माइकल शिवेलो ने अपनी किताब ‘Good Night Irene’ के बारे में विस्तार से जानकारी दी
माइकल “द वॉइस” शिवेलो मार्शल आर्ट्स की दुनिया के सबसे जाने पहचाने ब्रॉडकास्टर्स में से एक हैं। लेकिन कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि इतनी सफलता उन्हें काफी कठिनाइयों से गुजरने के बाद मिली है।
अब लोग उनके बारे में और भी अधिक जानकारी प्राप्त कर पाएंगे क्योंकि ONE Championship के कॉमेंटेटर अपनी नई किताब “Good Night Irene: How Bullied Fat Kid From Melbourne Became A Global Broadcasting Star” को लॉन्च करने वाले हैं।
“द वॉइस” ने दुर्व्यवहार, आत्म-संदेह और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े संघर्ष को अपनी जिंदगी में झेला है। लेकिन ये कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उन्हें अपने अनाउंसिंग स्टाइल और बेहतरीन इंटरव्यूज के लिए पूरी दुनिया में पहचान मिली है।
ये किताब फैंस को उनके स्पोर्ट्स स्टार्स और सेलिब्रिटीज़ के साथ बिताए गए अनुभव से अवगत कराएगी। वर्ल्ड कप से लेकर ONE सर्कल तक और उन्हें झेलने पड़े कड़े संघर्ष भी आपको जानने को मिलेंगे।
1 अक्टूबर को इस किताब के रिलीज़ से पहले शिवेलो ने ONE के साथ बात की और इस किताब को लिखने के बारे में कई बातें बताईं। किस तरह उन्होंने दिमाग पर जोर देकर अपने जीवन से जुड़ी यादों को फिर से ताजा किया और पाठकों को उनकी किताब से क्या उम्मीद रखनी चाहिए।
ONE Championship: आपने अपनी आत्मकथा को लिखने के लिए इसी समय का चुनाव क्यों किया?
माइकल शिवेलो: लोग हमेशा उन सेलिब्रिटीज़ के जीवन से जुड़ी कहानियों के बारे में जानने के इच्छुक होते हैं, जिनसे मैं मिला हुआ हूं या जिनके साथ मैंने समय बिताया है। 26 अलग-अलग देशों में कमेंट्री करना और स्टीवन सीगल, जॉन क्लॉड वैन डैम, पेले, डिएगो मैराडोना, जैकी चैन, स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन, हल्क होगन से मिलने के बारे में जब भी मैं कुछ कहता तो लोग अक्सर कहते कि, “तुम्हें इस पर एक किताब लिखनी चाहिए।”
इसलिए पिछले साल मैंने सोचा, ‘शायद यही सही समय है जब मैं अपनी किताब लिखने पर ध्यान दूं और इनमें से कुछ कहानियों को एक किताब का रूप दूं, इससे मैं बूढ़ा भी हो जाऊंगा तो भी वो अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा। जैसे ही मैंने चीजों को जोड़ना शुरू किया, इसमें से एक कहानी बाहर आने लगी।’
ज्यादा गहराई में बात करूं, तो मेरे 2 बेटे हैं, एक 6 साल का है और दूसरा 3 साल का। उन्होंने सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं कि उनके पिता क्या नौकरी करते हैं और वो अक्सर टीवी पर क्यों नजर आते हैं। इसलिए मैंने भी उन्हें इस बारे में बताना भी शुरू कर दिया है। अभी वो छोटे हैं इसलिए वो सभी चीजों को नहीं समझ सकते, इसलिए मैंने उन्हें समझाने के लिए खुद के जीवन से जुड़ी बातों को किताब में लिखा है, जिससे भविष्य में वो समझ सकें कि उनके पिता क्या काम करते आए हैं।
ये किताब मेरे लिए सामाजिक संदेश की तरह भी रही है क्योंकि इसी की वजह से मुझे अपनी युवावस्था के दिन याद आए। दूसरे बच्चे मुझे बहुत परेशान किया करते थे और इन चीजों से मैं तंग आ चुका था और लोग ये भी कहते थे कि मैं अपनी जिंदगी में कभी कुछ हासिल नहीं कर पाऊंगा। खून, पसीने और आंसुओं के बुरे दौर को पीछे छोड़ मैंने अपने लक्ष्य पर आगे बढ़ने पर फोकस किया, कड़ी मेहनत की, प्रतिबद्ध रहा और इन्हीं कारणों से मैं उन शरारती तत्वों को गलत साबित कर पाया था।
लिखते समय मैं ये भी सोच रहा था कि, ‘अपने इस अनुभव से मैं दूसरे लोगों को भी प्रेरित कर सकता हूं क्योंकि मैं अन्य लोगों में से ही एक हूं और आज मैं जो भी कर रहा हूं, उसके लिए मेरे पास कोई औपचारिक योग्यता नहीं है।’
मैं एक मजदूर का बेटा हूं और हमेशा कड़ी मेहनत पर निर्भर रहना सीखा है। मैं अपनी किताब में उन चीजों को लिखना चाहता था, जिन्हें लोग अपनी जिंदगी से भी जोड़ सकें और उन्हें इससे प्रेरणा मिल सके। मैं लोगों को ये भी कहते देखना चाहता हूं, “अगर शिवेलो ऐसा कर सकते हैं तो हम भी जिंदगी में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।”
ONE: ये किताब खासतौर पर किन लोगों के लिए है और आपको क्या उम्मीद है कि लोग इसे पढ़कर क्या सोचेंगे?
