सुपरलैक vs. पानपयाक फाइनल से पहले ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड प्री का रीकैप
थाईलैंड के मॉय थाई सर्किट में एथलीट्स का एक-दूसरे से 5, 6 या 10 से भी ज्यादा बार भिड़ना कोई चौंकाने वाली बात नहीं। मैच बुक करने का सिद्धांत ये है कि कोई 2 फाइटर्स के बीच कांटेदार टक्कर होती है तो उन्हें बार-बार आमने-सामने लाया जाए।
यही बात #1 रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर सुपरलैक कियातमू9 और रैंकिंग्स में दूसरे स्थान पर मौजूद पानपयाक जित्मुआंगनोन पर भी लागू होती है।
वो अभी तक 7 बार आमने-सामने आ चुके हैं, लेकिन उनके आठवें मैच को मैचमेकर्स बुक नहीं करेंगे क्योंकि उनकी आठवीं भिड़ंत नियति है।
कई बार फाइट करने के बाद अब ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड ग्रां प्री की चुनौतियों को पार करते हुए सुपरलैक और पानपयाक अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 21 अक्टूबर (भारत में शनिवार, 22 अक्टूबर) को ONE Fight Night 3: Lineker vs. Andrade में टूर्नामेंट के फाइनल में एक बार फिर भिड़ने को तैयार हैं।
उनकी इस धमाकेदार फाइट से पहले यहां जानिए दोनों एथलीट्स इस मुकाम पर कैसे पहुंचे हैं।
क्वार्टरफाइनल्स में बदलाव
सुपरलैक के ग्रां प्री सफर की शुरुआत ONE 157 में हुई, जहां टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल्स में उन्होंने जापानी स्टार टाईकी नाइटो को मात दी।
नाइटो, #4 रैंक के फ्लाइवेट किकबॉक्सर हैं और अभी तक पूर्व ONE फ्लाइवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन पेचडम पेटयिंडी और #4 रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर सवास माइकल जैसे बड़े स्टार्स को हरा चुके हैं।
उस मुकाबले में सुपरलैक ने सटीक बॉडी किक्स और काउंटर अटैक करते हुए सर्वसम्मत निर्णय से जीत प्राप्त की थी।
मगर उन्हें काउंटर्स नहीं कहा जा सकता क्योंकि थाई एथलीट पहले से जानते थे कि उनके प्रतिद्वंदी किस तरह का अटैक करने वाले हैं, इसलिए उनके पास हर अटैक का जवाब पहले से मौजूद था।
उसी इवेंट में पानपयाक का सामना ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड ग्रां प्री अल्टरनेट बाउट में होसुए क्रूज़ से होने वाला था, लेकिन क्रूज़ को क्वार्टरफाइनल्स में वॉल्टर गोंसाल्वेस से भिड़ने के लिए चोटिल जोनाथन हैगर्टी से रीप्लेस किया गया।
इसलिए पानपयाक को बाहर बैठना पड़ा और क्वार्टरफाइनल राउंड में गोंसाल्वेस ने क्रूज को, रोडटंग जित्मुआंगनोन ने जैकब स्मिथ और माइकल ने अमीर नासेरी को हराया।
मगर पानपयाक की किस्मत जल्द ही बदलने वाली थी।
आखिरी समय पर सेमीफाइनल में बदलाव
ONE Fight Night 1 में ग्रां प्री के सेमीफाइनल्स में सुपरलैक का सामना गोंसाल्वेस और रोडटंग की भिड़ंत माइकल से होने वाली थी।
मगर इवेंट के दिन रोडटंग ONE के हाइड्रेशन टेस्ट को पास नहीं कर पाए, इसलिए उन्हें मैच से नाम वापस लेना पड़ा। उनके बाहर होने से एक दूसरे एथलीट को टूर्नामेंट में जगह मिली।
पानपयाक को आखिरी समय पर रोडटंग के रीप्लेसमेंट के तौर पर बुलाया गया और उन्होंने इस ऑफर को स्वीकार भी किया।
उस इवेंट में सुपरलैक, ONE में गोंसाल्वेस को पहले राउंड में नॉकआउट कर फिनिश करने वाले पहले एथलीट बने।
टूर्नामेंट में आखिरी समय पर प्रवेश करने के बाद पानपयाक ने दूसरे राउंड में दमदार एल्बो लगाकर माइकल को नॉकआउट किया।
सुपरलैक और पानपयाक जीत दर्ज करते हुए ग्रां प्री के फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे और अब वो अपने करियर में आठवीं बार आमने-सामने आने को तैयार हैं।
ग्रां प्री फाइनल से क्या उम्मीद रखनी चाहिए
जब 2 एथलीट्स 7 बार फाइट कर चुके हों तो उन्हें एक-दूसरे के मूव्स, ताकत और कमजोरियों की पूरी जानकारी होगी। वो जानते होंगे कि उनका प्रतिद्वंदी किस तरह से अटैक करने वाला है।
मगर सुपरलैक और पानपयाक एक चीज़ नहीं जानते, जो हमने पहले भी कई बार देखी है। आप चाहे जिम में कितनी ही मेहनत क्यों ना कर लें, लेकिन उस चीज़ का पता लगाना लगभग असंभव है।
हम यहां बात कर रहे हैं सरप्राइज़िंग एलीमेंट की क्योंकि दोनों थाई सुपरस्टार्स क्षण भर में किसी फाइट को फिनिश करने की काबिलियत रखते हैं।
पानपयाक इस प्रतिद्वंदिता में 4-2-1 से आगे चल रहे हैं, लेकिन उनकी अगली फाइट में बहुत कुछ दांव पर लगा होगा।
इस मैच का विजेता ना केवल ग्रां प्री चैंपियन कहलाएगा बल्कि उसे ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग के खिलाफ टाइटल शॉट भी मिलेगा।
इसलिए हमें सुपरलैक और पानपयाक के ग्रां प्री चैंपियनशिप चैंपियनशिप फाइनल से खतरनाक एक्शन की उम्मीद रखनी चाहिए।