क्वोन वॉन इल को अपने माता-पिता को गौरवान्वित करने की मंशा ने किया प्रेरित
“प्रिटी बॉय” क्वोन वॉन इल सफल होने के लिए दृढ़ संकल्प के माध्यम से ONE Championship में सबसे होनहार युवा एथलीटों में से एक बन गए हैं। दक्षिण कोरियाई स्टार ने अपना जीवन मार्शल आर्ट्स के लिए समर्पित कर दिया। कड़ी मेहनत ने उन्हें ONE: CENTURY PART I के शुरुआती मुकाबले में “द टर्मिनेटर” सुनोटो के खिलाफ लड़ने का मौका दिया है।
डाइजॉन मूल ने अपनी मार्शल आर्ट का सफर शुरू करते हुए अपने प्राथमिक विद्यालय की ताइक्वांडो टीम में प्राकृतिक प्रतिभा दिखा कर खुद को अपने देश के शीर्ष एथलीटों में से एक के रूप में स्थापित किया। सफलता के बावजूद उन्होंने जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाई की वजह से खेल को जल्दी छोड़ दिया। वह एक अच्छा विद्यार्थी नहीं बन पाया। उसकी ताकत को सही दिशा नहीं मिलने के कारण वह अन्य छात्रों के साथ झगड़ने लगे।
हाई स्कूल में एक सहपाठी के साथ झगड़ा होने पर प्रिंसिपल ने उनके माता-पिता को बुलाकर बेटे को दूसरे स्कूल में ले जाने को कह दिया। बेटे की इस हरकत के कारण उनके माता-पिता को शर्मिंदा होना पड़ा, फिर भी उन्होंने बेटे का बचाव किया।
क्वोन कहते हैं कि ” मेरी कक्षा के सभी विद्यार्थी शहर से बाहर भ्रमण पर जाने की योजना बना रहे थे लेकिन प्रिंसिपल ने मुझे बताया कि मैं उनके साथ नहीं जा सकता। मेरे पिता ने मुझे टि्रप में शामिल कराने के लिए प्रिंसिपल से आग्रह भी किया। ताकि मुझे दोस्तों के साथ कुछ यादगार पल गुजारने का मौका मिल सके लेकिन प्रिंसिपल इनकार कर दिया।”
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इस जानकारी ने क्वोन को बहुत परेशान किया। उनका कहना है कि इस घटना ने जीवन में बहुत कुछ अनुभव कराया। उन्होंने अपनी मां को प्रिंसिपल के सामने रोते देखा। उन्होंने कहा कि “यह पहली बार था जब मैंने उन्हें किसी के सामने अपना सिर झुकाते और रोते देखा था। जब मैंने महसूस किया कि मुझे उनके आंसू पौंछने के लिए कुछ करना है।”
उनके पिता ने ह्वाजोंग में अपने बेटे को एक बेहतर स्कूल में प्रवेश दिलाने में ज्यादा समय बर्बाद नहीं किया। नया स्कूल सियोल के उत्तर में सैकड़ों मील दूर था। क्वोन कहते हैं कि मुझे एहसास हुआ कि मेरी हरकत का मेरे माता-पिता पर सीधा प्रभाव पड़ा। मेरे लिए उन पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए कुछ करने का समय आ गया है।”
क्वोन के पिता ने अपने बेटे के लिए एक फ्लैट किराए पर लिया। जहां वो अकेले रहते थे। उन्होंने वहां नए दोस्त भी बनाए, जिन्होंने उनके दृष्टिकोण को बदलने में मदद की। उन्हें अपने जीवन के लक्ष्य निर्धारित करने उन्हें हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
वे कहते हैं कि “मैंने जल्द ही अपने जीवन में बदलाव शुरू कर दिया। मैंने अपने दोस्तों से सीखा और भविष्य के बारे में सपने देखना शुरू कर दिया। “प्रिटी बॉय” को एक्सट्रीम कॉम्बैट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स जिम मिल गया। यहां प्रशिक्षण के जरिए फिर से वो जुनून पैदा हो गया जो उन्होंने बचपन खो दिया था।
जब वो रात में प्रशिक्षण करते थे तो अक्सर थक जाते थे। फिर भी वो नई तरह से ध्यान केंद्रित करते थे। क्वोन कहते हैं कि ” प्रशिक्षण के बाद शाम को जिम से जाते समय मैं शारीरिक और मानसिक रूप से थक जाता था। लेकिन अपने माता-पिता को खुद पर गर्व महसूस कराने के लिए मैं दृढ संकल्पित था।”
उन्हें इस समर्पण का प्रतिफल तब मिला जब उन्होंने 19 वर्ष की आयु में जापान में अपनी पेशेवर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में डेब्यू किया। उन्होंने 19 पेशेवर मुकाबले करने वाले हीरोटाका मियाकावा के खिलाफ डेब्यू करते हुए 36 सेकंड में हराकर दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट संगठन में करियर की शुरुआत की।
इस सफलता ने उनके माता-पिता को गौरवान्वित किया। उन्होंने अपने बेटे को सफल बनाने में हमेशा मदद की। क्वोन कहते हैं कि मुझे ताकत अपने परिवार से मिलती है। अब मेरी मां बड़े मैचों से पहले मेरे लिए बहुत सारा खाना बनाती हैं ताकि मुझे लड़ने के लिए ताकत मिल सके। मेरे पिता यूं तो शांत प्रवृत्ति के हैं लेकिन वे मेरे सभी मैच देखते हैं और मुझे प्रोत्साहित करते हैं।”
उनके समर्थन ने हमेशा की तरह उन्हें सफल होने के लिए दृढ संकल्पित किया। उन्होंने जब दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मिक्स्ड मार्शल कलाकारों का सामना किया तो उन्हें ताकत दी और सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि” मेरे माता-पिता ने मुझे जो दिया है उसे वापस देने का समय आ गया है।”
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टोक्यो | 13 अक्टूबर | ONE: CENTURY | टीवी: वैश्विक प्रसारण के लिए स्थानीय सूची का अवलोकन करें| टिकट: https://onechampionship.zaiko.io/e/onecentury