माइकी मुसुमेची को BJJ वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए करने पड़े कई त्याग
माइकी मुसुमेची इस साल ONE Championship के सबमिशन ग्रैपलिंग रोस्टर से जुड़े सबसे दिलचस्प स्टार्स में से एक हैं, लेकिन उनका टॉप पर पहुंचने तक का सफर बहुत कठिनाइयों भरा रहा है।
अमेरिकी स्टार को “डार्थ रिगाटोनी” के नाम से जाना जाता है और बचपन से BJJ (ब्राजीलियन जिउ-जित्सु) का अभ्यास करते रहे हैं। उनकी प्रतिबद्धता ने ही उन्हें इस खेल में 5 बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया है।
यहां जानिए 25 वर्षीय स्टार के मार्शल आर्ट्स सफर के बारे में और वो कैसे एक महान BJJ एथलीट बने।
न्यू जर्सी में बचपन गुजरा
मुसुमेची अमेरिकी राज्य न्यू जर्सी के ईस्ट ब्रन्सविक में जन्मे थे। उनके पूर्वज इटली से संबंध रखते थे, लेकिन वो ब्रूकलिन, न्यूयॉर्क में पले-बड़े हैं।
उन्होंने बताया, “मेरे माता-पिता ब्रूकलिन में रहते थे। वो बहुत अच्छे दोस्त थे, ठीक उसी तरह जैसा ‘Goodfellas’ फिल्म में दिखाया गया है।”
“वो ब्रूकलिन से न्यू जर्सी आ गए, जहां मेरा जन्म हुआ। हर हफ्ते हम दादी-दादा को देखने ब्रूकलिन जाया करते थे इसलिए मैं न्यूयॉर्क से भी काफी जुड़ा रहा हूं।”
दूसरी ओर, मुसुमेची का बचपन बहुत सुखद तरीके से गुजारा। उनके अपने माता-पिता, बहन से संबंध अच्छे रहे हैं और उस समय को बहुत याद करते हैं।
वो उस समय तक मार्शल आर्ट्स सीखना शुरू कर चुके थे, लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लेते थे। इसलिए वो खुले मन से दूसरे खेलों में भाग ले सकते थे।
उन्होंने बताया, “न्यू जर्सी रहने के लिए एक बहुत अच्छी जगह है और मैं हमेशा अपने माता-पिता के करीब रहा हूं। मैं हर रोज फुटबॉल, सॉकर और बेसबॉल भी खेलने जाता था।”
“न्यू जर्सी में काफी जंगल है इसलिए हम काफी समय जंगल में खेला करते थे और मैं हमेशा से एक्टिव रहा हूं। हमें सर्दियों में बहुत मजा आता था क्योंकि हम स्नोबॉल फाइट्स करते, इग्लू बनाने जैसी चीज़ें किया करते थे।”
‘वो बहुत डरावना अनुभव था’
अपने पिता से प्रेरणा लेकर मुसुमेची ने बहुत छोटी उम्र में मार्शल आर्ट्स सीखना शुरू कर दिया था।
हालांकि उनके पिता फाइटर नहीं थे, लेकिन उन्हें कॉम्बैट खेल पसंद थे। अपने पिता के कारण ही “डार्थ रिगाटोनी” को मार्शल आर्ट्स के बारे में जानकारी मिली।
मुसुमेची ने कहा, “मेरा पिता MMA और फाइटिंग के बड़े फैन रहे हैं। जब मेरी उम्र 4 साल थी, तब मैं उन्हें मॉय थाई का अभ्यास करते देखता था। उन्हें देखकर मैं सोचता था कि, ‘मुझे भी इस खेल से जुड़ना है।'”
“उसी समय से मैं मॉय थाई और जिउ-जित्सु की ट्रेनिंग करता आ रहा हूं।”
अमेरिकी स्टार ने एक लोकल जिम में फर्नांडो काबेका की देखरेख में ट्रेनिंग की और टैलेंट के धनी होने के कारण उन्होंने कुछ समय बाद ही फाइटिंग शुरू कर दी थी।
शुरुआती सफलता मिलने के बावजूद उन्हें इस खेल से जुड़े रहने में संघर्ष करना पड़ रहा था।
मुसुमेची ने बताया:
“मैंने 4 या 5 साल की उम्र में न्यू जर्सी में पहली फाइट की थी। मुझे याद है कि मैंने जीत दर्ज की थी, लेकिन मैं अपने पिता से गले लगा और रोते हुए कह रहा था, ‘मुझे फाइटिंग नहीं करनी,’ क्योंकि वो बहुत डरावना अनुभव था।
