अपने देशवासियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहते हैं ईसी फिटिकेफु – ‘मैं एक उदाहरण स्थापित करना चाहता हूं’
ईसी फिटिकेफु मार्शल आर्ट्स के ग्लोबल स्टेज पर शानदार प्रदर्शन कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहते हैं।
न्यूज़ीलैंड में जन्मे फिटिकेफु, टोंगा से संबंध रखते हैं और ONE में इस देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अकेले एथलीट हैं। वो ONE Fight Night 4: Abbasov vs. Lee में अपने देश के लोगों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
शनिवार, 19 नवंबर को रुसलान एमिलबेक ऊलू के खिलाफ वेल्टरवेट MMA बाउट से पहले जानिए 30 वर्षीय फिटिकेफु ने ONE में आने तक का शानदार सफर कैसे तय किया है।
कॉम्बैट खेलों के वातावरण में पले-बढ़े
फिटिकेफु ऑकलैंड के दक्षिणी हिस्से के मैंगेरे क्षेत्र में रह रहे एक टोंगाई परिवार में पले-बढ़े हैं।
वहां का जीवन आसान नहीं था और इस जगह ने कॉम्बैट खेल जगत को कई दिग्गज फाइटर्स दिए इसलिए आत्मरक्षा के गुण सीखना बहुत महत्वपूर्ण था। इसी वातावरण के कारण युवा कीवी स्टार ने बहुत छोटी उम्र में मार्शल आर्ट्स सीखना शुरू कर दिया था।
उन्होंने बताया:
“मेरा बचपन न्यूज़ीलैंड में बीता और मैं उस समय डेविड टुआ और मार्क हंट जैसे बड़े स्टार्स को फॉलो किया करता था। मैं उन्हें नहीं जानता था, लेकिन वो यहीं पले-बड़े थे इसलिए मैं उन्हें अपने लिए प्रेरणा का स्रोत मानता था।
“मैं बचपन से मार्शल आर्ट्स से जुड़ना चाहता था, लेकिन स्वभाव से बहुत शर्मीला था। मैंने कोई बॉक्सिंग जिम या कराटे जिम जॉइन नहीं किया।”
रग्बी से मार्शल आर्ट्स तक का सफर
फिटिकेफु के एथलेटिक करियर की शुरुआत रग्बी से शुरू हुई। अपने देश के लोगों की तरह वो भी बहुत लंबे और तगड़े हुआ करते थे और इसी कारण उन्हें इस खेल में सफलता मिली।
वो 14 साल की उम्र में नेशनल रग्बी लीग का हिस्सा बनने के लिए सिडनी आ गए, जहां वो क्रोनुला-सदरलैंड शार्क्स के लिए खेले, लेकिन कुछ साल बाद सीनियर स्क्वॉड से बाहर होने के बाद उनके सपने जैसे चकनाचूर हो गए थे।
रग्बी करियर को छोड़ फिटिकेफु ने इतना आत्मविश्वास पा लिया था कि वो कॉम्बैट खेलों के जरिए अपने करियर को नई शुरुआत दे सकते थे।
“मैंने जिउ-जित्सु से अपने सफर की शुरुआत की। उसके बाद बॉक्सिंग, किकबॉक्सिंग और उसके बाद MMA में आने का निर्णय लिया।”
MMA के प्रति लगाव ही उन्हें मार्शल आर्ट्स जिम तक खींच लाया था।
हालांकि पहले उन्होंने एक प्रोफेशनल मार्शल आर्टिस्ट बनने का सपना नहीं देखा था, लेकिन रग्बी खिलाड़ी के रूप में सफलता के दिनों ने उन्हें बड़ा सोचने पर मजबूर किया। वहीं एक बार सफलता मिलने के बाद उन्होंने आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा है।
फिटिकेफु ने कहा:
“मैंने शुरुआत में प्रोफेशनल फाइटर बनने का प्लान नहीं बनाया था, लेकिन फाइट करना अच्छा लगता था। जब मुझे ज्यादा फाइट्स में जीत मिलनी शुरू हुई तो मेरा खुद पर भरोसा बढ़ने लगा कि मैं इस खेल में करियर बना सकता हूं। ये सब विचार मेरे दिमाग में तब आए, जब मेरी उम्र 24 या 25 साल रही होगी।”
अपने परिवार के लिए ऐसा कर रहे हैं
हालांकि फिटिकेफु का प्रोफेशनल MMA रिकॉर्ड 7-0 का है, लेकिन ये सफर उनके लिए आसान नहीं रहा।
उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2015 में हुई थी और पहले दोनों मैच जीते, मगर कीवी स्टार ने नौकरी के कारण काफी समय तक कॉम्पिटिशन से दूर रहने का फैसला लिया, जिससे वो अपने परिवार के लिए अलग घर बना सकें।
इस लक्ष्य को पूरा करने के बाद उन्होंने 2017 में अपने एथलेटिक करियर को दोबारा शुरू किया और वो मानते हैं कि इस तरह कड़ी मेहनत कर मुश्किलों से पार पाने का अनुभव उनके बच्चों को जीवन में सही राह दिखा सकता है:
“मैं एक पिता हूं, मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है, मेरे 3 बच्चे हैं और जिम से आने के बाद उनके साथ समय बिताना मुझे बहुत पसंद है।
“सबका ख्याल रखना आसान नहीं है। मेरे बच्चे जानने लगे हैं कि उनके आसपास की दुनिया में क्या हो रहा है। उन्हें पता है कि उनके माता-पिता कितनी मेहनत कर रहे हैं और किस दौर से गुजर रहे हैं। इस अनुभव से मैं उन्हें प्रेरित करना चाहता हूं।”
फिटिकेफु अपने बच्चों को सबसे बड़ी प्रेरणा स्रोत मानते हैं।
वो अपने बच्चों को सिखाना चाहते हैं कि कड़ी मेहनत करते हुए आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
30 वर्षीय स्टार ने कहा:
“मैं उनके लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहता हूं। मेरा बचपन आसान नहीं रहा, मेरे पास कुछ नहीं था, लेकिन ये मायने नहीं रखता कि आप किस बैकग्राउंड से आते हैं।
“जब तक आप धैर्य बनाए रखते हुए मेहनत करते रहेंगे, आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं। मैं अपने बच्चों को यही चीज़ सिखाना चाहता हूं।”
टोंगा के लोगों के लिए एक राह बनाना चाहते हैं
फिटिकेफु के पास अब ONE जैसा बड़ा प्लेटफॉर्म है, जहां वो अपनी कड़ी मेहनत से सबको वाकिफ करवा सकते हैं। यहां सफलता का मतलब उनका परिवार खुशहाल रहेगा और अधिक टोंगाई लोगों तक अपनी पहुंच बना पाएंगे।
वो यहां केवल बात बनाने नहीं बल्कि अपने एक्शन से भी लोगों को प्रभावित करना चाहते हैं।
फिटिकेफु ने कहा:
“मैं खुद को बेस्ट फाइटर साबित करना चाहता हूं, खासतौर पर अपने देश टोंगा के लिए। हमें रग्बी लीग के लिए जाना जाता है, लेकिन कॉम्बैट खेलों में हमें ज्यादा पहचान प्राप्त नहीं है।
“हमारा देश छोटा है, लेकिन हमें खुद पर बहुत गर्व है। मैं इस जनरेशन का सबसे बेस्ट फाइटर बन पाया तो मुझे बहुत खुशी मिलेगी।
“मैं एक उदाहरण स्थापित करना चाहता हूं। टोंगा में कई प्रभाशाली एथलीट हैं, लेकिन रोल मॉडल्स की भारी कमी है। वो अगर अपने देश के एक व्यक्ति को टॉप पर देख पाए तो अन्य लोग उसे जरूर फॉलो करेंगे।”
ऐसा करने के लिए उन्हें ONE में जीत दर्ज करनी होगी और वो कभी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटेंगे।
उनका प्रोमोशनल डेब्यू इस शनिवार को होगा, जहां फिटिकेफु ने धमाकेदार अंदाज में जीत दर्ज करने का प्लान बनाया है।
उन्होंने कहा:
“मुझे विरोधियों के नाम से फर्क नहीं पड़ता, मैं केवल फाइट करना चाहता हूं। इसलिए मैं केवल अपने गेम प्लान पर अमल करूंगा, बाकी चीज़ें खुद ब खुद होती चली जाएंगी।
“आप मुझे जितना ज्यादा फाइट करते हुए देखेंगे, आप मुझे उतना ही देखना पसंद करने लगेंगे। मैच में दमदार पंच और ग्रैपलिंग की उम्मीद रखिएगा।
“मेरी मानसिकता उन्हें फिनिश करने की है, फिर चाहे वो पहले, दूसरा या तीसरे राउंड में ही क्यों ना आए। मगर इतना जरूर है कि मैच का परिणाम स्कोरकार्ड्स से नहीं आएगा।