अपार सफलता के बावजूद विनम्र हैं चिंगिज़ अलाज़ोव – ‘अपने परिवार और कोच को सम्मान दीजिए’
चाहे आप इसे किसी भी नजरिए से देखें लेकिन चिंगिज़ अलाज़ोव जीवन में ढेरों सफलता हासिल करने के बावजूद विनम्र बने रहते हैं।
इस साल की शुरुआत में ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियनशिप जीतने के बाद “चिंगा” के उपनाम से पहचाने जाने वाले एथलीट अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 30 सितंबर (भारत में शनिवार, 1 अक्टूबर) को होने वाले ONE Fight Night 2 में डिविजनल किंग सुपरबोन सिंघा माविन को खिताब के लिए चुनौती देने वाले हैं।
Gridin Gym के प्रतिनिधि के पास को-मेन इवेंट में होने वाली बाउट के तौर पर काफी बड़ा मौका है।
लेकिन अपने प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर से इतर अलाज़ोव एक प्रतिबद्ध पारिवारिक और सफल बिजनेस चलाने वाले व्यक्ति हैं, जो बेलारूस में 6 जिम चलाते हैं।
इन उपलब्धियों के चलते 29 साल के स्ट्राइकर अपने देश में कई सारे लोगों के आदर्श हैं। ऐसे में वो लोगों के प्रति खास विनम्रता रखते हैं, जो उनकी भरसक सराहना करते हैं।
“चिंगा” ने बताया:
“अपने देश बेलारूस में मुझे लोग हमेशा ही देखा करते हैं। वो मुझसे कहते हैं कि मैं एक सफल स्पोर्ट्स पर्सन हूं। लोग जब मेरे पास आकर ऐसा कहते हैं तो मैं विनम्र बना रहता हूं, उनके साथ अच्छा व्यवहार करता हूं। मुझे अड़ियल बनना अच्छा नहीं लगता है। ये कहना बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है कि मैं मशहूर चिंगिज़ अलाज़ोव हूं।
“मुझे लोगों से बात करना अच्छा लगता है। अगर लोगों को मुझसे मदद की जरूरत होती है तो मैं उनकी मदद करता हूं। जिम में भी ऐसे ही चीजें होती हैं। अगर वहां लोगों को किसी चीज की जरूरत होती है तो मैं उनकी मदद करता हूं। ये एक सामान्य और अच्छी बात है।”
अलाज़ोव को पता है कि युवा उनके नक्शेकदम पर चलने की कोशिश करेंगे इसलिए वो दुनिया के सामने सही उदाहरण पेश करने में पूरी सावधानी बरतते हैं।
बेलारूस के एक स्पोर्टिंग स्टार के तौर पर उनकी पहुंच ग्लोबल स्टेज पर लगातार अपनी सफलता की वजह से बढ़ ही रही है। वो ये दिखाना चाहते हैं कि अच्छा इंसान बनना ही असली लक्ष्य है।
फेदरवेट एथलीट ने कहा:
“प्रतिष्ठा मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। अच्छी प्रतिष्ठा होना सबसे आवश्यक है। अगर आपकी प्रतिष्ठा अच्छी नहीं होगी तो लोग कहेंगे कि आप अच्छे व्यक्ति नहीं हैं इसलिए मैं अपनी प्रतिष्ठा का पूरा ध्यान रखता हूं।”
अगली पीढ़ी को दी चिंगिज़ अलाज़ोव ने सलाह – ‘सड़क पर नहीं रिंग में आकर लड़ो’
ऐसे कई कारण हैं, जिसके चलते आप चिंगिज़ अलाज़ोव की सराहना कर सकते हैं, लेकिन किकबॉक्सिंग में उनकी सफलता ऐसी है, जिसको बेलारूस में बड़ी संख्या में युवा हासिल करने की उम्मीद करते हैं।
इन चीजों को ध्यान में रखते हुए होने वाले मुकाबले में ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर कुछ सामान्य सी सलाह देना चाहते हैं और ये पूरी तरह से सम्मान से जुड़ी हुई हैं।
Gridin Gym के प्रतिनिधि ने कहा:
“कई सारे बच्चे ऐसे हैं, जो मुझसे ये कहते हैं कि वो मेरे जैसा ही कुछ करना चाहते हैं। वो मुझसे पूछते हैं कि मेरे जैसा किस तरह से बना जा सकता है। मैं उनसे कहता हूं कि समझदारी से अपना जीवन जिएं। मैं उनसे कहता हूं कि ध्यान लगाओ क्योंकि ट्रेनिंग पर आप जितना ज्यादा समय अभी देंगे, भविष्य में उतने ही बड़े मुकाबले जीतने में ये आपकी मदद करेगा।
“मैं युवा फाइटर्स को बोलता हूं कि अगर आपके कोच 100 किक्स मारने को कहें तो आप केवल 100 किक्स ही ना मारें बल्कि आप 110 या 120 किक्स मारें। आप जितनी ज्यादा मेहनत करेंगे, भविष्य में आपको इससे उतनी ही मदद मिलेगी।
“मैं उनसे अपने परिवार और कोच का सम्मान करने को कहता हूं क्योंकि हो सकता है कि इससे भविष्य में आपका जीवन बहुत बड़ा बन जाए।
अलाज़ोव का जन्म अज़रबैजान में हुआ था, लेकिन जब वो केवल 9 महीने के थे, तब बेलारूस आ गए थे। अब वहां के कई युवा उन्हें अपने आदर्श के तौर पर देखते हैं।
उनमें से कुछ प्रतिभाशाली फाइटर्स हैं और “चिंगा” रिंग में उनके सपनों को पूरा करने में मदद करना चाहते हैं।
इसके साथ ही उनका मानना है कि अपनी चीजों के लिए प्रतिबद्धता और बुरी चीजों से दूर रहकर आप काफी बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं।
उन्होंने बताया:
“मेरे जिम में अज़रबैजान के काफी सारे युवा फाइटर्स हैं। मैं उन्हें अपना छोटा भाई बुलाता हूं। मैं उनसे हमेशा कहता रहता हूं कि सिर्फ और सिर्फ अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान लगाओ।
“सड़क पर लड़ाई मत करो। अगर फाइट ही करना चाहते हो तो रिंग में करो। धूम्रपान और बाकी लतों में मत फंसो। मैं आपको बता दूं कि मैं एक मुसलमान हूं और मैं भी इन्हीं नियमों को मानता हूं।”