“मैं डरा हुआ था। उसके बाद मैंने करीब 10 या 11 साल की उम्र तक ट्रेनिंग जारी रखी। तब मेरा परिवार फ्लोरिडा आ गया था।”
जिउ-जित्सु के लिए दोस्तों का साथ छोड़ा
फ्लोरिडा आने से पहले “डार्थ रिगाटोनी” ज्यादा टॉप लेवल की जिउ-जित्सु ट्रेनिंग नहीं करते थे।
मगर कुछ समय बाद उन्होंने American Top Team में इमिर “शार्क” बुसाडे की निगरानी में ट्रेनिंग शुरू की।
मुसुमेची ने कहा, “फ्लोरिडा आने के बाद मैंने प्रोफेसर शार्क की देखरेख में ट्रेनिंग शुरू की। उन्हीं के कारण मैं खुद को जिउ-जित्सु के प्रति समर्पित कर पाया था।”
“उससे पहले मैं केवल हर हफ्ते इसकी ट्रेनिंग करता था, लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि मेरा जीवन इसी खेल से जुड़ा रहने वाला है।”
मुसुमेची ने उस समय केवल ग्रैपलिंग में आगे बढ़ने के लिए खुद को मानसिक तौर पर दृढ़ बनाया। उन्होंने जिम के बाहर दोस्ती समेत अन्य चीज़ों को त्याग कर केवल ट्रेनिंग पर ध्यान दिया।
वो एक अच्छे स्टूडेंट रहे, लेकिन अमेरिकी स्टार खुद को ट्रेनिंग के प्रति समर्पित कर चुके थे। स्कूल जाने से पहले BJJ वर्ल्ड चैंपियन बहन के साथ ड्रिल्स करते और शाम को भी एक ट्रेनिंग सेशन लिया करते थे।
उन्होंने कहा, “मुझे बचपन में ज्यादा कठिन चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन फ्लोरिडा आने के बाद मैंने खुद को जिउ-जित्सु को समर्पित कर दिया था। उसके बाद मेरे जीवन में कई बड़े बदलाव आए।”
“न्यू जर्सी में मेरे कई अच्छे दोस्त बने। स्कूल में भी मेरे अन्य बच्चों के साथ संबंध अच्छे थे। वहीं मैं जब फ्लोरिडा आया तो मेरे पास ज्यादा दोस्त नहीं थे क्योंकि मेरा पूरा फोकस जिउ-जित्सु पर था। इसलिए उसके बाद मेरा दिन दोस्तों के बिना और स्कूल में किसी से बात किए बिना निकलता था।
“मेरे कोच बहुत कठोर थे। वो मुझे कई तरह के खाने को खाने से रोकते थे और कहते थे कि वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए इन चीज़ों का त्याग जरूर करना पड़ेगा। इसलिए 11 साल की उम्र में मैं कुकीज़ और ब्राउनी को देखकर कहता था, ‘अगर मुझे वर्ल्ड चैंपियन बनना है तो मैं ये नहीं खा सकता।”
इस शेड्यूल को फॉलो करना आसान नहीं था, लेकिन मुसुमेची ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रीज़नल और नेशनल लेवल पर काफी सफलता हासिल की।
उन्होंने कई चैंपियनशिप बेल्ट्स जीतीं और BJJ सर्किट में काफी अच्छा नाम कमाया, जहां से उनके शानदार करियर की नींव रखी गई थी।
एक ऐसा भी समय आया, जब उनके मन में सवाल खड़े होने लगे थे कि क्या उन्हें इसी राह पर आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन अब कई सालों बाद “डार्थ रिगाटोनी” को अपने फैसलों को लेकर कोई खेद नहीं है।
उन्होंने कहा:
“मुझे बहुत त्याग करने पड़े और एक ऐसा भी समय आया जब मैंने सोचा, ‘क्या मैं सही राह पर आगे बढ़ रहा हूं? मैं दूसरे बच्चों की तरह दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए अपना जीवन व्यतीत क्यों नहीं कर सकता?’
