कैसे मार्शल आर्ट्स ने दिया यूरी लापिकुस को एक नया जीवन
युवावस्था में यूरी लापिकुस को इटली में आकर बसने के बाद काफी संघर्ष करना पड़ रहा था, उस समय मार्शल आर्ट्स ने ही उन्हें नई राह दिखाई।
अब करीब एक दशक बाद मोल्दोवन एथलीट मिलान में स्थित दुनिया की सबसे सम्मानित टीमों में से एक में ट्रेनिंग कर रहे हैं और ONE Championship के लाइटवेट डिविजन के सबसे उभरते हुए स्टार्स में से एक हैं।
अब 25 वर्षीय एथलीट गुरुवार, 8 अप्रैल को यूएस प्राइम टाइम पर “ONE on TNT I” के को-मेन इवेंट में अमेरिकी लैजेंड एडी “द अंडरग्राउंड किंग” अल्वारेज़ को हराकर अपने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज करना चाहेंगे।
इस धमाकेदार मुकाबले से पहले यहां जानिए लापिकुस के इटली में संघर्ष, कॉम्बैट स्पोर्ट्स और उनके ONE Championship तक के सफर के बारे में।
मोल्दोवा से इटली तक का सफर
लापिकुस मोल्दोवा के गुरा बिचुलुई नाम के गांव में जन्मे, जहां वो अपने माता-पिता और बड़े भाई मार्चीन के साथ रहते थे।
मोल्दोवा पहले सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था और अब उसे शराब उत्पादन के लिए जाना जाता है। लापिकुस का बचपन अच्छे माहौल में गुजरा।
उन्होंने बताया, “बचपन में मुझे प्रकृति और जानवरों से बहुत लगाव था और इस समय की बातें आज भी मुझे याद हैं।”
“मोल्दोवा में सब अच्छा चल रहा था। गर्मियों में हम पूरा दिन नदी किनारे खेलते रहते थे, कभी-कभी खाना भी भूल जाते थे। शरद ऋतु में हम अंगूरों की खेती में अपने पिता का हाथ बंटाते थे, जिसका प्रयोग बाद में शराब के उत्पादन के लिए होता था। सर्दियों में काफी बर्फ पड़ती थी, मौसम कितना भी ठंडा क्यों ना हो हम पूरा दिन बर्फ में खेलते रहते थे।”
मोल्दोवा में ही लापिकुस को मार्शल आर्ट्स के बारे में पता चला था और 9 साल की उम्र में जूडो सीखना शुरू किया। लेकिन पैसे की कमी के कारण उन्हें लकड़ी के फ्लोर पर ही अभ्यास करना होता था।
उनके पूरे देश में पैसे की भारी कमी थी। मोल्दोवा पूरे यूरोप में प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में पिछड़ा हुआ देश था इसलिए जब वो 15 साल के थे, तब उनका परिवार इटली आ गया।
MMA का जुनून पैदा हुआ
लापिकुस नए देश में तो आ गए, लेकिन शुरू के कुछ साल उनके लिए बहुत संघर्षपूर्ण रहे। सौभाग्य से कुछ समय बाद ही उन्होंने नए माहौल के साथ तालमेल बैठाना शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा, “वहां के लोगों के साथ तालमेल बैठाना सबसे बड़ी चुनौती रही। नए देश की भाषा ना आना और वहां एक किशोर के रूप में जीवन व्यतीत करना सबसे मुश्किल काम है।”
“इस कठिन सफर में मार्शल आर्ट्स ने मेरी बहुत मदद की है। खासतौर पर, कॉन्टैक्ट स्पोर्ट्स अन्य लोगों से जुड़ने का एक अच्छा तरीका है और इसने मुझे अनुशासित रहना भी सिखाया है।”
इटली में आने के बाद ना केवल उनकी मार्शल आर्ट्स में दिलचस्पी बढ़ी बल्कि उन्हें उस सुनहरे अवसर का भी आभास हुआ, जो उनके करियर को नई राह पर ले जा सकता था।
लापिकुस ने आगे कहा, “उस समय मेरे क्लासमेट ने मुझे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के बारे में बताया था।”
“वो मुझे अपने साथ जिम में ले गए और इस खेल से मुझे पहली ही नजर में प्यार हो गया था। मुझे दूसरी कलाओं को भी सीखने की लालसा हुई इसलिए मैंने एक अच्छा मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनने की ठानी।”
लापिकुस ने अपने ग्रैपलिंग गेम को मजबूत बनाते हुए खुद के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर की नींव रखी।
कड़ी ट्रेनिंग और स्किल्स में सुधार करने के बाद प्रतिभाशाली फाइटर ने 2014 में अपने प्रोफेशनल डेब्यू मैच में पहले राउंड में सबमिशन जीत प्राप्त की थी।
