पोंगसिरी का ग्लोबल स्टेज पर आने तक का शानदार सफर
थाईलैंड के उत्तर-पूर्व के प्रांत नाखोन रट्चासिमा से आने वाले पोंगसिरी पीके.साइन्चे मॉयथाईजिम 7 साल की उम्र में अपने दादा-दादी के साथ बैठकर टीवी पर महान मॉय थाई एथलीट्स के मुकाबलों को देखा करते थे।
गोल्डन एरा के लैजेंड्स को वो टीवी पर मैचों में भाग लेते देखा करते थे। लेकिन पोंगसिरी ने कभी नहीं सोचा था कि 22 साल बाद उनके देश के लोग उन्हें टीवी पर टकटकी लगाए देख रहे होंगे।
11 सितंबर को बैंकॉक में होने वाले ONE: A NEW BREED II के मेन इवेंट मैच में थाई स्टार का सामना आयरलैंड के शॉन “क्लबर” क्लेंसी से होने वाला है, जो एक वर्ल्ड चैंपियन vs वर्ल्ड चैंपियन कॉन्टेस्ट होगा।
शो को पहले ही रिकॉर्ड किया जा चुका है और इससे पहले शो को शुक्रवार के दिन प्रसारित किया जाए, पोंगसिरी ने बताया कि किस तरह वो युवावस्था में छोटे टूर्नामेंट्स का हिस्सा बनने से लेकर ONE के बड़े सुपरस्टार्स के सामने मुकाबला कर पाए हैं।
थाईलैंड के उत्तर-पूर्वी प्रांत में अपने जीवन को याद करते हुए 29 वर्षीय स्टार ने बताया, “बचपन में मैं भी दूसरे बच्चों की तरह ही हुआ करता था। खेलना, बाहर घूमना और किसी चीज की ज्यादा परवाह नहीं करना मेरा स्वभाव था और हमेशा मस्ती करने में समय व्यतीत करता था।”
“मेरे दादा-दादी को मॉय थाय के मैच देखना बहुत पसंद था और उनका मानना था कि मुझे भी ये जरूर सीखना चाहिए। उन्होंने गांव में रहकर ही मेरी ट्रेनिंग शुरू करवाई और कुछ समय बाद ही छोटे स्तर के टूर्नामेंट्स में भाग लेने लगा था।”
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हालांकि, शुरुआत में पोंगसिरी का सोचना था कि वो मॉय थाई के लिए नहीं बने हैं और इसमें वो अपना करियर नहीं बनाना चाहते।
उन्होंने स्वीकारते हुए कहा, “शुरुआत में मुझे ये बिल्कुल भी पसंद नहीं आया लेकिन थोड़े समय बाद मेरा इसके प्रति लगाव बढ़ने लगा था। मुझे अपने मूव्स दिखाना बहुत पसंद था और मैं इसके प्रति एक तरीके से आकर्षित होने लगा।”
“जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे अहसास हुआ कि मैं इससे पैसे भी कमा सकता हूं। पैसे आने से मैं अपने परिवार को वित्तीय मदद प्रदान कर सकता हूं।”
इसी मानसिकता के साथ आगे बढ़ते हुए पोंगसिरी को क्षेत्रीय टूर्नामेंट्स में पहचान मिलने लगी थी। उनके जिले को केवल स्थानीय हवाई अड्डे के लिए जाना जाता था, जिसने नाखोन रट्चासिमा के निवासियों को बैंकॉक भेजना बंद कर दिया था।
युवा थाई स्टार नहीं जानते थे कि भविष्य में उन्हें उसी शहर के सफर पर निकलना होगा, जहां वो उस समय नहीं जा सकते थे। लेकिन ऐसा करने से पहले एक और काम करना था।
पोंगसिरी ने कहा, “9 साल की उम्र में मैं अयुथाया आ गया और एक मॉय थाई स्कूल में दाखिला लिया। मुझे वहां का वातावरण काफी पसंद आ रहा था क्योंकि मेरे चारों ओर एक से बढ़कर एक बॉक्सर्स घूमते रहते थे।”
“मेरी ट्रेनिंग करने के तरीके में बदलाव आ चुका था। उस समय क्षेत्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए मुझे नियमित तौर पर अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता था।”
