राडे ओपाचिच ने अपना पूरा जीवन किकबॉक्सिंग को समर्पित किया है
सर्बियाई स्टार राडे ओपाचिच ने ग्लोबल स्टेज पर 2 शानदार नॉकआउट जीत दर्ज कर ONE Super Series में अपने देश को नई पहचान दिलाई है।
23 वर्षीय स्ट्राइकर अब “ONE on TNT I” में पैट्रिक “बिग स्विस” श्मिड को हराकर अपनी लगातार तीसरी जीत दर्ज कर सबसे पहले ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन बनने के करीब पहुंचना चाहेंगे।
गुरुवार, 8 अप्रैल को यूएस प्राइम टाइम पर ओपाचिच के मैच से पहले यहां जानिए उनके ONE में आने तक के शानदार सफर के बारे में।
‘मुझमें ऊर्जा की कोई कमी नहीं थी’
ओपाचिच का जन्म साल 1997 में सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में हुआ और ज़ेमुन नाम के जिले में पले-बढ़े। उनके परिवार में उनके पिता ज्यूरो, मां राडमिला और बड़े भाई इलीजा हैं।
उन्होंने कहा, “मेरे पिता बहुत ताकतवर हैं, मुझसे लंबे भी हैं और मुझे भी ताकत उन्हीं से मिली है।”
“वो एक ड्राइवर हैं और अधिकांश समय यूरोप में ही रहते हैं। ज्यादा समय हमसे दूर ही रहते और महीने में कुछ दिन के लिए ही वापस आते इसलिए मेरा बचपन मां और भाई के साथ ही गुजरा।
“हम हमेशा संपर्क में रहे और जरूरत पड़ने पर हमेशा मेरे पास रहे, लेकिन साथ ही वो बहुत मेहनत भी कर रहे थे इसलिए मुझे इस तरह की स्थिति को आदत पड़ चुकी थी। कभी-कभी मुझे अपने फैसले खुद ही लेने पड़ते, जिससे मेरी समझ भी बढ़ी।”
मेरा बचपन सर्बिया के अन्य बच्चों की तरह ही गुजरा। उनमें एनर्जी की कोई कमी नहीं थी, लेकिन इसका वो फायदा नहीं उठा पा रहे थे।
उन्होंने कहा, “सर्बिया में मैं अपने दोस्तों के साथ समय बिताता। अन्य बच्चों की तरह ही मौज-मस्ती करते थे। कभी-कभी बहुत अजीब सी चीजें भी करते थे।”
“मुझमें एनर्जी की कोई कमी नहीं थी और मैं जानता था कि सड़कों पर घूमने से बेहतर होगा कि मैं खेलों में हिस्सा लूं। मैंने बास्केटबॉल और फुटबॉल खेलना शुरू किया क्योंकि अन्य बच्चे भी ऐसा ही कर रहे थे।
“10 साल की उम्र में मैंने टायक्वोंडो सीखना शुरू किया। मैं किक लगाना सीख रहा था, मैं अच्छा कर रहा था, लेकिन इस काम में मेरा दिल नहीं लग रहा था।”
मार्शल आर्ट्स करियर की शुरुआत हुई
जब ओपाचिच 14 साल के थे, उनके पिता को कनाडा से जॉब ऑफर आया। वो ऑफर को स्वीकार कर परिवार के साथ 2 साल के लिए उत्तर अमेरिका में शिफ्ट हो गए।
ओपाचिच ने टायक्वोंडो की ट्रेनिंग जारी रखी, लेकिन उनका दिल अभी भी इसमें नहीं था। उसके बाद उन्हें किकबॉक्सिंग के बारे में पता चला।
किकबॉक्सिंग से उन्हें जल्द ही लगाव होने लगा। अब उन्हें अहसास होने लगा था कि वो किकबॉक्सिंग के लिए ही बने हैं।
उन्होंने बताया, “मैं K-1 के शोज़ और लोगों को फाइट करते देखता था और मैं भी वैसा ही करना चाहता था।”
“पहले ही ट्रेनिंग सेशन से मुझे इस खेल से लगाव होने लगा। मैं अभी भी युवा ही था, लेकिन इस खेल के प्रति बहुत गंभीर था।”
इस खेल ने बेलग्रेड निवासी एथलीट पर गहरा प्रभाव छोटा और ट्रेनिंग शुरू करने के कुछ महीने बाद ही उन्हें पहला मैच मिला। 15 साल की उम्र में उनका सामना खुद से उम्र में कहीं बड़े एथलीट से हुआ।
ओपाचिच ने कहा, “मुझे याद है मेरे पहले प्रतिद्वंदी मुझसे उम्र में काफी बड़े थे। थाई बॉक्सिंग नियमों के तहत हुआ, लेकिन एल्बोज़ का इस्तेमाल वर्जित था। वो एक प्रदर्शनी फाइट थी इसलिए किसी को विजेता घोषित नहीं किया गया लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से खुश था।”
ओपाचिच के अंदर एक जुनून पैदा हो चुका था और सफलता प्राप्त करने से अब उन्हें कोई नहीं रोक सकता था।
