लैजेंड बिबियानो फर्नांडीस ने टॉप पर पहुंचने के सफर में काफी मुश्किलें झेलीं
खराब परिस्थितियों में बड़े होने के बाद भी बिबियानो “द फ़्लैश” फर्नांडीस ONE Championship के इतिहास के सबसे सफल मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बने हैं।
इस रिकॉर्डतोड़ ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन ने गरीबी और बचपन में मुश्किलें देखी हैं लेकिन कठोर मेहनत और दृढ़ता से उन्होंने अपने लिए अच्छा जीवन बना लिया है। उन्होंने ग्लोबल स्टेज पर इतिहास बनाया और अपने परिवार का भविष्य सुधारा।
ये उनकी मार्शल आर्ट्स का बड़ा स्टार बनने के लिए की गई मेहनत की कहानी है।
बहुत अधिक गरीबी
फर्नांडीस ब्राजील के मानौस में पैदा हुए थे और वो एक बड़े परिवार का हिस्सा थे लेकिन उनका बचपन मुश्किल रहा है।
जब वो सिर्फ 7 साल के थे, उनकी माता की मृत्यु हो गयी और उनके पिता अपने 6 बच्चों को पालने में संघर्ष कर रहे थे। इस वजह से उन्होंने “द फ़्लैश” और उनके 5 भाई-बहनों को उनकी आंटी के पास रहने के लिए अमेज़न के जंगल मे भेज दिया, जहां उन्हें जीवित रहने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी।
हालांकि, फर्नांडीस अपने नए घर में अपने जीवन जीने का तरीका नहीं भूले और उन्होंने जीवन के प्रति सकारात्मक रवैये को बनाए रखा।
उन्होंने कहा, “जीवन हर किसी के लिए मुश्किल रहता है, आप मेरे कहने का मतलब समझे?”
“उस समय जीवन काफी मुश्किल था लेकिन मैं आगे बढ़ता गया और हमेशा सुनिश्चित करने लगा कि मेरा दिमाग सही है, सुनिश्चित किया कि मैं ठीक हूँ। कुछ लोग बोल सकते हैं कि जीवन आसान नहीं होता लेकिन मैं आगे चलते रहा।”
हालांकि, एक चीज़ जो उन्हें सकारात्मक बनने के बाद भी मदद नहीं कर पाई और वो थी मलेरिया, जो जंगल में जाने के कुछ साल बाद हुआ। फर्नांडीस के पिता को उन्हें शहर में वापस लाना पड़ा ताकि वो इलाज और आराम पा सकें जिससे फिर स्वास्थ्य को सही स्तर पर ला सकें।
जब वो ठीक हो गए, तो मानौस में ही रुक गए लेकिन घर पर पैसे की दिक्कत थी इसलिए उन्होंने बिल चुकाने के लिए अलग जॉब्स करना शुरू किया।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु की ओर रुख
एक दोपहर को जब 13 वर्षीय फर्नांडीस गाड़ी के कांच साफ कर रहे थे, इस दौरान उनका जीवन पूरी तरह बदल गया जब उनकी नजर मार्शल आर्ट्स जिम पर पड़ी जहां ब्राजीलियन जिउ-जित्सु सिखाया जा रहा था।
फर्नांडीस को इसमें रुचि थी और वो जल्द ही “जेंटल आर्ट” को पसंद करने लगे जब उन्होंने विद्यार्थियों को तकनीक का अभ्यास करते हुए देखा। पहले वो मेंबरशिप के पैसे जुटा नहीं पाए लेकिन विद्यालय के बच्चों ने इस समस्या का आसान उपाय निकाला।
उन्होंने बताया, “मैंने कोच से कहा, ‘सुनिए, मेरे पास ट्रेनिंग के लिए पैसे नहीं है, मैं नहीं मानता कि मैं ट्रेनिंग कर सकता हूँ।'”
“उन्होंने मुझे कहा, ‘ठीक है, जिम साफ कर दिया करना।’ मैं हर दिन जाने लगा और सफाई करने के साथ उनकी मदद करने लगा। मैंने जिउ-जित्सु पर ध्यान लगाया और मैं कई सारे लोगों से मिला। ये पूरा समूह है। मैं मेरे अतीत की वजह से ही यहां पर मौजूद हूँ।”
“द फ़्लैश” ने मैट पर बढ़िया काम किया और उन्हें प्रतियोगिता के शुरुआती दिनों में ही अपना निकनेम मिल गया क्योंकि उनके पास जल्दी सबमिशन लगाने की आदत थी। वो 2002 में ब्लैक बेल्ट हासिल करने में सफल रहे और IBJJF वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने के साथ ही वो पीढ़ी के सबसे शानदार ग्रैपलर बन गए।
BJJ ने उन्हें विश्व स्तर पर प्रसिद्ध एथलीट बनने की स्किल्स दी लेकिन इसके साथ ही फर्नांडीस ने बताया कि इसने उन्हें एक सही आदमी बनने में भी मदद की।
उन्होंने कहा, “जिउ-जित्सु दिमाग के लिए काफी जरूरी है, ये शरीर के लिए महत्वपूर्ण है।”
