परिवार और समाज से बहिष्कृत टायफुन ओज़्कान का लोकल हीरो बनने तक का सफर – ‘किकबॉक्सिंग ने मुझे बचाया’
31 साल के #5 रैंक के फेदरवेट किकबॉक्सर टायफुन ओज़्कान दुनिया के दिग्गज स्ट्राइकर्स में से एक के रूप में पहचाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने अपने बचपन का ज्यादातर वक्त परिवार और समाज से बहिष्कृत होकर ही बिताया है।
डच-टर्किश फाइटर 10 जून को ONE Fight Night 11: Eersel vs. Menshikov में #1 रैंक के सुपरबोन सिंघा माविन के खिलाफ वापसी करेंगे। युवावास्था में उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना किया, जिसने उन्हें परिवार से ही दूर कर दिया।
उनका बचपन शराब और ड्रग्स के आदी पिता के साथ गुजरा। वो 7 भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। ऐसे में बड़े होने के नाते “टरबाइन” को अक्सर अकेला ही छोड़ दिया जाता था।
इसके परिणामस्वरूप, एक युवा होते बच्चे को जिस तरह की देखभाल और संस्कार की जरूरत होती है, वो उन्हें नहीं मिल पाए, जिसने उनका व्यवहार और भी खराब कर दिया।
उन्होंने बतायाः
“परिवार के 7 बच्चों के साथ बड़ा होना मुश्किलभरा था। खासकर कि तब, जब पिता नशे के आदी हों। वो मेरी जिंदगी का सबसे बुरा वक्त था क्योंकि सारा पैसा उनकी नशे की लत में खर्च हो जाता था।
“मैं जब छोटा था, तब से परिवार के लिए कुछ करना चाहता था क्योंकि मेरे अंदर बहुत ऊर्जा थी। मैं घरवालों का प्यार चाहता था इसलिए मैंने उस ऊर्जा का गलत इस्तेमाल करना शुरू किया। फिर भी मुझे उनका प्यार नहीं मिला। मैं बस सबका ध्यान खींचना चाहता था। इसी वजह से मैं नकारात्मक रूप से उनका ध्यान खींचने लगा और परिवार से अलग-थलग कर दिया गया।”
ओज़्कान को लगने लगा था कि नकारात्मक चीजें ही सबका ध्यान खींचने का बेहतर जरिया हो सकती हैं, लेकिन इससे चीजें और बिगड़ती गईं।
उन्होंने अपनी ऊर्जा के सही इस्तेमाल के लिए फुटबॉल टीम का हिस्सा बनने की कोशिश की, लेकिन पिता ने उनकी फीस नहीं भरी। इसकी वजह से युवा एथलीट को उसे वहीं छोड़ना पड़ा, जहां से उन्होंने उसकी शुरुआत की थी।
खुशकिस्मती से चीजें तब बदल गईं, जब उन्हें किकबॉक्सिंग के बारे में पता चला। उन्हें एक ऐसे कोच मिल गए, जिन्होंने स्ट्राइकिंग आर्ट्स के लिए उनकी प्रतिभा को पहचान लिया। इसके बाद कोच ने “टरबाइन” को ये साबित करने का मौका दिया कि वो अपने जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
ओज़्कान ने याद करते हुए बतायाः
“मुझे किकबॉक्सिंग क्लब में शामिल कर लिया गया और ये वो जगह थी, जहां मैं अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल कर सकता था। मैं फुटबॉल खेल रहा था, लेकिन पिता ने मेरी फीस नहीं भरी इसलिए वहां से मुझे बाहर कर दिया गया। ऐसे में किकबॉक्सिंग ने मुझे बचाया।
“मैं किकबॉक्सिंग क्लास की फीस नहीं भर पा रहा था क्योंकि पिता ने पैसे नहीं दिए और मेरे पास भी पैसे नहीं थे। उस वक्त ट्रेनर ने मुझमें कुछ देखा और मुझे फ्री में ट्रेनिंग करने दी। वो भी बिना कुछ किए। मुझे नहीं पता कि मैंने ऐसा क्या किया होगा। असलियत में, इसके बिना मेरा जीवन किसी और दिशा में जा सकता था।”
पुराने जख्म भरे और उन चीजों को समझा, जो मायने रखती हैं
अपनी नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मकता में बदलने के साथ ही ओज़्कान के लिए चीजें बेहतर होती चली गईं।
किकबॉक्सिंग के प्रति समर्पण ने उन्हें ज्यादा संतुलित और परिपक्व बना दिया, जिसकी वजह से वो परिवार के साथ बेहतर रिश्ते बनाने और उसका आनंद लेने में सफल रहे। उस वक्त उन्होंने समझ लिया था कि वो सबकुछ नहीं चाहते, जो उनकी नई सफलता उन्हें आकर्षित कर रही थी।
Siam Gym जिम के प्रतिनिध ने कहाः
“मैं 15 या 16 साल का था। मैं अपने शहर में एक बड़े नाम के तौर पर उभर रहा था और उस वक्त हर कोई मेरा दोस्त बनना चाहता था। मैंने उसी वक्त समझ लिया था कि सफलता किस तरह काम करती है।
“वहीं मुझे पहले कोई पसंद नहीं करता था, लेकिन बाद में बहुत सारे लोग मेरा समर्थन करने लगे और मैं तेजी से अपना नाम बड़ा करता जा रहा था। हर कोई इस सफलता में शरीक होना चाहता था। मैं समझ गया था इसलिए मैंने किसी को तवज्जो नहीं दी। मैंने हमेशा अपना रास्ता खुद ही चुना।”
उस मानसिकता ने आखिरकार ओज़्कान को वो जिंदगी दी, जिसका वो हमेशा सपना देखते थे।
टायफुन ने परिवार के साथ मतभेदों को दूर किया, प्रोफेशनल किकबॉक्सिंग की दुनिया में सफलता हासिल की और फिर अपना खुद का एक परिवार शुरू किया, जहां वो उस प्यार को आगे बढ़ा सके, जो उन्हें एक बच्चे के रूप में नहीं दिया गया था।
फिर भी “टरबाइन” बुरे वक्त के लिए किसी के प्रति गिला-शिकवा नहीं रखते हैं। वो सिर्फ इस बात से खुश हैं कि भले ही वो पहले जिस तरह के भी इंसान हों, लेकिन उन्होंने परिवार के लिए खुद को बदलते हुए बेहतर ही बनाया है।
ओज़्कान ने कहाः
“हम सब परिवार में एक-दूसरे के बहुत करीब हैं। हम एक साथ बहुत सी मुश्किलों को झेल चुके हैं इसलिए हमारे बीच रिश्ता और भी मजबूत हो चुका है।
“हर किसी की अपनी जिंदगी होती है इसलिए समय-समय पर एक-दूसरे के जीवन और अन्य चीजों के बारे में बात करने के लिए एक साथ आना अच्छा होता है। अब हमारे बीच अच्छा रिश्ता कायम हो चुका है।”