थी तो हमारे पास संसाधनों की कमी और ज्ञान भी ज्यादा नहीं था।”
“मगर उस समय हमारे पास कुछ नया कर गुजरने की चाह थी। इसी मानसिकता और चाह ने हमें भीतर से मजबूत बनाया और नई स्किल्स सीखने में भी मदद की जिससे हम इस खेल में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते थे। जैसे-जैसे समय बीता, हमारा साहस हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाता रहा और इसी आत्मविश्वास के बलबूते हम दुनिया के सबसे बेहतरीन मार्शल आर्टिस्ट्स का सामना कर सकते थे।”
इसी आत्मविश्वास ने “द रॉक” को अपनी टीम से पहला वर्ल्ड चैंपियन बनने में मदद की थी और जैसे-जैसे समय बीता, इस टीम से कई और वर्ल्ड चैंपियन बने और आज Team Lakay दुनिया की बेस्ट मार्शल आर्ट्स टीमों में से एक बन चुकी है।
इसी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए बानारियो भी ऐसा प्रदर्शन करना चाहते हैं जिससे उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिले और उनके देशवासियों को उनपर गर्व महसूस हो।
उन्होंने कहा, “मैं कभी-कभी घबराहट भी महसूस करता हूँ लेकिन मैंने डरना कभी नहीं सीखा है।”
“भय एक प्राकृतिक चीज हो सकती है लेकिन जब मैं सर्कल में कदम रखता हूँ तो घबराहट ही वो सबसे ख़राब चीज होती है जिसका मुझे सामना करना पड़ता है। जैसे ही मुकाबला शुरू होने की बैल बजती है, उस घबराहट को मुझे हर हाल में दूर करना होता है क्योंकि मुझे उस चुनौती पर पार पाना है जिसके लिए मेरा चुनाव किया गया है।
“एक मैच में मैं यही सोचता हूँ कि मैंने जो भी ट्रेनिंग ली है, उसका मैं कैसे प्रयोग कर सकता हूँ और कभी हार ना मानूं। यही चीज हमारी पहचान है, ये मायने नहीं रखता कि हमें जीत मिलेगी या हार, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात ये है कि हमें किसी भी स्थिति में हार नहीं माननी है और अपनी स्किल्स का सबसे बेहतर तरीके से उपयोग करना है।”
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