कोंगथोरानी ने अपने शरीर पर बने टैटू के राज खोले – ‘ये मेरी पहचान है’

पांच रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर कोंगथोरानी सोर सोमाई के टैटू उनके मॉय थाई के प्रति जुनून और कला के प्रति झुकाव को दर्शाते हैं।
उभरते हुए 28 वर्षीय स्टार का सामना 3 मई को ONE Fight Night 31 में पूर्व ONE वर्ल्ड चैंपियन नोंग-ओ हामा से होगा।
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी स्टेडियम में होने वाले इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले से पहले कोंगथोरानी ने onefc.com को अपने टैटू और उनके पीछे की प्रेरणा के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत करीब एक दशक पहले हुई थी:
“मैं 16 या 17 साल का था, जब मैंने पहला टैटू बनवाया। बाकी युवाओं की तरह मैंने भी सोचा था कि मैं इससे शानदार लगूंगा।”
करीब 100 प्रोफेशनल फाइट्स के अनुभवी को अब दूसरों पर छाप छोड़ने के लिए टैटू की जरूरत नहीं है।
कोंगथोरानी का पहला टैटू उनकी टांग पर बना है जो कि पारंपरिक कोइ मछली पर आधारित है। उनके इसे चुनने का कारण यही थी कि वो कूल लगेंगे।
इसके बाद से उनका टैटू के प्रति जुनून बढ़ता ही चला गया और ये ONE में फाइट करते हुए उनके किरदार का हिस्सा बन गया:
“ये मेरी पहचान है। मैं सोचता हूं कि लोग मुझे मेरे टैटू की वजह से भी याद करते हैं।”
Sor Sommai टीम के फाइटर के कुछ टैटू का काफी गहरा मतलब है, लेकिन शुरुआत में उन्होंने सिर्फ अच्छे दिखने की वजह से टैटू बनवाए थे।
उनकी छाती पर बना ड्रैगन टैटू सिर्फ इसलिए चुना था कि वो देखने में बहुत ही शानदार था:
“मेरी छाती पर ड्रैगन टैटू है। मैंने ये इसलिए बनवाया क्योंकि इसका डिजाइन देखने में अच्छा था। मैंने इसके मतलब के बारे में ज्यादा नहीं सोचा।”
अपने गुरु को श्रद्धांजलि
उन्हें कई सारे टैटू देखने में अच्छे लगे, लेकिन कोंगथोरानी ने सारे टैटू सिर्फ लुक की वजह से नहीं बनवाए हैं।
एक टैटू उनके लिए बहुत ही खास मतलब रखता है और वो Sor Sommai जिम के मालिक का चित्र है।
“मेरा फेवरेट टैटू मेरे बिग बॉस सोमाई सकुलमेटा का है। ये मैंने 2024 में बनवाया था।”
कोंगथोरानी ने सकुलमेटा का टैटू इसलिए चुना क्योंकि उन्होंने थाई स्टार के करियर को बनाने में अहम योगदान दिया है। खासकर पिछले कुछ सालों में उन्होंने ONE Championship में अपना नाम बनाते हुए संगठन में 13-2 का धमाकेदार रिकॉर्ड कायम किया है।
ये टैटू ना सिर्फ उनके प्रति श्रद्धांजलि है बल्कि फाइटिंग करियर को शिखर पर पहुंचाने वाले गुरु के प्रति सम्मान भी है:
“जिस कारण से मुझे ये टैटू पसंद है वो ये कि उन्होंने मेरा बहुत साथ दिया है। वो मेरा ख्याल और बाकी चीजों में मदद करते हैं। वो मेरे लिए पिता समान हैं।”