कठिन परिस्थितियों के बाद भी रदीम रहमान ने मार्शल आर्ट्स को नहीं छोड़ा
रदीम रहमान ने अपनी जिंदगी में कई ऐसी समस्याओं का सामना किया है जिनसे उनका मार्शल आर्ट्स करियर तक ख़त्म हो सकता था लेकिन उनका धैर्य उन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करता रहा है।
सिंगापुर के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स स्टार को कई बार गंभीर चोटों से जूझना पड़ा और अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारियों के कारण ट्रेनिंग भी छोडनी पड़ी थी। लेकिन उन्होंने अपने सपने को कभी खुद से दूर नहीं किया और वो ग्लोबल स्टेज पर अपना बेस्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अब ONE: KING OF THE JUNGLE में जैफ चान के साथ अपने मुकाबले से पहले रहमान ने बताया कि वो कैसे मुसीबतों को पीछे छोड़ सफलता की ओर आगे बढ़ते रहे हैं।
पिता का सपोर्ट मिला
रहमान का बचपन सिंगापुर में काफी खुशहाली में गुजरा है और वो अपने सभी भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके पिता, अब्दुल घर में कमाने वाले अकेले थे और वो वेयरहाउस/गोदाम के मैनेजर हुआ करते थे।
अब्दुल को इसके अलावा कॉम्बैट स्पोर्ट्स से भी खासा लगाव रहा जो अपने बेटे को अक्सर टीवी पर मॉय थाई और बॉक्सिंग देखने की सलाह देते थे। लेकिन उन्होंने माना कि उन्हें मार्शल आर्ट्स में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
रहमान ने हंसते हुए कहा, “पहली नजर में मुझे ये समझ ही नहीं आया और ना ही पसंद आया। जब भी मैं इससे बचकर भागने की कोशिश करता वो मुझे जबरदस्ती वापस खींच लाते थे।”
“मैं वीडियो गेम्स भी नहीं खेल पा रहा था क्योंकि वो अधिकतर समय टीवी ही देख रहे होते थे।”
कुछ समय बाद जरूर रहमान के दिल में मॉय थाई ने स्थान बनाना शुरू कर दिया था और उन्होंने अपने पिता के साथ जितने भी मैच देखे उन्हें देखकर रहमान की इसे सीखने की लालसा भी बढ़ने लगी थी।
32 वर्षीय स्टार ने कहा, “बचपन में मैं उनके पैड वर्क को देख उत्साहित हो उठता था कि कैसे वो अपनी किक्स और एल्बोज़ का प्रयोग कर रहे हैं।”
“उसके बाद जब मैंने अपने पिता के साथ बैठकर फाइट्स देखनी शुरू कीं तो मुझे पता चला कि वो सब ट्रेनिंग यहां अपना बेस्ट प्रदर्शन करने के लिए होती हैं।”
अब्दुल चाहते थे कि उनके बेटे को खुद मार्शल आर्ट्स में अनुभव प्राप्त हो इसलिए जब रहमान 10 साल के थे तो अब्दुल ने उन्हें टायक्वोंडो की ट्रेनिंग शुरू कराई थी। लेकिन कुछ समय बाद ही उन्हें आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए अनुशासन सीखने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा था।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की शुरुआत
जब रहमान 15 साल के हुए तो उन्होंने अपना फोकस बॉक्सिंग पर शिफ्ट कर दिया और Farrer park Gym जॉइन कर ली।
उन्होंने कहा, “उस समय एक ही जिम हुआ करता था जहाँ सभी राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर ट्रेनिंग किया करते थे और बॉक्सिंग सीखने की इससे बेहतर जगह कोई दूसरी नहीं हो सकती थी।”
इतने सारे अनुभवी एथलीट्स के बीच रहमान सबसे कम उम्र वाले मेंबर्स में से एक थे और इसी कारण उन्हें कुछ कठिन स्पारिंग ट्रेनिंग सेशंस से भी गुजरना पड़ा।
उनकी माँ को रहमान के स्वास्थ्य के लिए ज्यादा चिंता हो रही थी लेकिन उनके पिता समझ सकते थे कि उनका बेटा किस दिशा में आगे बढ़ रहा है इसलिए पिता की तरफ से उन्हें लगातार सपोर्ट मिलता रहा और वो रहमान को प्रोत्साहन भी देते रहे।
उन्होंने कहा, “उस समय मैं एक बच्चा था जो इतने अनुभवी बॉक्सर्स के बीच ट्रेनिंग ले रहा था।”
“मुझे आज भी याद है कि मेरे घर लौटने के बाद मेरी माँ मुझसे कहतीं कि, ‘रदीम, तुम्हारी आँखों और बॉडी पर चोट के निशान हैं, ये सब तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है।’ दूसरी ओर हर ट्रेनिंग सेशन से पहले मेरे पिता मुझे याद दिलाते कि, ‘हमेशा कोई ना कोई ऐसा एथलीट होता है जो आपसे बेहतर होता है इसलिए कभी हार नहीं माननी और ट्रेनिंग करते रहना है।”‘
ये सलाह सिंगापुर के स्टार के लिए एक मंत्र बन चुका था और इसी ने उन्हें नए अनुशासन सीखने में मदद की। ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) और मॉय थाई कॉम्पिटिशन में भाग लेने के बाद उन्होंने अपना फोकस मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर शिफ्ट कर दिया था।
