MMA की उभरती हुई स्टार नोएल ग्रॉन्जोन के ONE तक का सफर – “मैं पैदा ही इसके लिए हुई हूं”
काफी कम उम्र से ही मार्शल आर्ट्स सीखने वाली नोएल ग्रॉन्जोन को देखकर लगता है कि ग्लोबल स्टेज पर फाइट करना उनकी नियति में शामिल था।
26 साल की एटमवेट एथलीट अगले शुक्रवार, 21 अक्टूबर (भारत में शनिवार, 22 अक्टूबर) को ONE Fight Night 3 में नई-नवेली एथलीट लेया बिविंस के खिलाफ अपना डेब्यू करेंगी। वहां बड़ी संख्या में मौजूद प्रशंसकों के सामने अपने जीवनभर की मेहनत को दिखाने का उनके पास एक शानदार मौका होगा।
मलेशिया के कुआलालम्पुर में अक्षीयता एरीना के सर्कल में कदम रखने से पहले आइए “लिल मंकी” के नाम से पहचाने जाने वाली प्रतिभाशाली एथलीट के बारे में और ज्यादा जानते हैं।
संस्कृतियों का मेल
ग्रॉन्जोन का जन्म 1996 में नीदरलैड्स में हुआ था। पिता वहीं के निवासी थे और मां थाइलैंड की थीं। हालांकि, उनके सौतेले भाई-बहन भी थे, लेकिन “लिल मंकी” का पालन पोषण उनके बिना ही हुआ था।
उन्होंने बताया, “मेरा पालन पोषण अकेली संतान के तौर पर किया गया था।”
कई संस्कृतियों वाली पृष्ठभूमि से आने वाली ग्रॉन्जोन का परिवार बाद में फ्रांस में शिफ्ट हो गया था, जहां युवा एथलीट ने अपने जीवन के अधिकांश शुरुआती वर्ष बिताए थे।
उन्हें याद है:
“जब मैं 9 साल की थी, तब फ्रांस आ गई थी। वास्तव में हमें कई जगह जाना पड़ा था, जो कि एक तरह से देखा जाए तो पूरी दुनिया घूमने जैसा था। अब क्योंकि मैं थाइलैंड से भी नाता रखती हूं इसलिए मैं अभी थाइलैंड में रह रही हूं। मेरा नाता बचपन से तीन-संस्कृतियों से रहा है।”
मार्शल आर्ट्स के सफर की शुरुआत
ग्रॉन्जोन के पिता एक बेहतरीन मार्शल आर्टिस्ट थे। उन्होंने जूडो, मॉय थाई और यहां तक कि शुरुआती तौर पर MMA में प्रशिक्षण लिया, मुकाबला किया और कोचिंग भी दी थी।
वो अपनी बेटी को इसमें शामिल करने के लिए बेहद उत्सुक थे। वो उन्हें बहुत ही सहजता के साथ जूडो सिखाते थे। साथ ही अपनी पत्नी की चिंता का भी खयाल रखते थे, जिन्हें फिक्र थी कि कहीं “लिल मंकी” को चोट ना लग जाए।
ग्रॉन्जोन ने बताया, “मेरी मां नहीं चाहती थीं कि मुझे चेहरे पर चोट लगे क्योंकि मैं एक लड़की थी।”
“मैंने 6 साल की उम्र में जूडो सीखना शुरू किया था। मेरे पिता मुझे ये सिखाने के लिए ले गए थे। ये बात काफी मजेदार थी कि मुझे वास्तव में जूडो पसंद नहीं आया था, लेकिन मैंने सीखा कि इसे कैसे पंसद किया जाता है। अब मुझे जूडो पसंद है और मैं हर उस चीज के लिए आभारी हूं, जिसके चलते मैं ये सीख पाई। इसमें मूल्य और शारीरिक क्षमताएं भी शामिल हैं, जिसकी मैं तहे दिल से आभारी हूं।”
हालांकि, ग्रॉन्जोन ने लगभग दो दशक तक जूडो पर ध्यान दिया, लेकिन उनके पिता के पैशन ने दूसरी स्टाइल्स का बीज भी उनके दिमाग में बो दिया था।
इस बात को ध्यान में रखते हुए युवा एथलीट को हमेशा से पता था कि उनका रास्ता उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की तरफ ले जाने वाला है।
अपने सपने को किया पूरा
ग्रॉन्जोन ने जूडो में कई सम्मान हासिल किए थे। इसमें French Judo Championships और Thailand Judo Championships शामिल हैं।
फिर 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने मन की बात को सुनते हुए अपना विस्तार MMA जैसे सर्वव्यापी खेल में किया।
हालांकि, कुछ मानकों के अनुसार, इसमें देर हो चुकी थी, लेकिन ये कदम ग्रॉन्जोन के लिए मुश्किल भरा नहीं था। यहां तक कि ये बदलाव स्वाभाविक रूप से प्रतिभाशाली फ्रेंच-थाई प्रतियोगी में आया था, जिसके पीछे उनके जीवन भर का एथलेटिक अनुभव जिम्मेदार था।