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2 लैजेंड्स से प्रोत्साहन मिला
मोल्दोवन स्टार अपनी स्किल्स में लगातार सुधार कर रहे थे, इस बीच उन्हें किकबॉक्सिंग सुपरस्टार जियोर्जियो “द डॉक्टर” पेट्रोसियन और उनके बड़े भाई आर्मेन पेट्रोसियन के रूप में 2 गुरु भी मिले।
लापिकुस ने कहा, “वो दोनों महान चैंपियंस हैं और अच्छे इंसान भी हैं। उन्होंने मुझे प्रोफेशनल करियर और व्यक्तिगत जीवन में भी बहुत मदद की है। वो मेरे लिए परिवार का ही हिस्सा हैं।”
“उनसे मुझे सबसे बड़ी शिक्षा यही मिली है कि हमने अपने जीवन में कितनी ही बड़ी उपलब्धियां हासिल ना कर ली हों, हमें विनम्रता से काम लेना चाहिए। धैर्य और त्याग के बिना हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता नहीं मिल सकती।”
Team Petrosyan में दोनों किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियंस द्वारा लापिकुस को मिली शिक्षा ने उन्हें एक खतरनाक एथलीट बना दिया है।
प्रोफेशनल करियर के पहले 4 साल में लापिकुस ने इटालियन सर्किट में काफी सफलता प्राप्त की, अपने सभी 12 मैचों में पहले राउंड में स्टॉपेज से जीत दर्ज की, जिनमें से 4 नॉकआउट और 8 सबमिशन जीत रहीं।
अपने देश के सबसे उभरते हुए स्टार्स में से एक टॉप लेवल के एथलीट बनने को बेताब हैं।
ग्लोबल स्टेज पर भविष्य
लापिकुस का शानदार सफर ग्लोबल स्टेज पर भी जारी रहा है।
2019 में हुए ONE: ENTER THE DRAGON में थाईलैंड के शेनन “वनशिन” विराचाई के खिलाफ अपना ONE Championship डेब्यू किया।
उनका डेब्यू मैच एक नामी नॉकआउट आर्टिस्ट और प्रोमोशन के सबसे अनुभवी लाइटवेट एथलीट्स में से एक के खिलाफ हुआ। इसके बावजूद मोल्दोवन एथलीट ने तीसरे राउंड में रीयर-नेकेड चोक लगाकर अपने 100 प्रतिशर फिनिशिंग रेट को कायम रखा।
उनकी उस जीत ने पूरे डिविजन को सावधान कर दिया था और अगले मैच में उन्होंने और भी शानदार अंदाज में जीत दर्ज की। उन्होंने ना केवल पूर्व ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन मरात “कोबरा” गफूरोव को 67 सेकंड में हराया बल्कि उन्हें सबमिशन से हराने वाले पहले एथलीट भी बने।
इसी कारण उन्हें ONE लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन क्रिश्चियन “द वॉरियर” ली के खिलाफ मैच मिला। उन्होंने शुरुआती राउंड्स में चैंपियन को चौंकाने में सफलता पाई, लेकिन बेल्ट जीतने में नाकाम रहे।
मोल्दोवन एथलीट निराश थे, लेकिन उन्हें हार से और भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली है।
लापिकुस ने कहा, “हार निराशाजनक रही क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद थी। लेकिन हार-जीत जीवन की कड़वी सच्चाई है। अब मुझे एक बार में एक कदम आगे रखना होगा और फिलहाल के लिए मेरा फोकस अपने अगले मैच पर है।”
“ONE on TNT” सीरीज के पहले इवेंट में उन्हें अल्वारेज़ की चुनौती से पार पाना होगा।
अमेरिकी एथलीट इस खेल के दिग्गज हैं, पूरी दुनिया में परफॉर्म करने के अलावा उत्तर अमेरिका के 2 सबसे बड़े प्रोमोशंस में लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं।
इटली में मार्शल आर्ट्स सीखने के दौरान लापिकुस, अल्वारेज़ को फॉलो करते आए हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि Team Petrosyan के एथलीट कमजोर हैं।
लापिकुस बड़े स्टार के खिलाफ जीत दर्ज कर सुर्खियां बटोरने को बेताब हैं।
उन्होंने कहा, “एडी एक लैजेंड हैं और मैं उन्हें फॉलो करता आया हूं। लेकिन मुझे विश्वास है कि मैं उनके करियर का अंत करने में समर्थ हूं और 8 अप्रैल को मैं ऐसा ही करूंगा।”
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