रीनियर डी रिडर का एक बेहतरीन एथलीट बनने तक का शानदार सफर
रीनियर “द डच नाइट” रिडर ने ONE Championship के मिडलवेट डिविजन में अभी तक तहलका मचाया हुआ है।
अब शुक्रवार, 30 अक्टूबर को ONE: INSIDE THE MATRIX में उन्हें 2-डिविजन ONE वर्ल्ड चैंपियन आंग ला “द बर्मीज़ पाइथन” न संग के खिलाफ ONE मिडलवेट वर्ल्ड टाइटल मैच मिला है।
डी रिडर का अभी तक का रिकॉर्ड 12-0, फिनिशिंग रेट 93% है और अभी तक अपने सभी प्रतिद्वंदियों को हराने में सफलता पाई है।
मार्शल आर्ट्स फैंस डच स्टार के सर्कल में प्रदर्शन को कई बार देख चुके हैं। लेकिन यहां आप उन बातों के बारे में जान सकते हैं, जिन्होंने उन्हें वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर बनाने में मदद की है।
बचपन का अच्छा सफर
डी रिडर के पिता टैक्सी चलाया करते थे और मां सरकारी कर्मचारी। नीदरलैंड्स में उनका बचपन काफी अच्छा गुजरा था।
30 वर्षीय स्टार ने कहा, “मैं एक नीदरलैंड्स में पला-बढ़ा एक पक्का डच हूं।”
“मेरा बचपन बहुत अच्छा गुजरा। मैं टिलबर्ग के थोड़ी दूर एक छोटे शहर में पला-बढ़ा और मेरे पास अपना करियर बनाने के लिए कई विकल्प खुले हुए थे।”
डी रिडर पढ़ाई में काफी अच्छे थे, लेकिन उन्हें क्लास का माहौल बिल्कुल भी पसंद नहीं आता था। इसका सीधा प्रभाव उनके व्यवहार पर पड़ने लगा, लेकिन इसी बीच वो एथलेटिक्स पर ज्यादा ध्यान लगाने लगे थे।
उन्होंने कहा, “खेलों में मेरा प्रदर्शन हमेशा अच्छा रहा, मेरी एथलेटिक क्षमता बहुत अच्छी थी। बचपन में ही मैंने जूडो सीखना शुरू कर दिया था और बाहर जाकर फुटबॉल भी खेला करता था।”
“मुझे ये भी अहसास हुआ कि अगर मुझे कोई चीज सिखाता तो मैं उस पर बहुत जल्दी पकड़ बना लेता था।”
मार्शल आर्ट्स के सफर की शुरुआत
डी रिडर ने 5 साल की उम्र में ही जूडो सीखना शुरू कर दिया था। लेकिन उन्हें मार्शल आर्ट्स में तब तक सफलता मिलनी शुरू नहीं हुई जब तक ये उनका जुनून नहीं बन गया।
उन्होंने कहा, “बचपन में मेरी किसी से लड़ाई नहीं होती थी और ना ही मुझे दूसरों के खिलाफ खुद को बचाने की जरूरत पड़ी। जूडो मेरा केवल एक शौक था, जिसे करना मुझे बहुत पसंद था।”
“जूडो में मैंने कुछ रीज़नल चैंपियनशिप जीतीं, लेकिन कोई बड़ा टाइटल नहीं जीत सका। समय बीतने के साथ जब ब्राजीलियन जिउ-जित्सु और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की तरफ मेरा ध्यान गया तो चीजें बदलना शुरू हुईं।”
BJJ उन्हें भविष्य में बहुत सफलता दिलाने वाला था, लेकिन जब 19 साल की उम्र में जब उन्हें BJJ के बारे में पहली बार पता चला तो ये उन्हें ज्यादा पसंद नहीं आया था।
डी रिडर ने अन्य खेलों में हाथ आजमाए, लेकिन इस बीच एक साथी ने उन्हें BJJ में जाने के लिए कहा, उन्होंने शुरू में ना जरूर कहा। लेकिन अंत में ये उनके जीवन के सबसे सही फैसलों में से एक साबित हुआ।
उन्होंने कहा, “आगे की पढ़ाई के लिए मैं ब्रेडा आ गया और वहां जूडो की ट्रेनिंग के लिए कोई दूसरा जिम ढूंढ रहा था। मुझे जूडो का जिम तो नहीं मिला लेकिन BJJ के बारे में जरूर पता चला।”
“शुरुआत में ये मुझे ज्यादा पसंद नहीं आया। मैंने वहां मौजूद सभी लोगों को पटखनी दी और इस चीज को देख वहां के ट्रेनर मेरे साथ दो-दो हाथ करने के इच्छुक नहीं थे।
“मैंने सोचा, ‘ये स्पोर्ट मेरे लिए नहीं है और बहुत आसान है।’ कुछ और करने की तलाश करते हुए मैंने रग्बी खेलनी शुरू की और साथ ही जूडो की ट्रेनिंग के लिए दूसरा जिम भी ढूंढ रहा था। कुछ समय बाद मेरे एक पार्टनर ने मुझे दूसरे जिम को जॉइन करने की सलाह दी।
