अपने मॉय थाई के सफर में हमेशा आलोचकों का मुंह बंद करते आए हैं जोसेफ लसीरी

Joseph Lasiri IMGL5506

WBC मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन जोसेफ “द हरिकेन” लसीरी आने वाले समय में स्ट्रॉवेट डिविजन के टॉप सुपरस्टार्स को चुनौती देने का लक्ष्य तैयार कर चुके हैं।

शुक्रवार, 20 नवंबर को ONE: INSIDE THE MATRIX IV के को-मेन इवेंट में इटालियन एथलीट का सामना #2 रैंक के स्ट्रॉवेट कंटेंडर और WPMF मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रॉकी ओग्डेन से होगा।

इससे पहले लसीरी रिंग में उतरें, यहां हम आपको उनके जीवन के पूरे सफर से अवगत कराने वाले हैं।

बचपन मिलान शहर में गुजरा

Joseph Lasiri IMG_6694.jpg

लसीरी का जन्म मोरक्को के एक परिवार में हुआ, जो इटली के शहर मिलान में रहता था।

वो 4 भाइयों में से तीसरे नंबर के हैं और मोंज़ा में पले-बढ़े, जिसे लसीरी दुनिया की सबसे अच्छी जगहों में से एक बताते हैं।

उन्हें जीवन में कठिनाइयों से भी जूझना पड़ा, उनके माता-पिता कड़ी मेहनत कर अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा कर रहे थे।

29 वर्षीय स्टार ने कहा, “हमारा रहन-सहन अमीरों वाला नहीं था, लेकिन सभी का दिल बहुत बड़ा है।”

“माता-पिता हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए काम करते, लेकिन इटली में परिस्थितियां आसान नहीं थीं। ये जरूरी नहीं था कि उनके पास हमेशा कोई काम हो।”

बचपन में “द हरिकेन” को काफी लोग जानते थे, पढ़ाई में उनका ध्यान नहीं लगता और इसी कारण कभी-कभार वो बड़ी मुश्किल में भी पड़ जाते थे।

उन्होंने कहा, “मुझे स्कूल से कोई लगाव नहीं था। दुर्भाग्यवश, मैं पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था लेकिन अब लगता है कि उस समय मुझे ध्यान देना चाहिए था।”

“अक्सर मेरी अन्य बच्चों के साथ बहस हो जाती थी और कभी पीछे ना हटने का हठ रहता था।”

पढ़ाई से चाहे उन्हें कुछ खास लगाव ना रहा हो, लेकिन खेल की स्थिति इससे पूरी तरह उलट थी।

मार्शल आर्ट्स की शुरुआत

इटली के लाखों लोगों की तरह फुटबॉल लसीरी का पहला प्यार बना। इस खेल ने उन्हें पहले से ज्यादा चुस्त बनाया और सड़कों पर इधर से उधर घूमने से भी दूर रखा।

लेकिन उनके छोटे कद के कारण क्लब ने उन्हें निकाल दिया था और इस मुश्किल परिस्थिति से उबर पाना उनके लिए आसान नहीं रहा।

उन्होंने कहा, “मुझे फुटबॉल से बहुत लगाव रहा और बचपन में एक रीज़नल लेवल पर फुटबॉल खेला करता था।”

“फुटबॉल क्लब से निकाले जाने के बाद मैंने मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग शुरू की, मैं अन्य बच्चों से बहुत छोटा हुआ करता था। मुझे छोटा कहकर फुटबॉल टीम से निकाला गया था इसलिए मेरे अंदर प्रतिशोध की आग जल रही थी।”

फुटबॉल छोड़ने के बाद लसीरी एक बार फिर दूसरे बच्चों के साथ सड़कों पर इधर से उधर घूमने लगे। ऐसे करने से वो गलत राह पर जा सकते थे, लेकिन उनके मन में कुछ करने की चाह उमड़ रही थी।

कुछ समय बाद ही “द हरिकेन” ने कोच डिएगो कालजोलारी की निगरानी में मॉय थाई की ट्रेनिंग शुरू की। लेकिन यहां भी उनके आसपास के लोग उन्हें संदेह की नजरों से देख रहे थे।

उनके पिता का भी मानना था कि मॉय थाई के खेल के लिए उनका बेटा बहुत कमजोर है, लेकिन युवा लसीरी इस बार किसी की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहते थे।

उन्होंने ट्रेनिंग जारी रखी और जल्द ही उन्हें सफलता मिलने लगी और इसकी मदद से उन्होंने अपने आलोचकों का मुंह भी बंद किया।



