प्रिसिला हरटाटी लुम्बन गॉल ने अपने करियर के सबसे महत्वपूर्ण मैच के बारे में बात की
केवल 2 साल में ही प्रिसिला हरटाटी लुम्बन गॉल ने ONE Championship के एटमवेट डिविजन के इतिहास में किसी अन्य एथलीट से ज्यादा जीत दर्ज की हैं, लेकिन इनमें एक ऐसी जीत भी शामिल है जिसे वो किसी अन्य जीत से ज्यादा खास मानती हैं।
ONE: KINGS OF COURAGE में ऑड्रेलौरा बोनीफेस पर आई जीत कई मायनों में उनके लिए खास रही थी। ये जीत उन्होंने जकार्ता, इंडोनेशिया यानी अपने घरेलू फैंस के सामने दर्ज की और ये प्रिसिला के करियर में अभी तक की पहली और आखिरी नॉकआउट जीत रही। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये बात रही कि इस जीत से उनके करियर को एक नई शुरुआत मिली थी।
उन्होंने कहा, “वो मेरी सबसे अच्छी जीत क्यों रही? लगातार 2 मैचों में हार मिलने के बाद वो मेरी पहली जीत थी।”
ONE में लुम्बन गॉल के करियर की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी क्योंकि पहले उन्हें टिफनी “नो चिल” टियो और उसके बाद जीना “कंविक्शन” इनियोंग के खिलाफ हार मिली थी, लेकिन लगातार 2 हार से उन्होंने अपना मनोबल गिरने नहीं दिया।
खराब शुरुआत के बाद भी वो जीत के लिए प्रतिबद्ध थीं इसलिए उन्होंने खुद को ज्यादा समय दिया और अपनी डिफेंसिव स्किल्स में सुधार किया। अपने तीसरे मुकाबले तक वो खुद में इतना सुधार कर चुकी थीं जिससे उन्हें जीत मिल सके।
इस मैच में उन्होंने साइड किक्स की रणनीति अपनाई, जिससे वो अपनी प्रतिद्वंदी से दूरी बनाए रख सकें। उस समय इंडोनेशियाई एथलीट का ग्राउंड गेम उतना बेहतर नहीं हुआ करता था जितना अब है इसलिए वो स्टैंडिंग गेम पर ज्यादा ध्यान देने की कोशिश कर रही थीं।
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इंडोनेशियाई वुशु चैंपियन ने बताया, “मैंने अपनी प्रतिद्वंदी पर अटैक करने की जल्दबाजी ना करना और धैर्य रखना सीखा। इससे पहले मैं जल्दबाजी कर खुद पर मुसीबत बढ़ा रही थी।”
“ये मेरा धैर्य ही था, जिससे मुझे बोनीफेस के अटैक्स को काउंटर करने में मदद मिली थी। उस फाइट से पहले मैं जल्दबाजी करने की कोशिश कर रही थी और मैच को जल्द से जल्द फिनिश करने के बारे में सोचती थी। उस आइडिया ने संभव ही मेरे डिफेंस को काफी क्षति पहुंचाई और इसी कारण मुझे 2 बार हार मिली।”
यहाँ तक कि जब बोनीफेस क्लिंच करने की कोशिश कर रही थीं तो Siam Training Camp की प्रतिनिधि ये सुनिश्चित कर आगे बढ़ रही थीं कि उन्हें अंडरहुक्स के सामने आत्मसमर्पण नहीं करना है, जिससे वो मैच में बनी रह सकें।
बोनीफेस को निराशा हाथ लगने लगी थी और इसी कारण वो अपने ही प्रयासों से थकी हुई नजर आने लगीं, इससे लुम्बन गॉल को अटैक करने का मौका मिला। प्रिसिला की लगातार हेड किक्स ने उनकी प्रतिद्वंदी को झकझोर कर रख दिया था और इंडोनेशियाई स्टार ने उन्हें फेंस की तरफ धकेलकर कुछ पंचों के बाद जीत हासिल की थी।
ये अभी भी उनके करियर की सबसे शानदार जीत रही है लेकिन जीतने से उन्हें ज्यादा खुशी नहीं मिली थी। उन्हें खुशी इस बात की ज्यादा थी कि ONE में शुरुआती मैचों में खराब प्रदर्शन से उनका आत्मविश्वास कमजोर पड़ने लगा था लेकिन इस जीत ने उनका आत्मविश्वास लौटाया।
उन्होंने कहा, “उस जीत ने मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया था।”
“मुझे पता था कि यहाँ ऐसे कई एथलीट हैं जो मुझसे बेहतर हैं। व्यक्तिगत तौर पर मुझे उस जीत से खुद पर ज्यादा गर्व महसूस नहीं हो रहा था। मैं खुश थी लेकिन खुद में सुधार करने के लिए भी प्रतिबद्ध थी।”
उसी साल उन्होंने 4 और मैचों में जीत दर्ज की लेकिन इस स्पोर्ट में अब इतनी सफलता मिलने के बावजूद 31 वर्षीय वुशु स्पेशलिस्ट का मानना है कि उन्हें टॉप पर पहुंचने के लिए खुद में सुधार करते रहना होगा।
उन्होंने आगे कहा, “मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में किसी एथलीट को ज्यादा स्टैमिना की जरूरत होती है क्योंकि एक राउंड 5 मिनट का होता है।”
“मुझे अभी भी अपने ग्रैपलिंग गेम में सुधार करना है, टेकडाउन और सबमिशन लगाना सीखना है। मुझे लगता है कि ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में मुझे सुधार की जरूरत है।”
उनका स्किल सेट शानदार है, पिछले 2 मैचों में क्रमशः नू श्रे पोव और बोजेना अंटोनियर पर मिली जीत के बाद जरूर उनका आत्मविश्वास लौट आया है और उनका मानना है कि वो साल 2020 में बड़े चैलेंज के लिए तैयार हैं।
अपने कोचों और ट्रेनिंग पार्टनर्स का साथ मिलने के बाद उनका मानना है कि वो अपने डिविजन के टॉप स्टार्स के सामने कड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, “मेरी टीम Siam Fighting ने मुझे काफी सपोर्ट किया है।”
“ONE किसी भी एथलीट के साथ मुझे मैच देती है उसे मैं बिना सवाल-जवाब के स्वीकार करूंगी। जब तक मैं फाइट करना और खुद में सुधार करना जारी रख सकती हूँ, मेरा मानना है कि मुझे जीत मिलती रहेगी।”
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