“मैं मानता हूं कि जिउ-जित्सु ने मेरी काफी मदद की है। इसने मुझे अनुशासन दिया है। जीवन मे हर चीज़ के लिए आपके पास आत्मविश्वास होना चाहिए ताकि आप गाड़ी चला सकें, सड़कों पर चले सकें और लड़कियों से बात कर सकें, जीवन में कुछ भी, और जिउ-जित्सु आपको वो दे सकता है।”
कनाडा जाना रंग लाया
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ने फर्नांडीस को मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने की स्किल्स दी। वो अपने प्रोफेशनल डेब्यू में ही छाप छोड़ने में सफल रहे, जब उन्हें चोक की मदद से सिर्फ 31 सेकेंड में जीत मिली।
इसके बाद “द फ़्लैश’ को दो लैजेंड्स के खिलाफ काफी पीछे धकेल दिया गया और उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें अभी ग्रैपलिंग के अलावा और स्किल्स की जरूरत थी। वो इसके बाद वैंकूवर, कनाडा चले गए जहां रेवोल्यूशन फाइट टीम से जुड़े और एक शानदार एथलीट बनने की तैयारी शुरू की।
ब्राजीलियन ने बताया, “बिल महूद (कोच) ने मेरी काफी मदद की है। [उन्होंने मुझे कहा], ‘जब आप केज में हो, उस समय रश [अंत] करने और बाहर आने की कोशिश मत करो। तुम्हें केज के अंदर और ज्ञान की हासिल करने की जरूरत है।'”
“मैंने कहा, ‘ठीक है, जब मैं अंदर जाऊँगा और प्रयत्न करूंगा।’ मैंने अंत करने की जल्दी कोशिश नहीं की। मैंने खड़े रहना सीखा शायद मैंने अपने जिउ-जित्सु पर हमेशा निर्भर रहने की कोशिश की। उन्होंने मुझे कहा कि मुझे केज में आनंद लेने की जरूरत है।
“अब मैं जब केज में जाता हूँ तो मैं अपने प्रतिद्वंदी के पास की चीज़ देखने की कोशिश करता हूँ। मैं अपनी ओर पंच आते हुए देखता हूँ और सोचता हूँ कि क्या मैं उन्हें यहां या वहां फिनिश कर सकता हूँ।”
इस सलाह ने उन्हें 2 डिविज़न का DREAM वर्ल्ड चैंपियन बनने में मदद की। 2012 में उन्होंने The Home Of Martial Arts में कदम रखा और एक साल बाद वो ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन बन गए।
इसके बाद से ये ब्राजीलियन सुपरस्टार ONE के इतिहास का सबसे खतरनाक एथलीट बन गया है, जहां उन्होंने वर्ल्ड टाइटल बाउट में दूसरे सुपरस्टार्स से ज्यादा जीत दर्ज की, जिसमें मार्टिन “द सीटू-एशियन” के खिलाफ एक और केविन “द सायलेन्सर” बेलिंगोन के खिलाफ 3 जीत दर्ज हैं।
फर्नांडीस ने अपनी सफलता का श्रेय काम को लेकर लगन और हमेशा सुधार करने की सोच को दिया।
उन्होंने कहा, “बाउट से लोग जब अलग स्तर पर पहुंच जाते हैं तो वो ध्यान खो देते हैं।”
“वो सोचते हैं कि क्योंकि वो चैंपियन है तो अपने जीवन का आनंद उठा सकते हैं। मैं ऐसा नहीं सोचता। मैं सोचता हूँ कि मैं आज और अच्छा हो सकता था, मैं कल और अच्छा हो सकता हूँ, मैं अगले दिन अच्छा हो सकता हूँ।”
सबसे अच्छा बनने की प्रेरणा
फर्नांडीस अभी भी उतने ही प्रेरित हैं जिससे वो अपनी पत्नी, अमेंडा और तीन बच्चों को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
चैंपियन कहते हैं, “मैं जानता हूँ कि अगर मैं कठोर परिश्रम करूंगा और अपना ध्यान रखूंगा तो मैं अपने परिवार का ध्यान रख सकता हूँ।”
“मैं खुश हूँ क्योंकि मुझे पिता बनने का मौका मिला। मैं उन्हें सीखा सकता हूँ और मैं अपने बच्चे का ध्यान रख सकता हूँ। ये वरदान है।
“[वर्ल्ड चैंपियन रहना] मेरा काम है। मैं वहां जाता हूँ और मुझे काम करना होता है क्योंकि अगर मैं काम करूंगा तो मैं अपने बच्चों के लिए घर खाना ला सकता हूँ।”
वो अपने बच्चों को अच्छा जीवन प्रदान कर चुके हैं और उन्होंने बच्चों को सही दिशा में लेकर जाने के बारे में कहा है। मार्शल आर्ट्स से मिले सारे ज्ञान को वो बच्चों को देकर उम्मीद करते हैं कि वो उनकी मदद करके अपना काम करें और उनके लिए दुनिया को अच्छा बना सकें।
उन्होंने कहा, “आप आपके बच्चों को सिखा सकते हैं, जीवन अतीत पर नहीं बनता जबकि ये एक ऐसा पल है जब आप आपके बच्चों का मार्गदर्शन करना चाहेंगे।”
“हम अच्छे बन सकते हैं। हम अच्छे हो सकते हैं। हम एक दूसरे में सुधार कर सकते हैं और हम आगे बढ़ सकते हैं।”
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