माइकल शिवेलो: ये किताब हर किसी के लिए है। खासतौर पर उन स्पोर्ट्स फैंस के लिए जो स्पोर्ट्स एथलीट्स के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। साथ ही ये सेलिब्रिटी फैंस के लिए भी है जो ये जानना चाहते हैं कि किसी फिल्म और म्यूजिक एल्बम जैसी चीजों के लिए सेलिब्रिटीज किस तरह की मेहनत करते हैं।
लेकिन इनके अलावा मुझे लगता है कि किशोरों के लिए भी है, जिन्हें इस किताब को पढ़कर ये जानने को मिल सकेगा कि आखिर उन्हें अपने जीवन में किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। शायद उन्हें लगता है कि जो समाज के लोग उनसे अपेक्षा रखते हैं, वो अपने जीवन में उससे ज्यादा कभी हासिल नहीं कर पाएंगे। उन्हें 9-6 की जॉब मिल सकती है लेकिन उनका सपना संभव ही इससे कहीं अधिक हासिल करने का रहा होगा। कुछ को डॉक्टर बनना होगा, किसी को वकील, ब्रॉडकास्टर, खगोल वैज्ञानिक या किसी को एथलीट भी बनना होगा लेकिन उनके आसपास के लोग अलग-अलग तरह की बातें कर उनके मनोबल को नीचे गिरा देते हैं।
मुझे लगता है कि इस किताब से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिल सकता है। मैं उन लोगों में से नहीं हूं जिसे आप NBC, CBS या ESPN पर देखते हों। मैं उन लोगों में से भी नहीं हूं जिनके ब्लॉन्ड हेयर हों, नीली आंखे, आकर्षक आवाज या कोई बहुत बड़ा अनाउंसर नहीं हूं फिर भी मैं अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर पाया हूं। इन चीजों के ना होने के बाद भी पूरी दुनिया के लोग मुझे अक्सर टीवी पर देख पाते हैं। जिनके बारे में अक्सर बच्चे जानने के इच्छुक होते हैं, मैं उनसे कई बार मिल चुका हूं। मैंने सफलता प्राप्त जरूर की है, लेकिन मेरा पहला लक्ष्य पैसे कमाना नहीं था। ना ही मैंने कोई उच्च शिक्षा प्राप्त की है, मैंने केवल ध्यान दिया है तो कड़ी मेहनत करने पर। मैं अपने आसपास अच्छे लोगों की बातों को ध्यान लगाकर सुनता हूं और मेरे अंदर आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है। मेरा एक ही लक्ष्य था और मैंने अपना पूरा ध्यान उसी पर लगाए रखा। ये मायने नहीं रखता कि मुझे कितनी बार असफलता प्राप्त हुई, मायने ये रखता है कि मैं हर बार उस असफलता को पीछे छोड़ एक बार फिर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ जाता था।
साथ ही मुझे लगता है कि ये किताब ONE Championship के एशियाई फैंस के लिए भी है। मैं जानता हूं कि यहां काफी लोग एंजेला ली, आंग ला न संग और मार्टिन गुयेन की तरह ONE एथलीट बनना चाहते हैं। लोग अक्सर मुझे सवाल पूछते हैं कि, “मैं आपकी तरह सफलता प्राप्त कैसे कर सकता हूं?”
