एक किसान की बेटी लारा फर्नांडीज की प्रेरणादायक कहानी – ‘मेरी कड़ी मेहनत रंग ला रही है’
कुछ लोगों की किस्मत में प्रोफेशनल फाइटर बनना लिखा होता है, लेकिन लारा फर्नांडीज के साथ ऐसा कुछ भी नहीं था।
स्पेन की 26 वर्षीय एथलीट 22 जुलाई को ONE 159 में ONE अंतरिम एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल मैच में जेनेट टॉड के खिलाफ अपना डेब्यू करेंगी। हालांकि, उनमें शुरुआत से ही कॉम्बैट की दुनिया में आने या स्ट्राइकिंग आर्ट्स की गजब की प्रतिभा में शामिल होने की बहुत गहरी इच्छा नहीं थी।
फिर भी इनमें से किसी बात का अब कोई मोल नहीं रह गया है।
अंतत: फर्नांडीज को मॉय थाई पसंद आने लगी और अपने जुनून के चलते वो सफलता की ओर सधी हुई रफ्तार से बढ़ती रहीं।
अब ये उभरती हुई स्टार सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में अपने जीवन को बदल देने वाले मौके की तैयारी कर रही हैं। वहां उनका मुकाबला इस खेल के सबसे बड़े पुरस्कार के लिए होगा।
ONE Championship सर्कल में अपने शुरुआती मुकाबले से पहले आइए जानते हैं कि फर्नांडीज ने सेंट्रल स्पेन से वर्ल्ड चैंपियन स्ट्राइकर तक का अपना सफर कैसे तय किया, जो अब दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में अपनी जीत का परचम लहराने को बेताब हैं।
स्पेन के ग्रामीण इलाकों में खेती और डांस करती थीं
फर्नांडीज का जन्म स्पेन के सिबोला में हुआ और वहीं वो अपने माता-पिता, बड़ी बहन व छोटे भाई के साथ पली-बढ़ी थीं।
उनके पिता एक किसान थे और उन्होंने परिवार का भरण-पोषण करते हुए उन्हें एक आरामदायक जीवन जीने के लिए दिया। यहां तक कि मॉय थाई प्रतियोगी के पास कई ऐसी अच्छी यादें है, जिसमें वो बचपन के दिनों में खेत में अपना हाथ बंटाया करती थीं।
फर्नांडीज कहती हैं, “सच तो ये है कि मेरा बचपन बहुत सामान्य रहा। मेरे पिता एक किसान हैं। मैं जब छोटी थी तो उनके साथ बागों में काम किया करती थी। वो काफी अच्छा काम है। मेरे और परिवार के पास वो सब चीजें हमेशा से मौजूद थीं, जिनकी हमें जरूरत रहती थी।”
फर्नांडीज का मुख्य जुनून टीम स्पोर्ट्स और डांसिंग था और वो इनकी प्रैक्टिस का कोई भी मौका नहीं छोड़ती थीं।
उन्होंने प्रोफेशनल डांसर बनने का सपना तक देख रखा था। हालांकि, ये चीज अब पीछे की कतार में चली गई है, लेकिन अब भी उनके पसंदीदा शौक में शुमार है।
स्पेनिश एथलीट को याद है:
“मेरी हमेशा से ही स्पोर्ट्स में दिलचस्पी रही है। बचपन से ही मैं घर के बाहर गलियों में जाकर फुटबॉल और वॉलीबॉल खेला करती थी और मुझे डांस करना भी पसंद था।
“मैं थोड़ा ‘फंकी’ किस्म का डांस करती थी, लेकिन मुझे किसी भी तरह का डांस स्टाइल अच्छा लगता था। और तो और ये चीजें अब भी मुझे अच्छी लगती हैं। मुझे अलग-अलग जगहों पर जाकर डांस करना अच्छा लगता था।”
मॉय थाई की तलाश
15 साल की उम्र में फर्नांडीज का सामना एक नए तरह के खेल से हुआ, जिसने उनका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। साथ ही इसने उन्हें अपने डांस वाले फुटवर्क को इस खेल में भी लागू करने का मौका दिया, जिसने उन्हें एक अच्छे डांसर के रूप में सम्मानित किया था।
उन्होंने कहा, “मैंने मॉय थाई को पहली बार सामने से तब देखा था, जब मेरे शहर में इसका एक आयोजन हुआ था। इसने मुझे इतना आकर्षित किया था कि मैं बस किसी भी कीमत पर इसे आजमाना चाहती थी।”
“अगर मैं सही हूं तो सच में मुझे खुद नहीं पता था कि किस चीज के चलते मैं इस खेल से दिल लगा बैठी थी। मैं बस इसे आजमाना चाहती थी। फिर मैंने इसकी ट्रेनिंग शुरू की और उसके बाद फिर कभी नहीं रुकी।”
उन्होंने जब अपनी पसंद को डांसिंग की जगह फाइटिंग से बदला तो जाहिर है कि किशोर एथलीट के माता-पिता चिंतित होने लगे, लेकिन उन्होंने गौर किया कि वो अपनी पसंद को लेकर समर्पित थीं।
हालांकि, फर्नांडीज में ये प्रतिभा पहले से मौजूद नहीं थी, लेकिन अपने दृढ़संकल्प के चलते वो “द आर्ट ऑफ 8 लिम्ब्स” में लगातार सुधार करती चली गईं।
उन्होंने ONE Championship को बताया:
“मेरे माता-पिता को शुरुआत में ये खेल समझ में नहीं आया क्योंकि ये खतरनाक था, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने मेरी इस यात्रा में मेरा समर्थन किया।
