4 कारण क्यों मंगोलिया के एंख-ओर्गिल बाटरखू एक बेहद खतरनाक MMA फाइटर हैं
एंख-ओर्गिल बाटरखू दुनिया को मंगोलियाई ताकत से अवगत कराने के लिए तैयार हैं।
ONE Friday Fights सीरीज में लगातार 2 जीत के बाद 34 वर्षीय फाइटर शनिवार, 5 अगस्त को ONE Fight Night 13 में वापसी करेंगे और ये उनका यूएस प्राइमटाइम पर पहला मैच होगा।
झानलो मार्क सांगियाओ के खिलाफ इस बेंटमवेट MMA मुकाबले से पूर्व बाटरखू 8 मैचों की विनिंग स्ट्रीक पर चल रहे हैं और अपराजित फिलीपीनो स्टार के खिलाफ एक जीत उन्हें बहुत फायदा पहुंचा सकती है।
यहां आप जान सकते हैं कि बाटरखू क्यों किसी भी प्रतिद्वंदी के लिए बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं।
#1 निरंतर दबाव बनाने की क्षमता
परिस्थिति चाहे कैसी भी हो, बाटरखू को फ्रंट-फुट पर रहकर अटैक करना पसंद है।
Road to ONE: Mongolia के विजेता मौका मिलने पर दमदार पंचों से अपने प्रतिद्वंदी को क्षति पहुंचाने के मौके को कभी खाली नहीं जाने देते।
वो अपनी बेहतरीन कन्डीशनिंग की वजह से ऐसा कर पाते हैं। बाटरखू जानते हैं कि उनका स्टैमिना उन्हें बढ़त बनाए रखने में मदद करेगा इसलिए वो 15 मिनट तक बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ आक्रामक फाइटिंग कर सकते हैं।
ऐसा करते हुए वो मैच में बढ़त हासिल कर पाते हैं, वहीं उनका प्रतिद्वंदी फाइट में बने रहने की जद्दोजहद कर रहा होता है। इसी बढ़ते दबाव के चलते उनके प्रतिद्वंदी उस गेम में आने पर मजबूर हो जाते हैं, जिसमें बाटरखू महारत रखते हैं।
#2 शानदार क्लिंच वर्क
बाटरखू का आगे आकर अटैक करने का एक कारण ये भी है कि उन्हें क्लिंच करना बहुत अच्छा लगता है।
वो अपने प्रतिद्वंदी को सर्कल वॉल या रोप की तरफ धकेलते हुए खतरनाक बॉक्सिंग मूव्स का शिकार बनाते हैं।
34 वर्षीय एथलीट अपनी बॉडी को स्थिर रखते हुए हाथों के जरिए विरोधी से दूरी को कंट्रोल करते हैं और ऐसा करने से उन्हें दमदार पंच और एल्बोज़ लगाने के मौके मिलते आए हैं।
अटैक के बदले अटैक की रणनीति अपनाकर बाटरखू अपने प्रतिद्वंदी के गार्ड के इर्दगिर्द मूव्स लगाते हैं और मौका मिलने पर नी स्ट्राइक लगाने से भी पीछे नहीं हटते।
#3 टॉप पोजिशन में आकर खतरनाक बन जाते हैं
मंगोलियाई एथलीट का क्लिंच करते हुए स्ट्राइकिंग गेम अधिक खतरनाक बन जाता है, वहीं टेकडाउंस उनके विरोधियों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ा देते हैं।
जब बाटरखू अपने प्रतिद्वंदी को सिर को डिफेंड करने पर मजबूर करते हैं, तब उनके लिए बॉडी लॉक या डबल-लेग टेकडाउन स्कोर करना आसान हो जाता है।
एक बार ग्राउंड गेम में आने के बाद Team Tungaa के प्रतिनिधि आक्रामक अंदाज में ग्राउंड-एंड-पाउंड अटैक करते हैं।
उन्हें टॉप पोजिशन में रहकर पंच और एल्बोज़ लगाना पसंद है और अपने विरोधी को संघर्ष करता देख वो नी स्ट्राइक्स की राह भी चुनते आए हैं।
#4 उनकी ठोड़ी बहुत मजबूत है
अगर बाटरखू के पास एक ऐसा साथी नहीं होता जो उन्हें मैच में बनाए रखे तो उनकी अधिकांश स्किल्स बेकार चली जातीं। सौभाग्य से वो अपनी मजबूत ठोड़ी पर निर्भर रह सकते हैं।
बाटरखू को अपने MMA करियर में केवल एक बार हार मिली है, जब उन्होंने वेल्टरवेट डिविजन में अपना डेब्यू किया था।
अब 3 डिविजन नीचे बेंटमवेट डिविजन में फाइट कर रहे बाटरखू अपराजित हैं और अपनी ठोड़ी पर आसानी से क्लीन शॉट्स के प्रभाव को झेल सकते हैं।
हालांकि उनका डिफेंस शानदार है, लेकिन बाटरखू को कभी-कभी मूव लगाने के लिए किसी स्ट्राइक का प्रभाव झेलने से भी परहेज नहीं है। ऐसा खासतौर पर दोनों ओर से पंच लगने के दौरान होता है।