करियर ख़त्म होने की कगार पर पहुंचा
रहमान ने साल 2009 में प्रतिष्ठित Evolve टीम की स्थापना के कुछ समय बाद ही टीम को जॉइन किया जिससे वो अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकते थे। वो किसी चीज पर बहुत जल्दी पकड़ बना लेते थे और कुछ समय बाद ही उन्होंने मॉय थाई, BJJ और बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियंस की निगरानी में ट्रेनिंग शुरू कर दी।
जल्द ही उन्होंने वर्ल्ड-फेमस जिम में शिक्षा देनी भी शुरू कर दी। इसी कड़ी मेहनत ने उन्हें सिंगापुर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का बड़ा स्टार बना दिया था और उन्हें साल 2011 में ONE के सबसे पहले शो का हिस्सा बनने का गौरव भी हासिल हुआ।
जिंदगी सुचारू रूप से आगे बढ़ रही थी लेकिन तभी रहमान को घुटने में गंभीर चोट का सामना करना पड़ा जिससे वो करीब अगले 1 साल तक किसी बाउट का हिस्सा नहीं बन पाए। ये वही समय था जब उनके पिता अब्दुल को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा था।
रहमान ने कहा, “हम साथ में वॉक कर रहे थे तभी मेरे पिता की तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई और परिस्थितियां पहले से भी बद्तर हो चली थीं। पिता की इस स्थिति के बाद वो अपनी जॉब को भी जारी रखने में असमर्थ दिखाई देने लगे।”
उनके परिवार की आय को भी तगड़ा झटका लगा था इसलिए रहमान की माँ ने अपने पति के मेडिकल बिल्स के भुगतान के लिए काम करना शुरू कर दिया, वहीं उनके सबसे बड़े बेटे ने भी अपने भाई-बहनों की स्कूल की पढ़ाई के लिए नौकरी करनी शुरू कर दी।
हालांकि लंबे समय बाद साल 2014 में उन्होंने सर्कल में 2 बार वापसी की, रहमान को मजबूरन अपने पिता का ख्याल रखने के लिए Evolve टीम से भी दूर रहना पड़ा।
वापसी हुई
रहमान अपने मार्शल आर्ट्स करियर को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध थे लेकिन एक BJJ टूर्नामेंट के दौरान उन्हें घुटने में लगी एक और गंभीर चोट का सामना करना पड़ा।
करीब डेढ़ साल के गैप के बाद उन्होंने Neue Fit नाम का नया जिम को जॉइन किया जो सिंगापुर इंडोर स्टेडियम से कुछ ही दूर था। काम का दबाव कम होने के चलते वो इसके साथ अपने परिवार की देखभाल भी कर सकते थे। इस समय उनके पिता ने भी उन्हें सर्कल में वापसी के लिए प्रेरित किया।
रहमान ने धमाकेदार अंदाज में वापसी की और टांग डी पान को मात्र 79 सेकेंड में सबमिशन से हराया। हालांकि, पिछले साल उन्होंने अपनी बेटी के जन्म के समय एक बार फिर ब्रेक लिया था लेकिन साल 2019 के अंत में वो एक बार फिर ट्रेनिंग में वापस लौट आए लेकिन स्ट्रोक के कारण उनके पिता को एक बार फिर अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
ये लम्हा 32 वर्षीय स्टार के करियर पर एक बार फिर ब्रेक लगा सकता था लेकिन अब्दुल ने उन्हें अपना करियर जारी रखने के लिए प्रेरित किया।
रहमान ने कहा, “मेरे पिता हर चीज में मेरे साथ खड़े रहे हैं, प्रोफेशनल करियर की शुरुआत होने से पहले भी वो हमेशा मेरे साथ रहे।”
“जब उनका स्वास्थ्य अच्छा था तो वो मुझे पूरी तरह सपोर्ट कर रहे थे और मेरी हर एक फाइट को देखा करते थे। वो मुझसे कहते कि परिवार के बारे में मत सोचो, हम ठीक हैं, तुम केवल वहाँ जाकर अपना बेस्ट प्रदर्शन करने पर ध्यान दो।”
इतनी कठिन परिस्थितियों से गुजरने के बाद सिंगापुर के 32 वर्षीय एथलीट ने अपने पिता से वादा किया कि वो उनके लिए जीत हासिल करना चाहते हैं और अपने पिता का धन्यवाद भी व्यक्त किया कि वो हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।
उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिता से कहा, ‘आपने एक योद्धा को तैयार किया है, चिंता मत कीजिए। मैं कठिन परिस्थितियों का आदि हो चुका हूँ और आपने मुझे मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया है इसलिए मैं हर चुनौती के लिए तैयार हूँ।”‘
“दोबारा फाइट करने का अपना अलग ही मजा है लेकिन इस बार मैं जीत के लिए पहले से कहीं अधिक प्रतिबद्ध हूँ। मेरे पिता ने मुझे सबसे ज्यादा सपोर्ट किया है और मैं उनका सिर गर्व से ऊंचा करना चाहता हूँ।”
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