“मैं शुरुआत में इस खेल में ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन मेरा मानना है कि कोई भी ये सोचकर पैदा नहीं होता है कि उसे क्या करना है। मैं अपने अंदर इस बढ़ते हुनर का समर्थन करती हूं और आगे भी करती रहूंगी।”
बड़े जोखिम ही बड़े इनाम के करीब ले जाते हैं
ठीक एक साल बाद 16 साल की उम्र में फर्नांडीज मॉय थाई को और ज्यादा गंभीरता से लेने लगीं। उन्हें ये भी पता था कि उनका अगला कदम ट्रेनिंग को अगले स्तर पर ले जाने से ही संभव होगा।
इस बात को ध्यान में रखते हुए युवा स्ट्राइकर ने अपने परिवार को छोड़कर स्पेन के एक दूसरे हिस्से में Lone Wolf Fight Team में शामिल होने का फैसला किया।
ये भी एक तरह का रिस्क ही था, लेकिन इस बार भी उनके माता-पिता ने बेटी को अपनी राह चुनने दी। वो ये जानते थे कि आगे की डगर बहुत कठिन हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें रोका नहीं।
फर्नांडीज ने कहा, “मैं कोरिया डेल रियो में ट्रेनिंग करने के लिए चली गई और अपने वर्तमान कोच से जाकर मिली। वहां स्कूल में मुझे जो माहौल मिला, वो मुझे काफी अच्छा लगा। मैं जब से इस एकेडमी में आई, तभी से यहां ट्रेनिंग करने की इच्छुक रही हूं।”
“मेरे माता-पिता का रिएक्शन बिल्कुल वैसा ही था, जैसा मेरे प्रतियोगिता शुरू करने के दौरान रहता था। वो हमेशा से मुझे अपनी गलतियों से सीख लेने के लिए कहते थे और इसके लिए मैं उनकी आभारी हूं। मुझे लगता है कि सीखने का इससे बेहतर कोई और तरीका नहीं होता है।”
सफलता ऐसे ही तुरंत नहीं मिल जाती है। फर्नांडीज को भी अपने शुरुआती प्रोफेशनल करियर में मिले-जुले नतीजों का सामना करना पड़ा था।
हालांकि, उनके बलिदान और दृढ़ता के चलते उन्हें पुरस्कार मिला था।
साल 2019 में स्पेन की एथलीट ने ISKA किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल जीता था। फिर 2020 में उन्होंने WBC वर्ल्ड टाइटल हासिल किया और उन्होंने दुनिया की प्रमुख फीमेल स्ट्राइकर्स के बीच खुद को स्थापित कर लिया। साथ ही ये भी साबित कर दिया कि उनके मुश्किल भरे फैसले सही साबित हुए।
फर्नांडीज ने इस पर कहा:
“मैं अपना पहला वर्ल्ड टाइटल जीतकर बहुत उत्साहित थी क्योंकि ये मेरे लिए बहुत अविश्वसनीय क्षण था। ये मुकाबला मेरे 59 किलोग्राम के नेचुरल डिविजन में नहीं था। मेरा इसमें 3 किलोग्राम वजन कम था इसलिए मैं वजन बढ़ाने के लिए एक डाइट पर गई और आखिरकार मुझे जीत मिल ही गई। मैंने चुनौती स्वीकार करने का फैसला किया, जो रंग ले आई।
“मुझे सच में लगता है कि मैंने सही फैसले किए क्योंकि मुझे इस स्पोर्ट से प्यार है और इसमें मुझे मजा आता है। उन खिताबों पर कब्जा जमाकर मुझे गर्व महसूस होता है। मुझे लगता है कि मेरी पूरी मेहनत अब रंग ला रही है।”
ONE Championship में मुकाबला करने को हैं तैयार
पिछली 10 में से 9 बाउट्स में जीत हासिल करने और केवल एक विवादास्पद विभाजित निर्णय के जरिए मिली हार के चलते फर्नांडीज की यात्रा अब उन्हें ONE Championship के ग्लोबल स्टेज पर ले आई है।
स्पेन की एथलीट को लगता है कि करियर में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए ये सबसे सही समय है और अपने सबसे तगड़े प्रतिद्वंदी से मुकाबला करने के लिए वो पूरी तरह से तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “ONE Championship में शामिल होना मानो इस खेल के शिखर तक पहुंचने जैसा है। मैं बहुत ज्यादा खुश और उत्साहित हूं।”
“मेरा सबसे बड़ा सपना चोटी के फाइटर्स के बीच रहना था। अब जब मैं यहां आ चुकी हूं तो ये मेरे लिए आगे बढ़ने के तौर पर महान प्रोत्साहन का काम करेगा। हो सकता है कि एक दिन मैं इन सबको हरा दूं। मैं हर दिन कड़ी मेहनत करती हूं। सच में मेरा ऐसा मानना है कि अब मैं उन्हीं के स्तर पर पहुंच गई हूं।”
अपने डेब्यू में फर्नांडीज के पास प्रोमोशन की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी में से एक जेनेट टॉड के खिलाफ ONE अंतरिम एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल के लिए प्रतिस्पर्धा करने का एक बड़ा अवसर है।
हालांकि, मौजूदा एटमवेट किकबॉक्सिंग क्वीन को हराना आसान नहीं होगा, लेकिन 26 साल की एथलीट इस बात से हैरान नहीं हैं और दुनिया भर के ONE Championship फैंस का दिल जीतने की योजना बना रही हैं।
फर्नांडीज कहती हैं:
“प्रशंसक मुझे अभी अच्छे से नहीं जानते हैं, लेकिन मैं ऐसा प्रदर्शन करूंगी और उनकी पसंदीदा फाइटर बन जाऊंगी।”