ONE के भारतीय एथलीट्स ने डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य ठीक रखने के उपायों पर बात की
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड की खबर से पूरा देश हिल गया था। किसी को भी विश्वास नहीं हो रहा था कि 34 साल का ये शानदार एक्टर अब हमारे बीच नहीं है। पीएम मोदी से लेकर देश की तमाम बड़ी हस्तियों ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया। मुंबई में उनको नम आंखों से विदाई दी गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुशांत सिंह राजपूत करीब 6 महीने से डिप्रेशन का शिकार थे। एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी में जबरदस्त अभिनय से फैंस के दिलों पर राज करने वाले राजपूत की आकस्मिक मौत काफी सारे सवाल छोड़ गई है। आजकल युवाओं को डिप्रेशन और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से जूझना पड़ रहा है।
यहां ONE Championship के भारतीय स्टार्स ने सुशांत सिंह राजपूत के निधन और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने के उपायों के बारे में बात की।
पूजा तोमर
“सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड करने की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ था। वो बेहद अच्छे एक्टर थे।
“मानसिक स्वास्थ्य को सही करने का कोई एक निश्चित तरीका शायद नहीं है। ऐसे में आपको कई सारी चीज़ों पर ध्यान देने की जरूरत हो सकती है। अच्छी नींद लें, पौष्टिक खाना खाएं और जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सक के पास जाने से ना झिझकें, अपने दोस्तों, परिवारवालों के संपर्क में रहने की कोशिश करें, व्यायाम के साथ योग करें और ध्यान लगाएं। इन सबसे काफी फायदा हो सकता है।
“हर किसी इंसान की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आता है। हमें किसी भी हालात में हार नहीं माननी चाहिए और निरंतर आगे बढ़ने की कोशिश में लगे रहना चाहिए। आज नहीं तो कल चीज़ें जरूर अच्छी होंगी।”
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हिमांशु कौशिक
“सुशांत के सुसाइड करने की खबर से मुझे गहरा धक्का लगा। मुझे अभी तक समझ नहीं आ रहा कि जिन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों को प्रोत्साहित किया उन्होंने कैसे इतना बड़ा कदम उठाया।
“हमारे देश में मानसिक बीमारी को किसी बीमारी की तरह नहीं देखा जाता है। अब वक़्त आ गया है कि मानसिक बीमारी को गंभीरता से लिया जाए और डॉक्टर को दिखाकर सही और पूरा इलाज करवाना चाहिए। एल्कोहॉल और किसी भी प्रकार के धूम्रपान से बचें, चिंता कम करें और ऐसे कामों में ध्यान लगाए, जिसमें आपको आनंद आए।”
रोशन मैनम
“सुसाइड के बाद परिवार और चाहने वालों को जीवन भर दर्द से गुजरना पड़ता है।
“हमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों पर ध्यान देना चाहिए। ये कई तरह की हो सकती हैं लेकिन सब में एक अच्छे सपोर्ट सिस्टम की जरूरत होती है। सभी को ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि पता नहीं चल पाता कि पीड़ित व्यक्ति की हालत किस चीज से और खराब हो जाए।
“खाली दिमाग शैतान का घर होता है। मुझे भी छोटी सी उम्र से ही काफी सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था। मैं कमजोर बच्चा था। लोग मेरा खूब मजाक उड़ाते थे और अपने बच्चों के साथ खेलने तक नहीं देते थे। वो मुझे देखकर कहते थे कि तुम पोलियो से पीड़ित लगते हो। मैंने तभी से खुद को मजबूत कर लिया था कि मेरे पास खुद को ताकतवर बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। मैंने पढ़ाई, काम और ट्रेनिंग के जरिए नकारात्मक चीज़ों को खुद से दूर रखा। इस चीज ने मुझे मजबूती प्रदान की। मैंने अपनी कमजोरियों को दूर किया। मैं खुद को याद दिलाता रहता हूं कि मैं कहां से आया हूं, मेरी अब तक की यात्रा कैसी रही है और मुझे कहां जाना है।”
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