रेगिअन इरसल Vs. दिमित्री मेन्शिकोवः ONE Fight Night 11 में वर्ल्ड टाइटल जीतने के 4 तरीके
ONE Championship में रेगिअन इरसल के दबदबे को खत्म करने की कोशिश करने वाले दिमित्री मेन्शिकोव नए-नवेले एथलीट होंगे। ऐसे में फैंस को इनके बीच जोरदार भिड़ंत की उम्मीद करनी चाहिए।
ONE Fight Night 11 के मेन इवेंट में ONE लाइटवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल के लिए “द इम्मोर्टल” को चुनौती देकर रूसी फाइटर अपना प्रोफेशनल डेब्यू करने वाले हैं, लेकिन इस दौरान वो अपने कारगर हथियार और लगातार 11 बाउट जीतने वाले दबदबे के साथ सर्कल में उतरेंगे।
हालांकि, इस बाउट में डिफेंडिंग किंग इरसल अपनी लगातार 21 जीत के सिलसिले को दांव पर लगा रहे होंगे, जिसमें ONE में उनका परफेक्ट 9-0 का करियर रिकॉर्ड भी शामिल है। इस वजह से थाईलैंड के बैंकॉक के प्रतिष्ठित लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में उन्हें पराजित करने के लिए रूसी फाइटर को शानदार खेल दिखाना होगा।
इस शनिवार, 10 जून को होने वाली धमाकेदार बाउट से पहले दोनों एथलीट्स की जीत की सबसे बड़ी वजहें क्या हो सकती हैं, ये हम आपको बता रहे हैं।
#1 मेन्शिकोव के दर्दनाक पंच
वर्ल्ड चैंपियनशिप पर कब्जा जमाने के लिए दोनों एथलीट्स तैयार हैं। हालांकि, मेन्शिकोव के लिए ये नई जगह है। उन्हें ये दिखाने के लिए मजबूत शुरुआत करनी होगी कि वो ‘चैंपियंस की नगरी’ से आते हैं।
इरसल पहले राउंड से ही प्रतिद्वंदियों पर दबाव डालना शुरू कर देते हैं और अपने कभी ना खत्म होने वाले जज्बे के साथ मुकाबले को आगे बढ़ाते हैं। इस कारण चुनौती देने वाले फाइटर को ताकतवर हाथों से हमले करके खुद की स्थिति मजबूत करने की कोशिश करनी चाहिए।
प्रोकोपयेवस्क के एथलीट दोनों हाथों से विध्वंसक पंच लगाने में माहिर हैं। वो अपने हमलों से प्रतिद्वंदी को कॉर्नर पर ले जाकर शुरुआती राउंड से ही दबदबा बनाना शुरू कर सकते हैं।
अगर वो इस तरह की पहल कर सकें और “द इम्मोर्टल” को हिट कर सकें तो 25 साल के फाइटर के पास तेज़ी से बढ़त हासिल करना का बढ़िया मौका होगा।
27 जीत में से 19 में नॉकआउट हासिल करने वाले मेन्शिकोव पहले से ही एक शानदार फिनिशर हैं। अगर उन्हें ज़रा सा भी मौका मिलता है तो वो उसे नहीं छोड़ेंगे। फिर भी अगर मैच आगे के राउंड तक खिंचता है तो इरसल जैसे विरोधी के सामने शुरुआती सफलता उनको एक मजबूत आधार देगी।
#2 इरसल की लंबी रेंज
आक्रामक वर्ल्ड चैंपियन किसी भी फाइटर को हराने में सक्षम हैं, लेकिन मेन्शिकोव के खतरनाक पंच के खिलाफ वो पहले चतुराई से उनको समझने की कोशिश करेंगे। इसके बाद बाहर से अपनी रेंज का पता लगाएंगे कि वो कहां से बेहतर हमले कर सकते हैं।
6 फीट और 2 इंच लंबे शरीर वाले इरसल को अपने लंबे हाथ-पैरों का फायदा मिलेगा। इनका अच्छे से इस्तेमाल करने के लिए उनके पास बहुत से हथियार मौजूद हैं।