“नए जिम में कदम रखते ही मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ। मुझे सभी से कड़ी टक्कर मिल रही थी। मेरा खुद आत्मविश्वास जरूर कम हुआ, लेकिन मैंने खुद के लिए एक नया लक्ष्य भी तैयार कर लिया था।”
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अकेले नए सफर पर निकले
जब डी रिडर 14 साल के थे तो उन्हें बेहद कठिन दौर से जूझना पड़ा क्योंकि उनके माता-पिता का तलाक हो चुका था।
हालांकि, उनके माता-पिता दोनों दूर रहकर भी अपने बेटे का ख्याल रख रहे थे। लेकिन डी रिडर को इससे बहुत परेशानी महसूस होने लगी थी।
उन्होंने कहा, “मैं 2 हफ्तों तक मां के साथ और 2 हफ्ते पिताजी के साथ रहता। मुझे इससे परेशानी होने लगी थी।”
“लगातार अपने सामान को इधर से उधर करने से मैं तंग आ चुका था। जीवन में स्थिरता जैसी कोई चीज नहीं बची थी।”
आगे की पढ़ाई के लिए ब्रेडा जाने के बाद डी रिडर को करियर बनाने के अवसर नजर आने लगे थे।
उन्होंने कहा, “मैं खुद का ख्याल खुद ही रखना चाहता था। मैंने 18 साल की उम्र में घर से दूर चला गया था।”
“इससे मुझे खुद के बारे में नई-नई चीजें जानने का अवसर मिला। मैं अब खुद पर निर्भर था और अकेले दम पर आगे बढ़ने से मुझे बहुत कुछ सीखने को भी मिला।”
एक सफल एथलीट बने
ब्रेडा में डी रिडर अपनी खुद की राह पर आगे बढ़ने लगे थे। जहां आगे चलकर वो एक अच्छे एथलीट, जिम के मालिक और फिजिकल थेरेपिस्ट भी बने। दूसरी ओर, साल 2013 में उन्होंने अपना मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स डेब्यू किया, जिसमें उन्हें अपार सफलता प्राप्त हुई।
उन्होंने कहा, “पहले कुछ मैच बेहद कड़े रहे।”
“मुझे पहले मैच से पूर्व बहुत घबराहट महसूस हो रही थी, लेकिन जैसे ही रेफरी ने मैच को शुरू किया, मेरे अंदर एक नई भावना उत्पन्न हो चुकी थी। मैंने केवल अपने प्रतिद्वंदी को बैकफुट पर धकेला, उन्हें पकड़ा और चोक लगाकर जीत प्राप्त की।
“उस समय मुझे बहुत जल्दबाज़ी महसूस हो रही थी। प्रोफेशनल लेवल पर अपनी स्किल्स का प्रदर्शन करना एक अलग ही अनुभव रहा।”
समय के साथ Combat Brothers टीम के स्टार ने जूडो और अपनी BJJ स्किल्स की मदद से अपनी भावनाओं पर काबू रखना सीख लिया था।
आत्मविश्वास बढ़ने के कारण भी उन्हें बड़े मैचों में जीत मिल रही थी। इस सफर में वो 2 बार के यूरोपियन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स चैंपियन भी बने।
ONE में आने से पूर्व उनका रिकॉर्ड 9-0 का हो चुका था, फिनिशिंग रेट 100% था और इसी शानदार प्रदर्शन की वजह से उन्हें ONE में जगह मिली।
ONE Championship का अभी तक का शानदार सफर
डी रिडर ने जनवरी 2019 में हुए ONE: HERO’S ASCENT में अपना प्रोमोशनल डेब्यू किया और फैन रोंग के खिलाफ सबमिशन से जीत दर्ज की थी।
शानदार अंदाज में ONE डेब्यू करने के बाद उन्होंने 5 महीने बाद हुए ONE: LEGENDARY QUEST में जिलबर्टो “जीबा” गल्वाओ को हराया।
“द डच नाइट” ने साबित कर दिया था कि सबमिशन गेम के अलावा उनके पास अच्छी स्ट्राइकिंग स्किल्स भी हैं और इसी की मदद से उन्हें ब्राजीलियाई स्टार के खिलाफ जीत मिली थी।
वहीं, इस साल फरवरी में हुए ONE: WARRIOR’S CODE में डी रिडर ने लिएंड्रो “वुल्फ़” अटाईडिस को सर्वसम्मत निर्णय से हराया। उसी जीत के बाद उन्हें आंग ला न संग के खिलाफ ONE मिडलवेट वर्ल्ड टाइटल मैच भी मिला।
डच स्टार “द बर्मीज़ पाइथन” को सबमिशन से हराने का प्लान तैयार कर चुके हैं, लेकिन ये मैच उनके अभी तक के करियर का सबसे कडा मुकाबला साबित होने वाला है।
अगर वो सबमिशन से आंग ला को हरा पाते हैं तो जाहिर तौर पर उनका नाम ONE Championship के इतिहास के सबसे महान मिडलवेट वर्ल्ड चैंपियंस में लिया जाने लगेगा।
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