पोंगसिरी को देश की पूर्व राजधानी में अनुभव प्राप्त हो रहा था, साथ ही उनकी ताकत में भी इजाफा देखने को मिल रहा था। बस इसके बाद उन्होंने 80 किलोमीटर दूर बैंकॉक में आने का फैसला किया, जहां वो अपने प्रदर्शन में और भी सुधार कर सकते थे।
उन्होंने कहा, “जब मेरा वजन 100 पाउंड्स के करीब हुआ तो मैंने बैंकॉक आने का फैसला किया।”
मॉय थाई के प्रति अन्य उत्साहपूर्ण लोगों की तरह ही बैंकॉक में आने के बाद ट्रेनिंग करना उनके लिए एक खास अनुभव रहा, साथ ही वो घबराए भी हुए थे। यहां तक कि घबराहट के कारण वो बेसिक मूव्स लगाना भी भूल चुके थे।
उन्होंने PK.Saenchai Muaythaigym के अपने पहले ट्रेनिंग सेशन को याद किया और हंसते हुए कहा, “मैं इतना उत्साहित था कि मैं पंच भी ठीक से नहीं लगा पा रहा था।”
लेकिन ये घबराहट का दौर जल्द ही समाप्त भी हो गया। आगे चलकर पोंगसिरी के पंच ही उनकी सबसे बड़ी ताकत बने।
साल 2007 में उन्हीं पंचों की मदद से वो Lumpinee Stadium फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन बने। 2016 में उन्होंने Channel 7 Stadium वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल जीता और उसी साल Lumpinee Stadium वेल्टरवेट वर्ल्ड टाइटल भी अपने नाम किया।
ONE Championship को जॉइन करने के बाद उन्होंने दिखाया कि वो भविष्य में ONE वर्ल्ड चैंपियन बनने में सक्षम हैं। उन्होंने अपने भार वर्ग में बदलाव किया और शॉर्ट नोटिस पर ONE: WARRIOR’S CODE में पहले ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल के लिए पेटमोराकोट पेटयिंडी एकेडमी को चैलेंज किया।
चाहे अपने हमवतन एथलीट के खिलाफ उन्हें जीत नहीं मिल पाई हो लेकिन उन्होंने खुद से लंबे प्रतिद्वंदी को मैच के अंतिम क्षणों तक अपना बेस्ट प्रदर्शन करने के लिए पुश किया था।
पोंगसिरी के वर्ल्ड चैंपियन बनने के सपने वहीं खत्म नहीं हुए।
मार्च में वो Omnoi Stadium वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन बने और ONE: NO SURRENDER II में ONE में वापसी की। जहां उन्हें उस भार वर्ग के मैच में बेहद करीबी मुकाबले में सोरग्रॉ पेटयिंडी एकेडमी के खिलाफ हार मिली, जिसके मैचों में भाग लेने के वो आदी नहीं हैं।
इस कारण पोंगसिरी ने अपने भार वर्ग में बड़ा और अहम बदलाव किया। उन्होंने वहां आने का निर्णय लिया, जहां उन्हें फेदरवेट डिविजन से अच्छा महसूस होता है। इसलिए जब उनका सामना बेंटमवेट कॉन्टेस्ट में WBC वर्ल्ड चैंपियन क्लेंसी से होगा तो उन्हें PK.Saenchai Muaythaigym के मेंबर से जरूर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करनी चाहिए।
चाहे मैच का परिणाम कुछ भी हो लेकिन थाई स्टार ने इस स्पोर्ट में अभी तक जितनी भी उपलब्धियां प्राप्त की हैं, वो उनसे खुश हैं। साथ ही वेट कैटेगरी में बदलाव के बाद फैंस को भी उनसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद रखनी चाहिए।
पोंगसिरी ने कहा, “मुझे खुद पर बहुत गर्व है कि मैं इस स्पोर्ट में इतना आगे तक आने में सफल रहा हूं। अब मेरा लक्ष्य ONE वर्ल्ड चैंपियन बनने का है और मेरा मानना है कि मैं अभी भी ऐसा कर सकता हूं।”
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