पीटर बस्ट का सड़कों-पार्कों में सोने से लेकर ग्लोबल स्टेज तक पहुंचने का प्रेरणादायक सफर

Pieter Buist at ONE DAWN OF VALOR

पीटर “द आर्केंजल” बस्ट नीदरलैंड में जहां रहते थे, वहां क्राइम, ड्रग्स और हिंसा का बोलबाला था लेकिन उन्होंने मार्शल आर्ट्स के माध्यम से खुद को समाज में फैली बुराइयों से दूर ही रखा।

नीदरलैंड्स के एथलीट की यात्रा ONE Championship के लिए आसान नहीं थी लेकिन भरोसा, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से उन्होंने अपना रास्ता बनाया। अब उनकी वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने की ख्वाहिश है।

इस शुक्रवार, 31 जनवरी को ONE: FIRE AND FURY में “द आर्केंजल” को एडुअर्ड “लैंडस्लाइड” फोलायंग से अपने करियर की सबसे बड़ी बाउट करनी है। उन्होंने बातचीत में बताया कि कैसे वो हॉलैंड के सबसे कठिन इलाके से निकलकर The Home Of Martial Arts के स्टार बने।

गलत रास्तों पर नहीं भटके

बस्ट तीन भाइयों में से दूसरे नंबर के थे। वो अपनी मां के साथ ब्रेडा शहर में रहते थे।

31 वर्षीय एथलीट बताते हैं, “मेरी मां ने हमें अकेले ही पाला क्योंकि जब मैं तीन साल का था, तब वो मेरे पिता से अलग हो गई थीं। इस वजह से वो वक्त उनके लिए बहुत मुश्किल भरा था।”

“हम ऐसी जगह रहते थे, जो ज्यादा अच्छी नहीं थी। मेरी मां के तीन लड़के थे, जिनकी उनको अच्छे से परवरिश करनी थी लेकिन हमारे पास कुछ नहीं था। इसके बावजूद हम सब बहुत खुश रहे। मेरी मां ने हमारे लिए अच्छे से अच्छा करने की कोशिश की।

“हम हॉलैंड के सबसे खतरनाक जगह पर थे, जहां हमारे चारों ओर आपराधिक गतिविधियां होती थीं। ड्रग्स व हिंसा का बोलबाला था।”

किशोरावस्था में बस्ट का स्कूल में मन नहीं लगता था। उन्हें नहीं लगता था कि वो पढ़ाई करके ज्यादा कुछ कर सकते हैं। उन्हें बेहतर जीवन के लिए सिर्फ दो संभावित रास्ते ही नजर आ रहे थे।

उन्होंने कहा, “वहां मैं अपने चारों ओर देखता था तो मुझे बड़ी कार और पैसे वाले लोग दिखते थे, जो ड्रग डीलर थे। इस तरह उस गलत रास्ते पर चलने के लिए आकर्षित होना ज्यादा आसान था।”

“जब वो रास्ता मुझे ज्यादा बेहतर नजर आता था लेकिन अच्छी बात है कि मेरे साथ कुछ ऐसी घटनाएं घटीं, जिसने मुझे सतर्क कर दिया, जैसे दोस्त का अपहरण हो गया, चाकू या गोली मार दी गई। इन चीजों ने हमेशा मुझे इस रास्ते से दूर ही रखा।

“मेरे पास हमेशा से ही एक उम्मीद थी क्योंकि मेरे घर से कुछ मिनटों की दूरी पर गोल्डन ग्लोरी (किकबॉक्सिंग जिम) था, जहां पर दुनियभार के बेहतरीन एथलीट्स ट्रेनिंग करने आते थे।”

काल्पनिकता को वास्तविकता में बदलना

ONE lightweight Pieter Buist

Dragon Ball Z और ब्रूस ली की फिल्मों के फैन होने की वजह से बस्ट को मार्शल आर्ट्स से प्यार हो गया था। उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी इसलिए भी शुरू कर दी थी क्योंकि उनके पड़ोस में रहने वाले लोग अच्छे नहीं थे। आत्मरक्षा का हुनर पैदा करने के लिए उन्होंने ऐसा किया।

वो कहते हैं, “हर कोई इस स्पोर्ट्स में शामिल हो रहा था। ऐसे में खुद के बचाव की बहुत जरूरत थी। मैंने छह साल की उम्र से ही जूडो सीखना शुरू कर दिया था। ये मुझे मजेदार लगता था लेकिन इसने मेरी जरूरतों को पूरा नहीं किया।”