उन्होंने कहा, “सर्बिया वापस आने के बाद मैंने Kik Boks Klub Sindjelić (KBKS) को जॉइन किया। मेरे दोस्त लड़कियों के साथ घूमते, लेकिन मैं अलग राह पर निकल पड़ा था।”
“एमेच्योर लेवल की फाइट्स मिलनी शुरू हुईं। उस समय मैं नेशनल चैंपियन बना, बाल्कन क्षेत्र का चैंपियन बना, यूरोपियन और वर्ल्ड चैंपियन भी बना।
“मैंने सोचा भविष्य में जो होगा देखा जाएगा, इसी मानसिकता के साथ सभी चुनौतियों को स्वीकार किया। मैं अपने करियर को लेकर प्रतिबद्ध था।”
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बड़ी चुनौतियों पर विजय प्राप्त की
ओपाचिच केवल 23 साल की उम्र में ग्लोबल स्टेज पर पहुंच चुके हैं, हालांकि उनका करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन इस दौर से सभी मार्शल आर्टिस्ट्स को गुजरना होता है।
लेकिन एक अच्छा फाइटर वही होता है जो चुनौतियों से पीछे ना हटे और ओपाचिच भी यही करते आए हैं।
उन्होंने कहा, खेल करियर में बाधाएं आएंगी लेकिन हमें आगे बढ़ते रहना है। मुझे हार मिली, लेकिन उनसे सबक लेते हुए मैंने अपनी कमजोरियों पर काम किया और काफी सुधार भी किया।”
“साल 2019 में मैंने Enfusion 4-मैन हेवीवेट टूर्नामेंट जीता। ये फाइनल टूर्नामेंट के लिए क्वालिफ़िकेशन प्रोसेस था। मैं फाइनल में पहुंचा, लेकिन उसमें मुझे हार मिली थी।
“उसके बाद COVID-19 महामारी शुरू हुई, इसलिए ONE में आने से पहले तक मुझे कोई मैच नहीं मिला।”
एक हार और लंबे ब्रेक के बाद ओपाचिच को अपने करियर का अभी तक का सबसे बड़ा मैच मिला, जहां उनका सामना डच सुपरस्टार एरोल “द बोनक्रशर” ज़िमरमैन से हुआ।
KBKS टीम के स्टार इस ऑफर को ठुकरा कर कोई आसान रास्ता चुन सकते थे, इसके बावजूद उन्होंने फाइट को स्वीकार किया और ONE: BIG BANG II में शानदार प्रदर्शन करते हुए नॉकआउट जीत प्राप्त की।
ओपाचिच ने कहा, “ये थोड़ी अजीब स्थिति थी, क्योंकि हम एक-दूसरे के अच्छे दोस्त हैं, लेकिन सर्कल में उतरने के बाद कोई दोस्ती काम नहीं आती। हम फाइट खत्म होने के बाद भी अच्छे दोस्त बने रह सकते हैं।”
“एरोल कई टॉप लेवल के एथलीट्स के खिलाफ जीत दर्ज कर चुके थे, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा था। मैंने खुद से कहा, ‘मैं यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने आया हूं,’ और मैंने ऐसा ही किया। उस नॉकआउट जीत के बाद लोग मुझे पहचानने लगे हैं।
“उस हार ने मुझे और भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी और मुझे मानसिक मजबूती भी प्रदान की।”
ONE वर्ल्ड चैंपियन बनना है सपना
ज़िमरमैन को नॉकआउट करने के बाद ONE: UNBREAKABLE में ओपाचिच ने ब्रूनो सुसानो के खिलाफ भी जीत दर्ज की। अब उनका रिकॉर्ड 2-0 है और ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग डिविजन के सबसे उभरते हुए स्टार्स में से एक हैं।
अगले मैच में उनका सामना स्विस स्टार श्मिड से होगा। ये ओपाचिच के लिए कठिन चुनौती होगी, लेकिन कठिनाइयों को पार करते हुए ही वो अपने सपने को पूरा कर पाएंगे।
अगर उन्हें “बिग स्विस” पर जीत मिली, तो वो सबसे पहले ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच में जगह बनाने से ज्यादा दूर नहीं रह जाएंगे।
उन्होंने कहा, “मैं ONE में आकर बहुत खुश हूं और दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स प्रोमोशन का हिस्सा बनकर बहुत उत्साहित महसूस कर रहा हूं।”
“फिलहाल मेरा प्लान 8 अप्रैल को जीत दर्ज करना है, लेकिन भविष्य का प्लान ONE हेवीवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन बनना है।
“मैं इस खेल के प्रति प्रतिबद्ध रहा हूं इसलिए मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दूंगा।”
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