जॉन लिनेकर ने अपनी नॉकआउट पावर को कैसे बढ़ाया और कैसे ‘हैंड्स ऑफ स्टोन’ नाम हासिल हुआ?
ब्राजीलियाई स्टार जॉन लिनेकर मानते हैं कि उन्हें अपने हाथों में ताकत प्राकृतिक रूप से मिली है।
पूर्व ONE बेंटमवेट MMA वर्ल्ड चैंपियन और मौजूदा #1 रैंक के कंटेंडर ONE Fight Night 13: Allazov vs. Grigorian में वापसी करेंगे, जहां उनकी भिड़ंत किम जे वूंग से होगी। वो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होने वाले इस मुकाबले में एक बार फिर अपनी खतरनाक स्ट्राइकिंग के दम पर जीत दर्ज करना चाहेंगे।
33 वर्षीय स्टार प्रकृति के इस तोहफे से 20 साल से वाकिफ हैं और बॉक्सिंग जिम में शानदार अनुभव उन्हें अहसास करवा रहा था कि पंचिंग स्किल्स उन्हें अपने डिविजन से ऊपर जाकर भी सफलता दिला सकती हैं।
5 अगस्त को किम के खिलाफ मैच से पूर्व उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया:
“मैंने 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग का अभ्यास करना शुरू किया। मैं ट्रेनिंग पार्टनर्स में सबसे युवा और सबसे कम वजन वाला हुआ करता था। मैं खुद से ज्यादा वजन वाले और उम्र में बड़े फाइटर्स के साथ स्पारिंग करता था। वो मुझसे कहा करते थे कि उस समय मेरी उम्र की तुलना में मेरे पंच कहीं अधिक ताकतवर थे।
“उस समय मुझे अपने पंचों की ताकत के बारे में पता चला और ‘हैंड्स ऑफ स्टोन’ निकनेम को अपने साथ जोड़ा। मेरे साथ जो भी स्पारिंग करता, मेरे पंचों की ताकत को देखकर चौंक उठता। वो कहते थे कि मेरी जांच की जानी चाहिए।”
एक पुरानी कहावत के अनुसार महान बॉक्सर्स पैदा होते हैं, बनाए नहीं जाते और लिनेकर की कहानी इससे काफी मेल खाती है। American Top Team के प्रतिनिधि का मानना है कि जब वो बड़े हो रहे थे, तब भी उनकी स्किल्स में सुधार होता रहा था।
ट्रेनिंग शुरू करने के कुछ समय बाद ब्राजीलियाई एथलीट ने अपने पंचों पर अधिक ध्यान दिया। वो मानते हैं कि उनके पंच किसी भी एथलीट को क्षण भर में फिनिश कर सकते हैं।
“हैंड्स ऑफ स्टोन” ने कहा:
“मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैंने छोटी उम्र में सिविल कॉन्ट्रैक्टिंग में असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। मैं केवल 14 साल की उम्र में कंक्रीट को कूटता, भारी बाल्टी उठाया करता था।
“मेरे हिसाब से वही अनुभव मेरे दमदार पंचों का रहस्य है। मैंने हमेशा छोटे काम किए, भारी वजन उठाया करता था, जिससे मेरी ताकत में काफी इजाफा हुआ।”
जॉन लिनेकर अपने बॉडी साइज़ की तुलना में बहुत ताकतवर कैसे बने – ‘मैं 375 पाउंड्स बेंच प्रेस कर सकता हूं’
जॉन लिनेकर ने अपनी अविश्वसनीय ताकत के दम पर MMA में सफलता पाई है, लेकिन इसका उन्हें कोई अहंकार नहीं है और वो सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ये स्किल हमेशा उनके साथ बनी रहे।
“हैंड्स ऑफ स्टोन” को फ्लाइवेट और बेंटमवेट डिविजन में फाइट करने में कोई परेशानी नहीं हुई है, जहां उन्होंने 17 बार नॉकआउट से जीत हासिल की है। उनके जिम में ऐसे बहुत कम लोग हैं, जो ताकत के मामले में उनकी बराबरी कर पाएं।
ब्राजीलियाई एथलीट ने कहा:
“मैं अपने पंचों की पावर को बनाए रखने के लिए विशेष ट्रेनिंग करता हूं। मैं तीन चरणों में शारीरिक रूप से खुद को तैयार करता हूं। मैं पहले अपनी लिमिट से कहीं अधिक वजन उठाकर अपनी स्ट्रेंथ बढ़ाता हूं। मैं बेंच प्रेस करते हुए 375 पाउंड वजन उठा सकता हूं।
“मैं उसके बाद मसल्स की पावर पर ध्यान देता हूं और ट्रेनिंग के तीसरे चरण में मैं अपने चुस्त स्वभाव को बेहतर करने की कोशिश करता हूं।”
ये स्पष्ट है कि मूव्स में ताकत लिनेकर की पहली प्राथमिकता है, लेकिन ये उनके टॉप लेवल के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स गेम का एक छोटा सा हिस्सा है।
वो स्किल्स के जरिए ही पावर का इस्तेमाल कर पाते हैं और इसके बिना वो पंचों को अपने प्रतिद्वंदी की ठोड़ी पर लैंड नहीं करवा पाएंगे।
इसलिए तकनीकी तौर पर लगातार सुधार करने की चाह उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाती रहेगी:
“मुझे अपनी नॉकआउट पावर पर भरोसा है, अपने पंचों पर भरोसा है। मगर ये भी स्पष्ट है कि बिना तकनीक और केवल स्ट्रेंथ के आधार पर मैं सफलता प्राप्त नहीं कर सकता था। मेरे ख्याल से इन 2 चीज़ों का मिश्रण होना जरूरी है।
“इसलिए मुझे लगता है कि जब स्ट्रेंथ काम ना आए, तब तकनीक भी मेरे पंचों को अधिक प्रभावशाली बनाती है।”