उनके जीवन में बदलाव का क्षण तब आया, जब उन्होंने कुंग फू फिल्म देखने के लिए टीवी चालू किया लेकिन इसकी बजाय वो किकबॉक्सिंग के हाई लेवल मैच में व्यस्त हो गए। इस मैच में उनके देश के एक खिलाड़ी थे, जिन्होंने इस स्पोर्ट का शीर्ष पुरस्कार जीत लिया था।

बस्ट कहते हैं, “मैंने देखा कि जेरोम ली बैनर को हराकर अर्नेस्टो हूस्ट ने K-1 Grand Prix जीती थी। मैंने देखा कि उन्हें कितनी बड़ी पुरस्कार राशि मिली थी। मैंने सोच लिया था कि यही मुझे भी करना है।”

“जूडो के बाद 12 साल की उम्र में एक किकबॉक्सिंग स्कूल चला गया। मैं शुरुआती क्लास में गया था लेकिन कोच ने मेरे पास आकर मुझसे कहा कि सच में मैं अच्छा कर रहा हूं। इसके बाद मैं तुरंत आगे की क्लास में चला गया। मुझे सच में मजा आया। वो मेरी जिंदगी का पहला क्षण था, जिसमें मैंने महसूस किया कि मैं भी किसी चीज में कुछ बेहतर हूं।”

तीन हफ्ते के अंदर बस्ट ने अपना पहला बाउट किया और जीत हासिल की। हालांकि, उनके पास जिम की फीस देने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन उन्होंने वीकेंड्स पर स्कूल के मालिक के लिए काम कर बकाया चुका दिया।

नेचुरल ग्रैपलिंग और स्ट्राइकिंग की कला के साथ मिक्सड मार्शल आर्ट्स में ध्यान केंद्रित करने से पहले उन्होंने 100 किकबॉक्सिंग मैचों में शिरकत की थी।

“द आर्केंजल” याद करते हुए कहते हैं, “मैं प्राइड और जिंकी सूडो का बड़ा फैन था इसलिए हमेशा से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करना चाहता था। मेरे ट्रेनर ने कहा कि पहले मुझे स्टैंड-अप गेम सीखने की जरूरत है।”

“मैंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर ध्यान देना शुरू कर दिया। मुझे ये पसंद है क्योंकि ये हमेशा जीत का रास्ता दिखाती है। फिर चाहे आप कितने भी बड़े एथलेटिक क्यों न हों।”

अंधेरे में रोशनी तलाशी

Pieter Buist defeats Antonio Caruso at ONE DAWN OF VALOR

प्रतिभा होने के बावजूद बस्ट के जीवन में एक बड़ी परेशान आई, जिसकी वजह से उन्हें अपने लक्ष्य से थोड़ा भटकना पड़ा।

बस्ट को घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, ताकि मां को उनके छोटे भाई की देखभाल करने के लिए मदद मिल सके। इसके बाद उन्हें घर छोड़कर कहीं भी रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने बताया, “आर्थिक समस्याओं की वजह से मुझे 22 साल की उम्र में घर छोड़ना पड़ गया था। शुरुआत में कुछ हफ्ते सड़क पर सोया। उसके बाद दोस्तों के घर या पार्क में रातें गुजारीं।”

“ईमानदारी से कहूं तो मुझे बहुत शर्म आती थी। मेरे पास कुछ नहीं था सिवाय कर्ज के। न मेरी पढ़ाई बेहतर थी और न ही मेरा फाइटिंग करियर कुछ बन पाया था। मेरा भविष्य बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था।”

हालांकि, उन पर भगवान का आशीर्वाद था, जो उन्हें सही रास्ते पर ले गया।

वो कहते हैं, “मुझे याद है, जब मैं अपनी गर्लफ्रेंड के घर पर था तो बिस्तर पर बैठकर रो रहा था और मुझे बहुत खराब महसूस हो रहा था।”

“मैं एक धार्मिक व्यक्ति हूं इसलिए मुझे लगा कि भगवान ने मुझसे कहा कि आपके पास केवल दो रास्ते हैं। बाईं ओर या दाईं ओर, गलत या सही। आप दुनिया के सबसे बड़े अपराधी बन सकते हो या फिर आप दुनिया के सबसे महान फाइटर।”

“मैं एक महान फाइटर और अच्छा इंसान बनना चाहता था इसलिए मैं मुश्किल भरे रास्ते पर चल पड़ा। वहीं मैंने कुछ सफल लोगों की तरह एक योजना बनाई। मैंने कदम बढ़ाए और उन्हें पूरा कर लिया।