अगर आपका कोई सपना है तो मैं इस किताब के माध्यम से लोगों को अहसास दिलाना चाहता हूं कि वो अपने सपने को जरूर पूरा कर सकते हैं। अगर आपका कोई सपना है और आप उसे हासिल करना चाहते हैं तो दुनिया जरूर उस राह पर जाने के लिए आपके लिए दरवाजों को खोलेगी। दरवाजा आपके सामने होगा और आपको केवल किसी तरह उसमें प्रवेश करना होगा।
ONE: क्या लोगों द्वारा तंग किया जाना और मानसिक स्वास्थ्य जैसे संघर्ष को बयां करना आपके लिए एक कठिन अनुभव रहा?
माइकल: हां, ये मेरे लिए बेहद कठिन अनुभव रहा। मैं जब किताब को लिख रहा था तो कई मौकों पर मैं रो भी पड़ा था, क्योंकि ये ऐसी यादें थीं जिन्हें मैंने अपने दिमाग से पूरी तरह निकाल दिया था। जिस भी व्यक्ति को अपने जीवन में इस तरह का संघर्ष झेलना पड़ता है वो जरूर इन यादों को एक बक्से में बंद कर उस पर ताला लगा देना चाहता है और उसकी चाबी को अपनी पहुंच से दूर फेंक देना चाहता है। लेकिन इस किताब को लिखते समय मजबूरन उन दिनों को मुझे दोबारा याद करना पड़ा।
मैंने उन घटनाओं को याद किया जब दूसरे बच्चे मुझे तंग किया करते थे और मुझे दूसरों से अलग होने का अहसास करवाते थे। उनके कारण मैं बहुत दुखी भी रहने लगा था, जिससे अजीब-अजीब ख्याल मेरे मन में आया करते थे।
पिछले हफ्ते मैंने अपनी मां को इस किताब की एक कॉपी भेजी है और उन्होंने उसका कुछ हिस्सा पढ़कर मुझे फोन लगाया और कहा, “मैं तुमसे माफी मांगना चाहती हूं, क्योंकि तुम्हारे इस अनुभव के बारे में मुझे कभी कुछ नहीं पता चला।”
मैं उन संघर्षों को किसी को नहीं बताता था और अपने ही भीतर उन्हें समेट कर रख लेता और खुद ही उनसे जीतने की कोशिश करता। अपनी मां से उन यादों के बारे में बात करते हुए मैं बहुत भावुक हो गया था। उस मुश्किल दौर को याद करना और उन्हें भुलाकर आगे बढ़ने से मेरा खुद पर भरोसा बढ़ने लगा था और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा भी मिलती थी। मैं किसी से ये नहीं कहना चाहता था कि मैं किसी चीज को करने में सक्षम नहीं हूं। लोग जितना मुझे किसी चीज को करने से रोकते, मैं उसे उतनी ही शिद्दत से करना भी चाहता था।
इन दिनों मुझे काफी सफर करना पड़ता है, जिससे थकावट और चिंता होना भी लाज़िमी सी बात हो जाती है। जब भी आप किसी फ्लाइट में कहीं जा रहे होते हैं तो कुछ घंटों के लिए आप अपने परिवार या अपने किसी सहकर्मी से दूर हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जब आप दुनियाभर का सफर कर रहे हों तो चिंता और थकावट हो ही जाती है। लेकिन जैसे ही ONE Championship में मैं अपने सहकर्मियों को अपने पास पाता हूं तो मैं काफी उत्साहित हो जाता हूं। लेकिन फ्लाइट में सफर करने का वो समय आपको अंदर ही अंदर चिंता के रूप में खा रहा होता है। मेरी इन समस्याओं के बारे में केवल मेरी मां और पत्नी को पता है।
ONE: अपने अनुभवों को याद करना और उनमें से उनका चुनाव करना जिन्हें आप किताब में शामिल करने वाले थे, ये चीज आपके लिए कितनी कठिन रही?
माइकल: ये मेरे लिए बहुत कठिन अनुभव रहा। अगर मैं सभी चीजों को शामिल करता तो वो एक नहीं बल्कि 3 या 4 किताब बन जातीं। हो सकता है कि भविष्य में मैं दूसरी किताब भी लिखूं। मुझे लगता है कि आने वाले समय में मुझे ऐसा करना ही होगा क्योंकि लोग जरूर मुझसे कई तरह के सवाल करने वाले हैं।
मुझे ये सोचना पड़ा कि लोगों के लिए क्या चीजें ज्यादा मनोरंजक होंगी। साथ ही मैंने इस बात पर सबसे अधिक ध्यान दिया है कि लोग किस तरह कठिनाइयों को पीछे छोड़ सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
ONE: जिन चीजों को आपने इस किताब में लिखा है, उनमें से सबसे यादगार आपके लिए क्या रही, क्या एक ऐसी कहानी रही जिसे आप हमेशा लोगों को बताना चाहते थे?
