कैसे ल्यूक लेसेई अमेरिका के एक छोटे शहर से ONE Championship के ग्लोबल स्टेज पर पहुंचे
ल्यूक “द शेफ” लेसेई ये बात साबित करने के लिए रिंग में उतरेंगे कि अमेरिकी मॉय थाई फाइटर्स ONE Championship में किसी से कम नहीं हैं।
9 दिसंबर को ONE Fight Night 17 में 27 वर्षीय एथलीट फेदरवेट मॉय थाई मैच में “स्मोकिन” जो नाटावट के खिलाफ प्रोमोशनल डेब्यू करने जा रहे हैं। इस इवेंट का लाइव प्रसारण थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के मशहूर लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम से किया जाएगा।
इस अहम मुकाबले से पहले आइए जानते हैं कि “द शेफ” की मार्शल आर्ट्स के ग्लोबल स्टेज तक पहुंचने की यात्रा कैसी रही।
पिता के जिम में पले-बढ़े
लेसेई अमेरिकी राज्य आइवा के एक छोटे से शहर डुबुक्वे से आते हैं। उन्होंने onefc.com को बताया कि उनका बचपन बाकी बच्चों की तरह रहा, लेकिन उसमें सिर्फ एक चीज अलग थी:
“मेरी परवरिश सामान्य रही, लेकिन मैंने चार साल की उम्र से मार्शल आर्ट्स शुरु कर दिया था।”
पूर्व प्रोफेशनल किकबॉक्सर के बेटे होने के चलते लेसेई का अधिकतर बचपन अपने पिता के जिम Dubuque Martial Arts Group में ही बीता।
उन्होंने याद करते हुए बताया:
“मैं आइवा से ताल्लुक रखता हूं। मैं एक पारंपरिक और प्यार करने वाले पिता की देखरेख में बड़ा हुआ। वो भी प्रोफेशनल फाइटर थे।
“जब मैं चार साल का था, तब उन्होंने मुझे मार्शल आर्ट्स सिखाना शुरु कर दिया था। मेरे बचपन की अधिकतर यादें मार्शल आर्ट्स से जुड़ी हुई हैं। वहां पिता के साथ जिम में होना और उनके साथ ट्रेनिंग करना, यही मेरी पूरी जिंदगी रही है।”
खुद में मिली ताकत
Dubuque Martial Arts Group में ली गई ट्रेनिंग के दम पर जल्द ही लेसेई जिम के सबसे बेहतरीन स्ट्राइकर बन गए।
शानदार प्रतिभाशाली युवा होने के चलते लेसेई खुद को छोटे तालाब में किसी बड़ी मछली की तरह समझते थे:
“क्योंकि हमारी हमेशा से छोटी टीम थी। मैं अपने पिता के जिम में सबसे होनहार था, जो कि डींगें मारने वाली बात नहीं है।”
हाई स्कूल के दौरान “द शेफ” रनिंग और फुटबॉल जैसे दूसरे खेलों में भाग लेते थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता की निगरानी में मॉय थाई की कड़ी ट्रेनिंग जारी रखी।
लेसेई को अपनी प्रतिभा का अंदाजा तो था, लेकिन सही मायनों में उन्हें इसका अहसास हुआ जब उन्होंने अपने से बड़े लोगों को नॉकआउट करना शुरु किया।
उन्होंने कहा:
“जिम में कुछ बड़े लोग आने लगे, MMA लोकप्रिय होने लगा था और अब मुझे अपनी ही छोटे से जिम में मार खानी पड़ रही थी। तब लगा कि ‘मुझे अपने पिता के जिम में बेस्ट बनना ही पड़ेगा।’
“लेकिन तब तक ये अहसास नहीं था कि ‘मैं प्रोफेशनल फाइटर बनना चाहता हूं।’ बस इतनी सी बात थी कि मुझे इस जगह सर्वश्रेष्ठ बनना है। उसके बाद मुझे नॉकआउट्स मिलने लगे। मैंने 16 से 19 की उम्र में लोगों को नॉकआउट करना शुरु कर दिया था। मुझे अधिक ताकत महसूस होने लगी थी।”
मुश्किल समय ने सिखाए असली पाठ
“द शेफ” ने बेहतरीन एमेच्योर रिकॉर्ड कायम कर लिया था और थाई बॉक्सिंग एसोसिएशन टूर्नामेंट को 13 बार जीतकर खुद को अमेरिका के टॉप युवा एथलीट्स में स्थापित किया।
लेकिन उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी, जब उनके स्कूल के दोस्त मौज-मस्ती करते थे, तब लेसेई ट्रेनिंग और प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे।
अब पीछे मुड़कर उन त्यागों के बारे में उन्होंने बताया:
“मैं हर शुक्रवार रात बाहर होता था। हर शनिवार सुबह जिम में होता हूं। मैं थोड़ी पार्टी करना चाहता हूं। मैं जिस शहर से आता हूं, वहां करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। यहां हर कोई ड्रिंक्स और पार्टी करता है। इसलिए मैं भी थोड़ी बहुत पार्टी करना चाहता हूंं।
“ये सबसे मुश्किल कामों में से एक (पार्टी ना करना) था। लेकिन अब वापस मुड़कर देखता हूं तो वो काम बेवकूफी लगता है। मैं खुश हूं कि मैंने वो सब नहीं किया।”
हाई स्कूल खत्म होने के बाद लेसेई ने एमेच्योर प्रतियोगिताओं में नाम बनाना जारी रखा।
2020 में वो प्रोफेशनल बने और उन्होंने दो साल डुबुक्वे शहर और अपने पिता से दूर रहने को अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किलों पलों में से एक बताया:
“मुझे खुद को ढूंढ़ना था। मुझे अपने स्टाइल को तलाशना था। जैसे मेरे पिता चाहते थे, मैं वैसे ही कई सालों तक फाइट कर रहा था। ये सुनना में मजाकिया लग सकता है लेकिन ये मेरे लिए सबसे मुश्किल समय था, लेकिन उस समय में मेरा काफी विकास हुआ क्योंकि मैं ये समझ पाया कि मैं किस तरह से फाइट करना चाहता हूं।
“अपने पिता के साथ ट्रेनिंग ना करना बहुत ही मुश्किल रहा। लेकिन अंत में मुझे खुद को तलाशना था।”
पिता से मिली प्रेरणा
सालों तक की गई लंबी ट्रेनिंग के बाद अब ONE डेब्यू में लेसेई अपनी प्रतिभा को दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में दिखाने के लिए तैयार हैं।
वो अपने शहर डुबुक्वे का नाम बनाना चाहते हैं, जब उनका सामना जो नाटावट से होगा।
उन्होंने कहा:
“क्योंकि मैं बहुत लंबे समय से ट्रेनिंग कर रहा हूं तो हर समय प्रेरित रहना मुश्किल होता है। मेरे पास काफी समय से प्रेरणा नहीं थी। मुझे प्रेरणा मेरी बेटी के जन्म के बाद मिली और फिर एक बेटा भी हुआ।
“जब मैं पिता बना तो पाया कि मॉय थाई में कहां जा सकता हूं। ONE का ध्यान मेरी ओर गया और मुझे इससे फिर से प्यार होने लगा।
“ये सुनने में अजीब लगे, लेकिन मैं उनके (बच्चों) के लिए पैसे कमाना चाहता हूं। मैं एक छोटे से शहर से आता हूं और मॉय थाई करते हुए उन्हें सपोर्ट करना अच्छा होगा।”