सिर व शरीर पर सटीक जैब्स और ताकतवर लो किक्स “द इम्मोर्टल” को प्रतिद्वंदी की पहुंच से दूर हमले करने का मौका दे सकते हैं। इस तरह वो विरोधी को अच्छा-खासा नुकसान पहुंचाने की स्थिति में पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा मेन्शिकोव कभी-कभी चीजें जब उनके पक्ष में नहीं हो रही होती हैं तो वो ज्यादा आक्रामक शॉट्स लगाने लगते हैं। इरसल जैसे चालाक स्ट्राइकर जल्दबाजी में किए जाने वाले इन हमलों का भरपूर फायदा उठा सकते हैं।
#3 मेन्शिकोव की काउंटर करने के लिए घेरने की रणनीति
बिजली की रफ्तार से मेन्शिकोव अपने प्रतिद्वंदी को जोरदार काउंटर के साथ घेरने और हमले करने में ज़रा भी भयभीत नहीं होते।
Empire Club के प्रतिनिधि का गार्ड बहुत मजबूत है और वो मुक्कों को सहने की अपनी क्षमता पर पूरा भरोसा करते हैं। वो आगे की परवाह किए बगैर फाइट करते हैं। रूसी फाइटर प्रतिद्वंदी को तब तक हमले करने देते हैं, जब तक कि वो अति उत्साहित ना हो जाएं और गलतियां करना ना शुरू कर दें।
प्रतिद्वंदी जितने ज्यादा हमले करने की कोशिश करेंगे, उतना ही रूसी एथलीट को जवाब देने का मौका मिलता जाएगा। इसके बाद मेन्शिकोव की स्ट्राइकिंग की बारी आएगी और वो जल्दी खतरा भांपते हुए खतरनाक हुक्स और अपरकट्स लगाने की कोशिश करेंगे।
4-औंस ग्लव्स में इरसल जैसे बड़े हिटर के खिलाफ ये रणनीति उनके लिए महंगी साबित हो सकती है। हालांकि, चैलेंजर के पास अनुभव है और वो जानते हैं कि बड़े हमलों से बचने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए।
#4 इरसल के बीच-बीच में आने वाले नी और बॉडी शॉट्स
मेन्शिकोव के जोरदार प्रहारों और मुकाबला करने की रणनीति ने भले ही उन्हें पहले फायदा पहुंचाया हो, लेकिन अब उन्हें “द इम्मोर्टल” के रूप में सटीक हमले और बेहतरीन शॉट लगाने वाले प्रतिद्वंदी का सामना करना पड़ेगा।
हालांकि, जब कोई प्रतिद्वंदी हमलों की बारिश कर रहा हो तो पंच के जरिए जवाब देना बेहतर हो सकता है। इरसल के पास स्ट्राइक के ऐसे ढेरों तरीके हैं, जो अलग-अलग टारगेट पर निशाना साध सकते हैं।
मौजूदा किंग के बॉडी शॉट्स किसी भी प्रतिद्वंदी के जोश को खत्म कर सकते हैं। ऐसा ही कुछ अनुभव पिछली मार्च को अपने दूसरे वर्ल्ड टाइटल मुकाबले में सिंसामट क्लिनमी को भी हुआ था।
30 साल के एथलीट के पास नी अटैक हैं, जो मेन्शिकोव को मुकाबले के बीच में हर तरह से क्षति पहुंचा सकते हैं। फिर चाहे वो सिर को बचाने की कोशिश करें या फिर ठोड़ी में हमले सहें। इस तरह से वो अपनी जीत की राह को इन हमलों के जरिए आसान बना सकते हैं।
ऐसे में इरसल के प्रतिद्वंदियों को बचने की कोई जगह नहीं मिलती। ये चीजें उन्हें मुकाबले में बने रहने और वैसा ही प्रदर्शन करने का दबाव डालती हैं और आखिर में यही प्रतिद्वंदियों की पराजय का मुख्य कारण बन जाती हैं।