माइकल: मुझे लगता है कि चीजों को सुव्यवस्थित रूप से करना और स्टीवन सीगल से जुड़ी कहानी को किताब का रूप देना मेरे लिए सबसे यादगार रहा। स्टीवन की कहानी में काफी गहराई है और उनके कैरेक्टर को किताब में प्रदर्शित करने में काफी समय लगा।
उस इंटरव्यू के लिए मिले ई-मेल को उजागर करना और ये बताना कि उस समय हम किस तरह सोच रहे थे, मेरा प्रोडक्शन क्रू और मेरे द्वारा शो से पूर्व की गई तैयारी और उसके बाद की चीजें। मुझे लगता है कि केवल इंटरव्यू ने ही अमेरिका में टीवी पर बहुत अच्छी रेटिंग्स बटोरी थीं। दुनिया के काफी लोग गूगल पर “Steven Seagal Interview” सर्च करते हैं और उनमें मेरा इंटरव्यू ही टॉप इंटरव्यूज में आता है।
इसके अलावा K-1 से जुड़ी कुछ कहानियां और मैं “द वॉइस” कैसे बना, ये सब बताना भी मेरे लिए यादगार रहा। इसी कारण दुनियाभर में मुझे पहचान मिली है। मुझे भविष्य में K-1, एक बड़े प्रोमोशन की आवाज होने के लिए जाना जाएगा और स्पोर्ट्स फैंस का मनोरंजन करने का अवसर मिलने का सदा आभारी रहूंगा।
उनके साथ डील साइन करना भी एक यादगार लम्हा रहा और मार्क हंट के साथ समय बिताना, रे सेफो से मिली मदद, बद्र हरि के साथ मेरे संबंध और भी कई चीजें यादगार रहीं। उन चीजों को याद कर मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था क्योंकि जब भी मैं ऐसी चीजों के बारे में बात करता हूं तो वो लोगों को बहुत पसंद आती हैं।
इन्हीं चीजों के लिए मुझे जाना जाता है और कुछ इसी तरह मैंने ONE के साथ डील साइन की थी। चाट्री सिटयोटोंग K-1 के दिनों में मुझे फॉलो किया करते थे, वो K-1 को देखने के शौकीन और वो मेरे भी फैन रहे हैं। उन्हें एक नए कॉमेंटेटर की तलाश थी, उन्होंने कहा, “K-1 में कमेंट्री करने वाला शख्स कैसा रहेगा। क्या माइकल शिवेलो उपलब्ध होंगे? उन्हें साइन करने का प्रयास किया जाए और हमें वो चाहिए ही चाहिए।”
ONE: आंग ला न संग vs कैन हासेगावा को किताब में शामिल करने की क्या खास वजह रही?
माइकल: ONE Championship से जुड़े एक टॉपिक पर आधारित पूरा एक अध्याय लिख देना मेरे लिए काफी यादगार रहा। वो संभव ही ONE Championship के इतिहास के सबसे बेहतरीन मुकाबलों में से एक रहा। शायद वो आज भी ONE Championship की उन वीडियोज में से एक है, जिसे फैंस ने सबसे ज्यादा देखा है।
मैंने अपने ब्रॉडकास्टिंग करियर में जितना भी काम किया है, ये सब उसी का फल है। ऐसी कमेंट्री करना जो सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी और Asian Television Award में मुझे इसके लिए 50 एक्सपर्ट जजों ने अवॉर्ड भी दिया था।
ये साबित किया है कि अपने करियर में मैंने जो भी संघर्ष किया है, उसपर विजय प्राप्त करने में सफलता पाई है। खून, पसीने, आंसुओं, असुरक्षा का भाव, शरारती तत्वों को गलत साबित करना, ये सभी चीजें मुझे सफलता की ओर ले जा रही थीं। ONE Championship के इस परफेक्ट मैच को देखना, वो भी म्यांमार के यांगोन शहर में और 2 वर्ल्ड-क्लास एथलीट्स के बीच मेरे लिए एक सुखद अहसास रहा।
उस अध्याय में उस पूरे मैच के बारे में बताना और फैंस को उस मैच के बारे में ज्यादा जानकारी देना, उसमें क्या हुआ, कमेंट्री प्रोसेस कैसा रहा और Asian Television Awards में नामांकित होना और अंत में अवॉर्ड जीतना। ये सभी चीजें सबसे बड़ी वजह रहीं कि इस मुकाबले को मैंने किताब से जोड़ा है।
ये मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा और ऐसा कर मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ और खुशी भी हुई।
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