मार्शल आर्ट्स को जीवनभर की तपस्या मानने वाले जेम्स यांग बोले – “जितना ज्यादा सीख सकते हैं सीख लें”

Pictures from the fight between James Yang and Roel Rosauro from ONE: REVOLUTION

एक पारंपरिक मार्शल आर्टिस्ट और AMC Pankration में दिग्गज ट्रेनिंग पार्टनर डिमिट्रियस जॉनसन के साथ के चलते जेम्स यांग ने जब पिछले साल सितंबर में सर्कल में अपना प्रोफेशनल MMA डेब्यू किया था तो वो किसी पहेली से कम नहीं थे।

इसके साथ ही अमेरिकी एथलीट ने दूसरे राउंड में रोल रोसौरो को तकनीकी नॉकआउट से शिकस्त देकर अपनी क्षमताओं को सबके सामने जाहिर कर दिया था कि वो क्या करने में सक्षम हैं। अब फैंस शुक्रवार, 22 अप्रैल को ONE: Eersel vs. Sadikovic में उनके ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।

सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में यांग का सामना ONE Championship के दिग्गज एथलीट किआनू सूबा से होगा, लेकिन अपना जीवन मार्शल आर्ट्स के लिए समर्पित करने वाले वाले यांग फेदरवेट डिविजन के इस अहम मुकाबले के लिए खुद को नया एथलीट नहीं मान रहे हैं।

ऐसे में उनके दूसरे मुकाबले से पहले हम उनकी अनोखी यात्रा पर एक नजर डालते हैं, जिसके चलते 32 साल के प्रतिभाशाली एथलीट ग्लोबल स्टेज पर आ सके हैं।

अपनी दादी मां से हैं प्रेरित

जब यांग ऐसे लोगों की बात करते हैं, जिनकी वो सबसे अधिक सराहना करते हैं तो उनके दिमाग में सबसे पहली छवि उनकी दादी डंग ली की आती है।

उन्हें जितना याद है उसके मुताबिक, फेदरवेट एथलीट मार्शल आर्टिस्ट बनना चाहते थे और इसके लिए वो घंटों कई तरह की मार्शल आर्ट्स वाली फिल्में देखा करते थे। ऐसे में “पो पो” हमेशा उनका उत्साह बढ़ाया करती थीं।

उन्होंने ONE Championship को बताया:

“मेरी गुजरी हुई दादी मां इस देश में अपने साथ कुछ भी नहीं लाई थीं और फिर उन्होंने सिर्फ अपनी मेहनत से चीजें जोड़कर हमें एक शानदार जीवन जीने का मौका दिया।

“ब्रूस ली का काफी ज्यादा प्रभाव मुझ पर पड़ा था और जेट ली की वोंग फेई हंग फिल्मों का भी। बचपन में मैं यही सब देखकर बड़ा हुआ और मेरी दादी मां ने हमेशा मुझे इस दिशा में जाने के लिए बढ़ावा दिया है।”

अपने घरेलू रिश्ते के अलावा भी यांग की दादी मां उनके जीवन के हर पहलू में उनकी आदर्श थीं।

AMC Pankration के प्रतिनिधि अपना एक खास वाकया याद करते हुए बताते हैं कि उन्होंने एक बार अपने पोते-पोतियों को बचाने के लिए खतरनाक लड़ाई भी लड़ी थी।

यांग ने कहा:

“मुझे अच्छी तरह से याद है कि उस समय मेरी दीदी मां मुझे और मेरे चचेरे भाई-बहनों को टहलाने के लिए ले जाती थीं और एक दिन उस दौरान दो लड़कों ने हम पर हमला कर दिया था।

“वो हम पर पत्थर फेंक रहे थे और गालियां देते हुए हमारी ओर बढ़ रहे थे। ऐसे में मेरी दादी मां ने हमारी सुरक्षा करने के लिए अपनी एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। उन्होंने उन पर अपने जूते फेंककर हमला किया था और वापस बिना जूतों के घर तक आई थीं।

“उस समय मैं बस यही सोच रहा था कि काश, मैं इतना बड़ा होता कि सबको बचा सकता।”