“मगर अब मुझे लगता है कि उसी त्याग के कारण मैं इस मुकाम पर पहुंच पाया हूं। प्रतिबद्धता और त्याग ने मुझे आज बनाया है।”
‘मैं दूसरों के जीवन पर अच्छा प्रभाव डालना चाहता हूं’
मुसुमेची ने आगे चलकर IBJJF वर्ल्ड चैंपियनशिप्स जीतीं, पर्पल और ब्राउन बेल्ट होल्डर बने और 2015 में केवल 18 साल की उम्र में ब्लैक बेल्ट होल्डर बन गए थे।
उनका इस खेल में अच्छा प्रदर्शन आगे भी जारी रहा और आगे चलकर वो इतिहास में अमेरिका के सबसे सफल IBJJF एथलीट बने। वो अपने नाम गी और नो-गी कॉम्पिटिशंस में 4 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके हैं।
ये सब उन्होंने बिजनेस की डिग्री प्राप्त करने के लिए की पढ़ाई के दौरान किया, लेकिन बाद में उन्होंने पूरा ध्यान खेल करियर पर लगाने का निर्णय लिया और खूब सफलता भी पाई।
उन्होंने कहा:
“मुझे लास वेगास में लॉ स्कूल में जाने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी, लेकिन मैंने उसे नहीं लिया क्योंकि मैं अपने सपने को पूरा करना चाहता था।
“मुझे लगता है कि भगवान ने मुझे जिउ-जित्सु के लिए ही बनाया है। मैं नहीं जानता कि जिउ-जित्सु का तोहफा भगवान ने मुझे दिया है या ये कड़ी मेहनत का नतीजा है। मैं केवल ये जानता हूं कि मुझे एक मौका मिला, जिसे मैं खाली नहीं जाने देना चाहता था।”
BJJ में अपने सपनों को पूरा करने के लिए इसी साल मुसुमेची ने ONE के साथ डील साइन की और सिंगापुर में Evolve MMA में ट्रेनिंग शुरू की, जहां वो कई वर्ल्ड चैंपियन मार्शल आर्टिस्ट्स के साथ ट्रेनिंग करते हैं।
उन्होंने ONE 156 में अपने डेब्यू में MMA आइकॉन मासाकाजू इमानारी पर एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज करते हुए सबको प्रभावित किया और 50 हजार यूएस डॉलर्स का बोनस भी जीता।
अब 25 वर्षीय एथलीट खुद को एक टॉप कंटेंडर के रूप में स्थापित करने को बेताब हैं, लेकिन खुद की सफलता के साथ-साथ वो नई पीढ़ी के फाइटर्स को भी प्रोत्साहित करते रहना चाहते हैं।
मुसुमेची ने कहा:
“मुझे ONE की संस्कृति सबसे ज्यादा पसंद है। अमेरिका में लोगों को दूसरों पर तंज कसना अधिक पसंद है, जो मार्शल आर्ट्स के सिद्धांतों से एकदम उलट है जहां लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। समस्या ये है कि हम अगली जनरेशन के युवाओं के सामने फाइट कर रहे हैं, हमें देखकर वो भी इसी तरह का बर्ताव करेंगे।
“मैं किसी भी फाइट का हिस्सा बनूं, कोई भी टाइटल क्यों ना जीत जाऊं, लेकिन अगले साल उसे कोई और भी जीत सकता है। मेरे लिए महत्वपूर्ण बात ये है कि मैंने उस दौरान ऐसा क्या किया, जो लोगों को याद रह सके। अगर मेरी वजह से किसी पर अच्छा असर पड़ा है तो मेरे जीने का भी कोई मतलब है क्योंकि मैंने किसी के जीवन पर अच्छा प्रभाव डाला है।
“मेरे लिए यही चीज़ सबसे ज्यादा मायने रखती है। मैं पैसों को ज्यादा तवज्जो नहीं देता, मुझे केवल इस बात से मतलब है कि मैं किसी दूसरे व्यक्ति के जीवन पर कितना अच्छा प्रभाव डाल पा रहा हूं।”