परिवार को पहली प्राथमिकता दी

इटली में आए आर्थिक उथल-पुथल के कारण लसीरी को अपने परिवार का साथ देने के लिए ट्रेनिंग छोड़नी पड़ी।

उनके माता-पिता के पास कोई काम नहीं था इसलिए उनके बेटे ने देश से बाहर जाकर कुछ मदद करने का प्रयास किया।

लसीरी ने कहा, “मेरी जिंदगी का सबसे कठिन फैसला लंदन जाना रहा क्योंकि मेरे माता-पिता के पास कोई नौकरी नहीं थी।”

“मैं वहां इसलिए गया क्योंकि मुझे काम ढूंढकर घर पैसे भेजने थे।”

“द हरिकेन” को इंग्लिश बोलनी नहीं आती थी, लेकिन ये उनकी दृढ़ता ही थी जिसने उन्हें नौकरी दिलाई। अंग्रेजी ना आने के बाद भी उन्होंने कठिन परिस्थितियों के भार को अपने छोटे कंधों पर संभाले रखा और अपने परिवार की मदद करते रहे।

उन्होंने कहा, “वहां जाकर मुझे सबसे बड़ी चीज ये सीखने को मिली कि हम अपने सपने को बिना भुलाए भी कठिन परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।”

“इस तरह का कठिन समय ही हमें अगली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है।

“इस अनुभव से मुझे मार्शल आर्ट्स में भी मदद मिली क्योंकि इस खेल में अनुशासन और प्रतिबद्धता की बहुत जरूरत होती है इसलिए अब मुझे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने में आसानी होती है।”

विदेश में रहकर भी ट्रेनिंग करनी जारी रखी

एक तरफ “द हरिकेन” ब्रिटेन में काम पर ध्यान लगा रहे थे, इस बीच उन्होंने अपनी मॉय थाई स्किल्स में भी सुधार करना जारी रखा।

उन्होंने विदेश में रहने के बाद भी एक भी ट्रेनिंग सेशन को मिस नहीं किया था और खुद को अच्छी शेप में बनाए रखा।

उन्होंने कहा, “मैंने मॉय थाई से जुड़े रहने का फैसला किया और हर एक ट्रेनिंग सेशन के बाद मुझे अहसास होता कि मुझमें कितना सुधार हो रहा है।”

“मेरा खुद पर भरोसा बढ़ता जा रहा था और इस खेल ने मुझे कठिन परिस्थितियों से लड़ने में भी मदद की है।”

लसीरी ने इटली की नेशनल टीम का हिस्सा रहते 5 गोल्ड मेडल जीते और 2 यूरोपियन मॉय थाई टाइटल्स भी अपने नाम किए।

वहीं, साल 2018 में ONE को जॉइन करने से पहले फरवरी 2017 में WBC मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल के रूप में उन्होंने अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि प्राप्त की।

मार्च 2019 में हुए ONE: A NEW ERA में लसीरी ने हिरोकी अकिमोटो को हराकर अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की और अकिमोटो को हराने वाले पहले एथलीट भी बने।

इस शुक्रवार उनका सामना रॉकी ओग्डेन से होना है और इस मैच में जीत दर्ज कर वो ONE स्ट्रॉवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन सैम-ए गैयानघादाओ को चुनौती देने के एक कदम करीब पहुंच जाएंगे।

चाहे उन्हें स्ट्रॉवेट डिविजन का मैच मिले या फ्लाइवेट डिविजन का, जिसमें वो पहले से मुकाबला करते आए हैं, लसीरी का सपना हमेशा से ONE वर्ल्ड चैंपियन बनने का रहा है।

उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य आज भी ONE वर्ल्ड चैंपियन बनना, अपने करियर में सफलता प्राप्त करना और एक सुखद जीवन व्यतीत करने का है।”

ये भी पढ़ें: क्वोन वोन इल द्वारा किए गए 3 सबसे शानदार नॉकआउट

विशेष कहानियाँ में और

Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 40
Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 77
Panpayak Jitmuangnon Silviu Vitez ONE Friday Fights 83 26
Nakrob Fairtex Kongthoranee Sor Sommai ONE Fight Night 26 56
Reece McLaren Jarred Brooks ONE Fight Night 26 23
Prajanchai PK Saenchai Jonathan Di Bella ONE Friday Fights 68 92
Kiamrian Abbasov Christian Lee ONE on Prime Video 4 1920X1280 35
Jarred Brooks Gustavo Balart ONE Fight Night 24 65
Mayssa Bastos Danielle Kelly ONE Fight Night 24 38
Kiamrian Abbasov Christian Lee ONE on Prime Video 4 1920X1280 150
Mayssa Bastos Danielle Kelly ONE Fight Night 24 30
Cole3