डेनियल केली हाई स्कूल में लड़कों से करती थीं रेसलिंग – ‘ये सामान्य बात नहीं थी, लेकिन मुझे पसंद थी’
वर्ल्ड क्लास ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ब्लैक बेल्ट होल्डर डेनियल केली चीजों को अपने तरीके से करने में नहीं हिचकती हैं।
उदाहरण के तौर पर, 26 साल की प्रतिभाशाली ग्रैपलिंग स्टार बचपन से ही रेसलिंग में मुकाबला करती आ रही हैं, लेकिन लड़कियों का सामना करने की जगह वो लड़कों से मुकाबला करती थीं।
उस वक्त लड़कियों के रेसलिंग कार्यक्रम काफी कम और लंबे समय के अंतराल पर हुआ करते थे। ऐसे में अमेरिकी एथलीट ने अपने शुरुआती वर्ष केवल स्कूल की टीम के साथ कड़ी प्रैक्टिस करते हुए बिताए थे।
केली को पता था कि ये चीज उन्हें दूसरों से काफी अलग बनाती है, लेकिन फिर उन्हें अपना पैशन फॉलो करने से कोई नहीं रोक पाया।
उन्होंने ONEFC.com को बताया:
“जब मैंने पहली बार रेसलिंग करनी शुरू की तो ये मेरे लिए बिल्कुल नई चीज थी। मैं रेसलिंग टीम में जब शामिल हुई तो ये मेरे लिए काफी बड़ी बात थी। तब मैं केवल सातवीं क्लास में थी। ऐसे में किसी लड़की का पब्लिक स्कूल की रेसलिंग टीम में शामिल होना, उस समय काफी अजीब माना जाता था। इसके बाद मेरा मजाक उड़ाया जाने लगा। ये सामान्य बात नहीं थी, लेकिन मुझे पसंद थी”
केली की जिउ-जित्सु ट्रेनिंग के लिए रेसलिंग एक शानदार आधार साबित हुई। इसके चलते उनमें जो समझ पैदा हुई, वो आज भी आप उनकी ग्रैपलिंग में देख सकते हैं।
किसी दूसरे एथलीट को अपनी पीठ पर कब्जा करने देना या किसी खराब स्थिति में फंसने की जगह, उन्हें पता होता है कि उन स्थितियों से कैसे जल्दी बाहर निकला जा सकता है।
Silver Fox BJJ टीम की प्रतिनिधि ने बताया:
“शुरुआत में ये काफी मुश्किल था क्योंकि मैं दूसरे एथलीट्स को अपनी पीठ पर कब्जा नहीं करने देती थी, लेकिन इससे मुझे मदद भी मिली थी क्योंकि मैं उन्हें न किसी स्थिति में और न ही अपनी पीठ पर पकड़ जमाने देती थी।
“मैं तुरंत ही खड़ी हो जाती थी। ये मेरे लिए किसी फ्लाइट मोड की तरह था। अगर आपको टेकडाउन किया जा रहा है तो आप वापस खड़े हो जाएंगे। इस वजह से मुझे रेसलिंग से काफी मदद मिली थी।”
केवल लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने के अलावा केली ने हाई स्कूल की प्रतियोगिता में उनके साथ मुकाबला भी किया था। ऐसे में ये कोई हैरानी की बात नहीं है कि अपनी उभरती हुई प्रतिभा के चलते उन्होंने काफी सारे लड़कों को हराया भी था।
वास्तव में, ग्रैपलिंग स्टार को याद है कि कैसे उनके एक विरोधी जल्दी हार के बाद नाराज हो गए थे।
उन्होंने कहा:
“मैंने एक बच्चे के खिलाफ मुकाबला किया था और मुझे नहीं लगा था कि वो बहुत एथलेटिक होगा, लेकिन वो काफी अच्छा था। वो मुझे कड़ी टक्कर देने लगा था। ऐसे में मैंने रेसलिंग जिम में एक नया पैंतरा सीखा था, जो मैंने उस पर आजमा दिया और पहले ही राउंड में करीब-करीब मैंने उसे छका दिया था। मुझे याद है कि उसकी टीम ये देखकर हैरान थी और हंस रही थी। इससे वो काफी शर्मिंदा महसूस कर रहा था। मुझे लगता है कि उसने मेरे कोच और मुझसे उस समय हाथ भी नहीं मिलाया था।
“वो अपनी टीम के पास वापस गया, अपना हेलमेट फेंक दिया और कहीं छुप गया क्योंकि वो मुझसे हार गया था, जबकि मैं अपना हेयर कैप पहने थी और वो काफी मजाकिया मौका था। इसके लिए मैं उसे कुछ नहीं कहूंगी।”
नई पीढ़ी की महिलाओं को कर रही हैं प्रेरित
फिलाडेल्फिया की रहने वाली केली जहां पहले रेसलिंग किया करती थीं, उस स्कूल पर उन्होंने काफी गहरी छाप छोड़ी थी।
जिस तरह से वो मशहूर सबमिशन ग्रैपलिंग सुपरस्टार के तौर पर उभर रही हैं, ज्यादा से ज्यादा लड़कियां उनके पदचिह्नों पर चलने की कोशिश कर रही हैं। वो खुद को पुरुषों के वर्चस्व वाले खेल में परखने से जरा भी नहीं हिचकिचा रही हैं।
वहीं केली की बात करें तो इस प्रगति को देखकर वो उत्साहित हैं और इससे उन्हें गर्व महसूस होता है।
उन्होंने बताया:
“जिस स्कूल में मैं पढ़ती थी, जब वहां गई तो कई पैरेंट्स ने मुझे बताया कि उनके बेटे-बेटियों को ये खेल आजमाने के लिए मैंने प्रेरित किया है। कई सारे बच्चे अब भी इसे कर रहे हैं और उन्होंने मुझे भी खेलते हुए देखा है।
“ऐसे में मुझे ये जानकर काफी अच्छा लगा कि बच्चे मुझे देखते हैं और वो मुझे देखकर ये चीज करना चाहते हैं। इसका श्रेय मैं उनके माता-पिता से नहीं लेना चाहती हूं, लेकिन ऐसी चीजें सुनकर काफी अच्छा लगता है।”