“मैं अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से केंद्रित था। मैंने स्कूल खत्म किया और मुझे नौकरी मिल गई। मैंने अपना सारा कर्जा चुकाया और मुझे रहने के लिए एक जगह मिल गई। इस दौरान मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी और काफी परेशानियां उठानी पड़ीं लेकिन ऐसा लगा जैसे ऊपरवाले ने मुझ पर आशीर्वाद बनाए रखा था। मैंने हमेशा खुद पर विश्वास किया।”

मेहनत को कैश कराने का वक्त

बस्ट को अपनी कठिन ट्रेनिंग शेड्यूल के साथ हफ्ते में 40 घंटे काम भी करना पड़ता था। इसके बावजूद जब भी चीजें मुश्किल होती थीं तो भी वो अपने ट्रैक से कभी नहीं भटकते थे।

उन्होंने एक एथलीट के रूप में खुद को विकसित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी जारी रखी, जिससे उन्हें सफलता मिली। इसके बाद उन्होंने अपनी दिन की नौकरी को कम समय देते हुए मार्शल आर्ट्स के करियर में ज्यादा फोकस करना शुरू किया।

वो कहते हैं, “कुछ समय बाद मुझे नौकरी ठीक लगने लगी थी। शायद ये मेरे लिए ही बनी हो। हालांकि, आगे मैं इसके साथ सेटल तो हो जाता लेकिन कभी खुश नहीं रहता।”

“इसलिए मैं दिन में भी एक या दो बार ट्रेनिंग लेता रहता था। ये सच में कठिन था। कभी-कभी मुझे हैरत होती थी कि मैं इसे कैसे कर पा रहा हूं। मैं पहली बार जब यूरोपीय चैंपियन बना तो मैंने काम करना कम कर दिया और ट्रेनिंग लेनी ज्यादा शुरू कर दी।”

12 से ज्यादा जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने दुनिया के सबसे बेहतरीन मार्शल आर्ट्स संगठन में अपनी जगह बनाई और शानदार जीत के साथ शुरुआत की।

“द आर्केंजल” ने अभी तक जो किया है, उससे वो खुश हैं लेकिन संतुष्ट होने से पहले उनके पास बहुत कुछ है, जिसे उन्हें पाना है।

“मैंने यहां आने के लिए बहुत मेहनत की और अपना सब कुछ त्याग दिया। ये अच्छा जरूर है लेकिन मैं अभी तक वहां नहीं पहुंचा हूं, जहां मुझे जाना है। फिर भी मैं खुद को खुशनसीब और धन्य मानता हूं। मुझे ऐसा लगता है कि अभी तो बस ये शुरुआत ही है।”

“मैं 40 का हो जाऊंगा, तब जश्न मनाना शुरू करूंगा। उस वक्त मुझे वो सब मिल जाएगा, जो मैं चाहता हूं। आर्थिक रूप से मेरा परिवार अच्छा होगा और मेरी टीम भी। तब मैं पीछे बैठ सकता हूं, जश्न मना सकता हूं, पीछे देख सकता हूं और कह सकता हूं कि ठीक है, मैं अच्छा नहीं हूं। ”

ये भी पढ़ें: पीटर बस्ट ने कहा कि वो फोलायंग को नॉकआउट करने का दमखम रखते हैं

मनीला | 31 जनवरी | ONE: FIRE & FURY | टिकेट्सयहां क्लिक करें  

*ONE Championship की ऑफिशियल मर्चेंडाइज़ के लिए यहां हमारी शॉप पर आएं

मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में और

Reinier de Ridder Anatoly Malykhin ONE 166 20
Reinier de Ridder Anatoly Malykhin ONE 166 39 scaled
Yodlekpet Or Atchariya Puengluang Baanramba ONE Friday Fights 85 15
Yodlekpet ONE Friday Fights 85
ChristianLee AlibegRasulov 1200X800
Yodlekpet Or Atchariya Komawut FA Group ONE Friday Fights 68 46
Ayaka Miura Meng Bo ONE Fight Night 16 34 scaled
Muangthai PK Saenchai Kongsuk Fairtex ONE Friday Fights 84 10
Muangthai and Kongsuk
Demetrious Johnson Adriano Moraes ONE Fight Night 10 7
Sage Northcutt Ahmed Mujtaba ONE Fight Night 10 33
Panrit Lukjaomaesaiwaree Superball Wankhongohm MBK ONE Friday Fights 83 23