रोमन क्रीकलिआ और इराज अज़ीज़पोर की पिछली 2 फाइट्स पर एक नजर
शनिवार, 19 नवंबर को ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियनशिप फाइनल में रोमन क्रीकलिआ और इराज अज़ीज़पोर लंबे समय से चली आ रही अपनी प्रतिद्वंदिता को समाप्त करना चाहेंगे।
दोनों अभी तक एक-दूसरे को 1-1 बार हरा चुके हैं, लेकिन अब जो ONE 163: Akimoto vs. Petchtanong के को-मेन इवेंट में जीत दर्ज करेगा, उसे ही इस प्रतिद्वंदिता में बढ़त मिल पाएगी।
इस ट्रायलॉजी बाउट को बुक होने में 4 साल लग गए। उनके अगले मैच से पहले आइए डालते हैं उनके पिछले मैचों पर एक नजर।
अज़ीज़पोर की 2018 में धमाकेदार जीत
उनकी पहली भिड़ंत फरवरी 2018 में Kunlun Fight 68 हेवीवेट टूर्नामेंट फाइनल में हुई थी।
उसी दिन उनका सेमीफाइनल मैच हुआ था। एक तरफ क्रीकलिआ को स्कोरकार्ड्स में बढ़त के आधार पर जीत मिली, वहीं अज़ीज़पोर ने हेड किक लगाकर दूसरे राउंड में स्टॉपेज से मैच जीता। हालांकि यूक्रेनियाई स्टार ने रिंग में ज्यादा समय बिताया, लेकिन उन्होंने ऐसे दिखाया जैसे उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।
क्रीकलिआ ने अपनी लंबी रीच (पहुंच) का फायदा उठाते हुए लॉन्ग स्ट्रेट लगाए, लेकिन अज़ीज़पोर ने जवाब में स्पिनिंग अटैक और खतरनाक पंचों को लैंड कराया। Gridin Gym के स्टार ने अपने विरोधी के करीब आकर नी स्ट्राइक्स लगाने का प्रयास किया, लेकिन अज़ीज़पोर ने अच्छी टाइमिंग के साथ स्वीप्स लगाकर उन्हें काउंटर किया।
3 राउंड्स तक दोनों लगभग बराबरी पर थे इसलिए परिणाम लाने के लिए उन्हें एक और राउंड तक फाइटिंग जारी रखनी पड़ी। हालांकि क्रीकलिआ के पंच क्लीन तरीके से लैंड हुए, लेकिन अज़ीज़पोर की आक्रामकता और स्वीप्स ने मैच में बड़ा अंतर पैदा किया।
जजों ने अज़ीज़पोर को बहुमत निर्णय से विजेता घोषित किया और अंत में हेवीवेट टूर्नामेंट बेल्ट अपने नाम की।
क्रीकलिआ ने 2019 में अपना बदला पूरा किया
एक साल बाद फरवरी 2019 में उनकी दोबारा भिड़ंत हुई और इस बार भी वो Kunlun Fight 80 हेवीवेट टूर्नामेंट में आमने-सामने थे।
क्रीकलिआ ने उसी दिन सेमीफाइनल में अपने विरोधी और मौजूदा ONE हेवीवेट स्टार राडे ओपाचिच को दूसरे राउंड में फिनिश किया था। वहीं अज़ीज़पोर को हेम मोरेस के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में हार मिली, लेकिन जब मोरेस फाइट करने में असमर्थ रहे, तब ईरानी एथलीट ने फाइनल में उन्हें रिप्लेस किया।
पिछली हार से सबक लेकर क्रीकलिआ ने शुरुआत में आक्रामक रुख अपनाते हुए पहले राउंड में अज़ीज़पोर को 2 बार नॉकडाउन किया और दूसरे राउंड में भी इसी रणनीति पर कायम रहे।
ईरानी एथलीट जानते थे कि जीत के लिए उन्हें आखिरी राउंड में फिनिश की जरूरत है। इसलिए उन्होंने खतरनाक तरीके से अपने प्रतिद्वंदी पर अटैक किया, लेकिन उनके प्रयास उन्हें जीत दिलाने में नाकाम रहे।
अंत में क्रीकलिआ ने सर्वसम्मत निर्णय से जीत प्राप्त कर अपना बदला पूरा किया और KLF हेवीवेट टूर्नामेंट चैंपियनशिप भी जीती।
ट्रायलॉजी बाउट में बहुत कुछ दांव पर लगा होगा
क्रीकलिआ मौजूदा ONE लाइट हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन हैं और प्रोमोशनल रिकॉर्ड 4-0 का है। उन्होंने ONE 161 में अपनी पिछली फाइट में ग्युटो इनोसेंटे को ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री के सेमीफाइनल में हराया।
दूसरी ओर, अज़ीज़पोर का ONE रिकॉर्ड 3-0 है और सेमीफाइनल में ब्रूनो चावेस पर बड़ी जीत दर्ज की थी। यानी दोनों फाइनलिस्ट्स ने ONE में अभी तक हार का स्वाद नहीं चखा है।
दोनों एथलीट्स प्रोमोशन के हेवीवेट डिविजन के सबसे उभरते हुए स्टार्स में खुद को शामिल करवा चुके हैं और अब टूर्नामेंट सिल्वर बेल्ट को अपनी उपलब्धियों से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।