वो बताती हैं:
“मुझे लगता है कि मैंने इसी के लिए जन्म लिया था। जब से मैंने होश संभाला, तब से ये खेल मेरे दिमाग में बना रहा क्योंकि मेरे पिता भी यही करते थे। ये एक जीवनशैली की तरह है तो मेरे लिए ये स्वाभाविक है। ये मेरे खून में है।”
“इस बात में कोई शंका नहीं है कि जूडो ने मुझे MMA में आगे बढ़ने में मदद की। ये एक कमाल का बैकग्राउंड है।”
नए करियर को आगे बढ़ाने के लिए ग्रॉन्जोन ने अपनी विरासत का पूरा लाभ उठाया। वो थाइलैंड चली गईं और वहां Tiger Muay Thai में उन्होंने शानदार स्टैंड-अप स्किल्स सीखीं।
उन्होंने बताया, “मैं अपनी स्ट्राइकिंग पर काम कर रही हूं क्योंकि जाहिर है कि मैं पहले से ज्यादा ग्रैपलिंग कर रही थी।”
“थाइलैंड में होने से इसमें मुझे मदद मिली है। इस काम के लिए ये सबसे सही जगह है और मुझे आशा है कि मैं अच्छी तरह से माहिर हो गई हूं। यही मेरा लक्ष्य है। मुझे हर क्षेत्र में माहिर होना है।”
पिता से मिली प्ररेणा
कॉम्बैट स्पोर्ट्स में उनके शुरुआती उत्साह की तरह ही हर क्षेत्र में माहिर होना ग्रॉन्जोन का मकसद था, जो कि उनके पिता द्वारा क्रॉस-ट्रेनिंग के लिए आगे की सोच के दृष्टिकोण से प्रेरित था।
पिता की छवि का प्रभाव उनके पूरे जीवन पर पड़ा है, जिससे उनकी बेटी को सुधार करते रहने की प्रेरणा मिलती रही है।
26 साल की एथलीट ने कहा, “मेरे पिता ही मेरे 100 प्रतिशत प्रेरणा के स्रोत हैं क्योंकि वो भी एक मार्शल आर्टिस्ट हैं।
“वो जूडो में सेकेंड डेन और कराटे में ब्लैक बेल्ट हैं। इसके अलावा, उन्होंने अपने समय में MMA और मॉय थाई बिना ग्लव्स के किया था। वो इन सब में माहिर हैं।”
अपने बढ़ते करियर को और आगे ले जाने के मकसद के साथ ग्रॉन्जोन के पिता उनके सबसे बड़े समर्थक रहे हैं।
अब भी पिता का समर्थन उनके भविष्य की सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
26 वर्षीय एथलीट कहती हैं:
“ONE डेब्यू में वो मेरे कॉर्नरमैन होंगे और वो मुझ पर बहुत विश्वास करते हैं। उन्होंने हमेशा से मेरे साथ बहुत मेहनत की है। साथ ही मेरे साथ दुनिया भर की यात्रा भी की है। मैं इसके लिए उनकी बहुत आभारी हूं।”
एक बड़ा कदम
दो दशक की मेहनत ने अब ग्रॉन्जोन को दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में ला खड़ा किया है।
MMA में जाने के बाद से 3-0 का शानदार रिकॉर्ड बनाकर डच में जन्मी जूडोका अब तक प्रभावशाली दिखी हैं। ऐसे में वो 22 अक्टूबर को प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं।
उन्होंन कहा, “ये एक बड़ा कदम है और मैं ONE में मुकाबला करने के चलते बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं। मेरे लिए ये सबसे बड़ा प्रोमोशन है। मुझे इसकी हर चीज पसंद है। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसे लेकर बहुत उत्साहित हूं।”
संगठन में आने के बाद से “लिल मंकी” के लक्ष्य अब बड़े बन चुके हैं और इसकी शुरुआत वो एक शानदार ढंग से करने की योजना बना रही हैं।
उभरते हुए सितारे के लिए इसका अर्थ है कि जीत हासिल करना, उत्साह प्रदान करना और सबसे बड़े मंच पर एक मार्शल आर्टिस्ट होने के अर्थ को मूर्त रूप देना।
ग्रॉन्जोन कहती हैं:
“मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि मैं एक एक मनोरंजक फाइट दर्शकों के सामने पेश कर सकूं। साथ ही सम्मान व अच्छे मूल्यों को भी प्रदर्शित कर सकूं।”
“जाहिर है कि मैं सर्वश्रेष्ठ बनने का लक्ष्य बना रही हूं। बाकी एथलीटों की तरह मैं भी सबसे अच्छा बनना चाहती हूं। मुझे लगता है कि मैं उस बेल्ट को अपना लक्ष्य बना रही हूं।”