अपने पैशन का पीछा किया

भले ही यांग की मार्शल आर्ट्स में ट्रेनिंग करने की बहुत इच्छा थी, लेकिन उनके माता-पिता की तंग आर्थिक स्थिति और उनकी सुरक्षा की फिक्र के चलते ये योजना धरी की धरी रह गई। इसकी जगह एक स्थानीय संगठित खेलों में उन्होंने अपनी एथलेटिक शुरुआत की थी।

हालांकि, युवा अमेरिकी एथलीट ने हार नहीं मानी और वो बार-बार अपने मन के बताए रास्ते पर चलने की अनुमति मांगते रहे। ऐसे में एक दिन उन्हें वो मौका मिल गया, जिसकी उन्हें तलाश थी।

“मेरी उम्र करीब 10 या 11 साल की होगी, जब हम अपनी कजिन की बर्थडे पार्टी में गए थे और उनके ब्रदर-इन-लॉ वॉशिंगटन के सिएटल में लॉयन डांस की टीम का हिस्सा थे। लॉयन डांस एक परफॉर्मेंस डांस होता है, जो हमारी संस्कृति के बहुत करीब माना जाता है।

“उन्होंने एक हाथ बाहर निकलाते हुए पूछा, “क्या तुम उसे कुछ सीखने भी दोगे?” और इसके बाद उन्होंने मुझे मेरे पहले प्रशिक्षक से मिलवाया। उनका नाम टोनी ओ था। वो सिएटल में यिंग युंग टोंग इंटरनेशनल लॉयन डांस टीम के लीडर हैं।

“टोनी ने उन्हें चॉय ली फुट की ट्रेनिंग दी, जो कि दक्षिणी अमेरिकी स्टाइल का का कुंग फू था। वहां के इलाके में उस समय काफी सारे प्रशिक्षक एक ही चीज की ट्रेनिंग देते थे, लेकिन वो उनसे काफी अलग थे। वो कहते थे, ‘जितना हो सके, उतना सीख लो, अपना दिमाग खुला रखो और जितना हो सके, उतना ज्ञान हासिल कर लो।’ यही चीजें अब भी मेरे साथ हैं।”

जेम्स यांग ने अपनी ट्रेनिंग की शुरुआत को याद करते हुए कहा

भले ही उनकी ट्रेनिंग सप्ताह में एक ही दिन हो रही थी, लेकिन हर बार यांग अपने प्रशिक्षक के पास ढेर सारे सवालों के साथ वापस आ जाते थे, ताकि वो अपने स्तर से खुद का अभ्यास भी जारी रख सकें।

किसी सीखने वाले छात्र की तरह ज्ञान लेने के बाद उनके पैशन पर उनके वर्क एथिक (काम करने की नीति) हावी हो गए थे, जिसके चलते एक साल बाद ही उन्हें पहला मुकाबला करने को मौका मिल गया था।

वो याद करते हुए बताते हैं:

हमें वेंकूवर, ब्रिटिश कोलंबिया (कनाडा) जाना था। वो टाइगर बाम इंटरनेशनल था और मैंने तीन इवेंट्स में हिस्सा लिया था। वहां वेपन्स फॉर्म, हैंड्स फॉर्म और सैन होउ था, जो उस समय सांडा था। उसमें असल में मैंने ग्रैंड चैंपियनशिप हासिल की थी।

“वो बहुत कमाल का दिन था। मेरे सभी इवेंट्स एक ही समय पर थे। ऐसे में मैं अपने फॉर्म के लिए गया, दौड़ा कर आया, अपना मुकाबला पूरा किया। फिर से गया और अगला फॉर्म लिया। फिर अगले शख्स से मुकाबला किया। फिर से आया और फिर से मुकाबला करने गया।

“फिर अंत में उन्होंने सभी अलग-अलग डिविजन को मिलाकर एक चैंपियनशिप बनाई और ग्रैंड चैंपियनशिप के लिए मुकाबला करवाया। इस वजह से मुझे अपनी सभी विधाओं में एक बार फिर से मुकाबला करना पड़ा और उस दिन चीजें मेरे पक्ष में ही गई थीं।”

