माइकी मुसुमेची ने अपनी पास्ता व पिज्जा डाइट और ‘डार्थ रिगाटोनी’ निकनेम के बारे में बताया
पहले ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच की तैयारी करते हुए प्रतिभाशाली ग्रैपलिंग एथलीट माइकी “डार्थ रिगाटोनी” मुसुमेची ये साबित कर रहे हैं कि किसी एक व्यक्ति का चीट मील दूसरे व्यक्ति की डाइट हो सकती है।
5 बार के IBJJF वर्ल्ड चैंपियन का सामना यूएस प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 30 सितंबर (भारत में शनिवार, 1 अक्टूबर) को ONE Fight Night 2 में अपने प्रतिद्वंदी क्लेबर सूसा से होगा।
हालांकि, कई सारे एथलीट कार्बोहाइड्रेट की कटौती करके उबला चिकन या ब्रोकली ही खाते हैं, जबकि मुसुमेची अपने अलग अंदाज में रहते हैं। वो खासतौर पर पिज्जा और पास्ता का एक बड़ा भोजन हर रोज लेते हैं।
कमाल की बात ये है कि वो ये सब अपनी बॉडी को शेप में रखते हुए और तगड़ी ट्रेनिंग के साथ कर पाते हैं। ऐसे में ये हैरानी की बात है कि 26 साल के एथलीट ये कैसे कर लेते हैं?
उन्होंने ONEFC.com को बताया:
“जब सोकर उठता हूं तो सबसे पहले मैं ट्रेनिंग करता हूं और फिर इलेक्ट्रोलाइट्स व कैफीन का सेवन करता हूं। इस तरह से मैं आधा गैलन पानी या फिर इलेक्ट्रोलाइट्स व कैफीन लेता हूं। इससे मेरा पेट पूरी तरह से भर जाता है क्योंकि ये काफी ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ होता है। और फिर इसके कुछ समय बाद एक और कैफीन लेता हूं। फिर से ट्रेनिंग करता हूं और फिर रात का समय आ जाता है, तब मैं खाने के लिए तैयार हो जाता हूं।
“इन चीजों से मेरा दिन काफी तेजी से निकल जाता है और पूरे दिन मुझे भूख नहीं लगती है इसलिए रात में मैं काफी ज्यादा खाना खा सकता हूं। ऐसे में जब दूसरे दिन आप सोकर उठते हैं तो आपका पेट पहले से ही भरा होता है। इस वजह से अगर आप इस तरह से सोचें तो बाकी चीजें करने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं आती है।”
कई लोगों के लिए ये आश्चर्य की बात है कि इटालियन-अमेरिकी एथलीट अपनी इस अनोखी डाइट के साथ बड़े स्तर पर प्रदर्शन कर चुके हैं।
बीती अप्रैल में ONE 156 के दौरान “डार्थ रिगाटोनी” ने अपने ONE Championship डेब्यू के दौरान सबको तब प्रभावित कर दिया था, जब उन्होंने जापानी MMA और ग्रैपलिंग दिग्गज मासाकाजू इमानारी पर दबदबे वाली जीत हासिल की थी।
मुसुमेची को इसमें सबसे अहम बात ये लगती है कि वो जो भी खाते हैं, पूरे आनंद के साथ खाते हैं और एक एथलीट का खुश रहना बहुत जरूरी होता है।
उन्होंने बताया:
“इस दुनिया के भोजन का मैं पूरी तरह से लुत्फ उठाना चाहता हूं। ये कुछ ऐसा है कि मैं अपनी जीवन का आनंद ले रहा हूं। मैं मजे से अपना खाना खाता हूं और इससे मेरे वजन पर कोई असर नहीं पड़ता है। मैं अपना ब्लड टेस्ट भी करवा चुका हूं और मेरी रिपोर्ट का नतीजा एकदम शानदार आया है। मुझे हाई कोलेस्ट्रॉल या अन्य कोई समस्या नहीं है। ऐसे में मेरे लिए ये काम कर जाता है।”
BJJ ब्लैक बेल्ट एथलीट को याद है कि एक वक्त पर उन्होंने पारंपरिक डाइट भी आजमाई थी, लेकिन उसके बाद फिर से वो अपनी मौजूदा डाइट पर वापस आ गए थे।
इन दिनों मुसुमेची के लिए स्पेशल खाने जैसा कुछ भी नहीं है क्योंकि ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाला खाना उनकी रोज की दिनचर्या में शामिल हो चुका है।
उन्होंने बताया:
“मुझे ऐसा ही करने की आदत पड़ गई है। मैं दो हफ्ते तक डाइट पर चला जाता हूं। उस दौरान कुछ नहीं खाता हूं और फिर मैं चीट डे के दिन पिज्जा और पास्ता खाता हूं। ऐसे में मेरा हर दिन चीट डे रहता है।”
माइकी मुसुमेची ने “डार्थ रिगाटोनी” नाम के बारे में बताया
जाहिर है कि इटालियन खाने के लिए मुसुमेची का प्यार काफी गहरा है। इतना गहरा कि वास्तव में किसी भी स्पोर्ट में “डार्थ रिगाटोनी” सबसे अच्छा निकनेम है, जो उन्होंने अपनाया है।
उनका उपनाम कई चीजों से मिलकर बना है। “रिगाटोनी” का मतलब है पास्ता के लिए ग्रैपलर का प्यार, जबकि “डार्थ” मुसुमेची के मुकाबला करने की मानसिकता को दर्शाता है।
आमतौर पर, मुस्कुराने और काफी दोस्ताना रहने वाले एथलीट जब मुकाबला करते हैं तो अपना स्याह स्वरूप अपना लेते हैं और वो गंभीर व अपने काम पर पूरी तरह से ध्यान लगा लेते हैं।
उन्होंने ONEFC.com को बताया:
“वो उपनाम तब आया, जब मैं नो-गी सुपर-फाइट्स कर रहा था। उसी दौरान किसी एक फैन ने ऐसा कह दिया और वो मुझे अब तक का सबसे शानदार नाम लगा इसलिए मैंने इसे अपना लिया। ऐसे में सब इसी नाम से बुलाने लगे तो मुझे लगा कि चलो ठीक है, अब से मैं डार्थ रिगाटोनी हूं।
“ये मेरा प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि मैं सच में एक अच्छा मुस्कुराने वाला व्यक्ति हूं। हालांकि, जब मैं मुकाबला करने जाता हूं तो एक अलग ही तरह का व्यक्ति बन जाता हूं। ऐसा लगता है कि मेरा स्याह स्वरूप सामने आ जाता है, आपको समझ आया होगा? और फिर 5 सेकंड बाद मैं फिर से मुस्कुराता हुआ माइकी बन जाता हूं, जो पिज्जा और पास्ता के बारे में बातें करता है। इस वजह से ये सच में मेरा प्रतिनिधित्व करता है।”