मार्शल आर्ट्स के मूल्यों को असल जीवन में उतारा

यांग के लिए मार्शल आर्ट्स कोई पेशा नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है।

असलियत में अमेरिकी एथलीट 17 साल की उम्र में हाईस्कूल की पढ़ाई छोड़कर तीन साल के लिए चीनी ग्रामीण इलाके के एक शाओलिन मंदिर में रहने चले गए थे। उस दौरान उन्होंने मार्शल आर्ट्स के मूल्यों को गहराई से समझा और अपने जीवन में उन्हें शामिल किया।

उस समय अपनी जीवन यात्रा में उन्होंने जिन खासियतों को सीखा, उन्हीं के चलते वो ONE Championship में शामिल हुए और ऐसा बिल्कुल भी इत्तेफाक से नहीं हुआ था। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके और संगठन के मूल्य काफी कुछ एक जैसे ही हैं।

उन्होंने बताया:

“मैं बस दूसरों के शब्दों (ONE के बारे में) की नकल नहीं करना चाहता हूं, लेकिन उन्होंने सच में मार्शल आर्ट्स का स्तर ऊंचा किया है। वो बहसबाजी नहीं बेच रहे हैं। वो ड्रग या गली-गलौच नहीं बेच रहे हैं और मैं भी खुद को उस स्तर तक नहीं ले जाना चाहता हूं।

“दिन के अंत में आप सोचते हैं कि समय निकलता जा रहा है और अगली पीढ़ी, जो ये देख रही है, वो हमारी जगह लेने वाली है। हमारे बच्चे वो चीजें देख रहे हैं।”

हालांकि, सूबा के खिलाफ होने वाले अपने अगले मुकाबले पर उनका पूरा ध्यान लगा हुआ है और इसी के चलते यांग सर्कल वॉल से आगे जाकर सोच रहे हैं।

वो मार्शल आर्ट्स को अपनी जीवन भर की तपस्या, सुधार और विकास के तौर पर देखते हैं। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए वो फेदरवेट में गहरा प्रभाव बनाना चाहते हैं और साथ ही चीजों के साथ ईमानदार भी बने रहना चाहते हैं।

अमेरिकी एथलीट ने कहा:

“इन्हीं चीजों के चलते मुझे ONE पसंद है क्योंकि उन्हें अपने मूल्यों और एथलीट्स से लगाव है। साथ ही ऐसे एथलीट भी हैं, जिन्हें लोग अपना आदर्श मान सकते हैं।”

“वो बस केवल देखने लायक वाले ही फाइटर्स नहीं हैं बल्कि वो ऐसे फाइटर्स हैं, जिनसे लोग प्रेरणा लेकर अपनी जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।”

अब ग्लोबल स्टेज पर मुकाबला करते हुए यांग के पास आगे बढ़कर दुनिया भर के लाखों लोगों को मार्शल आर्ट्स के सच्चे मूल्यों को दिखाने का मौका है।

लेकिन इस दौरान जितनी ज्यादा सफलता उन्हें मिलेगी, वो उन्हें उतने ही बड़े मंच की ओर ले जाएगी। इन चीजों को दिमाग में रखते हुए वो 22 अप्रैल को अपना पूरा दमखम लगाने के लिए तैयार हैं।

मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में और

Reinier de Ridder Anatoly Malykhin ONE 166 20
Reinier de Ridder Anatoly Malykhin ONE 166 39 scaled
Yodlekpet Or Atchariya Puengluang Baanramba ONE Friday Fights 85 15
Yodlekpet ONE Friday Fights 85
ChristianLee AlibegRasulov 1200X800
Yodlekpet Or Atchariya Komawut FA Group ONE Friday Fights 68 46
Ayaka Miura Meng Bo ONE Fight Night 16 34 scaled
Muangthai PK Saenchai Kongsuk Fairtex ONE Friday Fights 84 10
Muangthai and Kongsuk
Demetrious Johnson Adriano Moraes ONE Fight Night 10 7
Sage Northcutt Ahmed Mujtaba ONE Fight Night 10 33
Panrit Lukjaomaesaiwaree Superball Wankhongohm MBK ONE Friday Fights 83 23