कैसे बहनों की कामयाबी से प्रेरित होकर ऋतु फोगाट ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में सफलता की ओर बढ़ाए कदम
पिछले साल डेब्यू मैच में जीतने के बाद ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट ONE Championship में अपने दूसरे मुकाबले की तैयारी में पूरी तरह से जुटी हुई हैं।
शुक्रवार, 28 फरवरी को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में होने वाले ONE: KING OF THE JUNGLE में ऋतु फोगाट का सामना एटमवेट डिविजन में चीनी ताइपे की वू चाओ चेन से होने वाला है।
इस मैच से पहले ऋतु ने अपनी बहनों के साथ रिश्ते, उनसे मिली प्रेरणा और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के फैसले पर उनकी राय के बारे में बात की।
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फोगाट बहनों का नाम आज देश में किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है। नेशनल-इंटरनेशनल लेवल पर कामयाबी और दंगल फिल्म की वजह से फोगाट परिवार का नाम देशभर में जाना और पहचाना जाता है।
सभी छह फोगाट बहनों को महावीर सिंह फोगाट ने ही ट्रेनिंंग दी है। गीता, बबीता, ऋतु और संगीता- महावीर सिंह फोगाट की चार बेटियां हैं, जबकि प्रियंका और विनेश उनके स्वर्गीय भाई की बेटियां हैं। भाई के गुजर जाने के बाद महावीर फोगाट ने ही उनको रेसलिंग से रूबरू करवाया।
रेसलिंग की वजह से ऋतु ने अपना ज्यादातर समय बहनों के साथ ही बिताया है। इस वजह से उनका सभी बहनों के साथ बहुत ही गहरा रिश्ता बन गया।
उन्होंने कहा, “नेशनल कैम्प और ट्रेनिंग की वजह से घर से दूर रहना पड़ता था। इस वजह से मम्मी-पापा से भी ज्यादा बहनों के साथ रही हूं।”
बड़ी बहनों की कामयाबी और अनुभव की वजह से ऋतु को काफी कुछ सीखने को मिला। हालांकि, बहुत बार उन्हें डांट भी खानी पड़ती थी।
ऋतु ने बताया, “बहनों के साथ बहुत ही अच्छी बॉन्डिंग रही, वो डांटती भी थीं। तब बुरा भी लगता था और अच्छा भी कि वो हमारे भले के लिए कह रही हैं।”
“द इंडियन टाइग्रेस” पिछले साल से सिंगापुर की Evolve MMA में ट्रेनिंग कर रही हैं। घर से दूर दूसरे देश में अकेले रह रहीं फोगाट ने कहा कि वो सिंगापुर आने के बाद अपनी बहनों को ही सबसे ज्यादा मिस करती हैं।
बहनों के साथ ट्रेनिंग की शुरुआत
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ऋतु फोगाट को अपनी बहनों के साथ ही ट्रेनिंग करनी पड़ती थी। बहनों के साथ ही उन्हें सुबह-सुबह दौड़ लगानी पड़ती थी। हालांकि, शुरुआत में बड़ी बहनों के मुकाबले उनकी ट्रेनिंग ज्यादा कड़ी नहीं थी।
उन्होंने बताया, “मैं जब 7-8 साल की थी, तब से मेरे पापा ने मुझे बहनों के साथ ट्रेनिंग देना शुरु कर दिया था।”
ऋतु बचपन में काफी शरारती थीं। इतनी कड़ी ट्रेनिंग के दौरान भी वो मस्ती करने से नहीं चूकती थीं और वो किसी न किसी तरह बहनों को तंग करने के रास्ते ढूंढ़ लेती थीं।
ऐसी ही एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैं बहुत शैतान थी। कभी-कभी पापा बहनों को दंड़ लगाने (उठ्ठक-बैठक) के लिए बोलते थे, तो मुझे उनकी गिनती में लगा दिया करते थे। जब पापा कुछ समय के लिए बाहर चले जाते, तो वो चीटिंग कर देती थीं। बाद में पापा को बता देती थी कि इन्होंने चीटिंग की है।”
बाद में इस शरारत का खामियाजा उन्हें उठाना पड़ता था। ऋतु ने कहा कि फिर ट्रेनिंग खत्म होने के बाद मुझे गीता और बबीता से बातें सुनने को मिलती थीं।
गीता-बबीता की कामयाबी बनी प्रेरणा
बड़ी बहनों गीता और बबीता ने सामाजिक बंदिशों को तोड़कर अपना नाम बनाना शुरु कर दिया था। आए दिन उनके नाम अखबारों में आ जाते थे। बहनों की कामयाबी ने फोगाट के अंदर अच्छा करने की ज्वाला जगाई।
25 वर्षीय स्टार ने बताया, “जब बड़ी बहनों के नाम अखबारों में आते थे, तो मुझे भी यही लगता था कि उनकी तरह ही बनना है। मैं भी चाहती थी कि मेरा नाम भी अखबारों और मीडिया में आए। मुझे अपनी बहनों से ही प्रेरणा मिली है।”
इसी प्रेरणा के साथ आगे बढ़ते हुए उन्होंने कई बार नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप अपने नाम की। उन्होंने 2016 में कॉमनवेल्थ रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, अंडर-23 रेसलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम किए।
उनके छोटे भाई-बहन भी रेसलिंग से जुड़े हुए हैं और वो भी लगातार कामयाबी हासिल कर रहे हैं।
कई बार की नेशनल चैंपियन ने कहा, “मेरी छोटी बहन संगीता और छोटा भाई दुष्यंत हैं, दोनों ही रेसलिंग करते हैं। दुष्यंत ने अभी खेलो इंडिया गेम्स और कैडेट जूनियर नेशनल्स में मेडल जीते हैं। मेरी बहन फिलहाल चोट से उबर रही हैं और वो जल्द वापसी करेंगी।”
रेसलिंग से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के सफर में मिला बहनों का साथ
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पिछले साल फोगाट द्वारा रेसलिंग छोड़कर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने की खबर ने खेल प्रेमियों को हैरानी में डाल दिया था क्योंकि वो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थीं और उन्हें टोक्यो ओलंपिक के मेडल दावेदारों में से एक माना जा रहा था। हालांकि, बहनों ने इस नए सफर में उनका पूरी तरह से साथ दिया।
उन्होंने बताया, “सभी ने रेसलिंग से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने के फैसले पर मेरा पूरा साथ दिया।”
“उन्होंने देखा कि इस खेल में मेरी काफी दिलचस्पी है, तो उन्होंने कभी मना नहीं किया और पूरा सपोर्ट दिया। गीता शुरु में थोड़ी नर्वस थीं लेकिन उन्हें मुझपर पूरा भरोसा था कि मैं जो भी करूंगी, मन लगाकर करूंगी।”
“द इंडियन टाइग्रेस” ने पिछले साल नवंबर महीने में डेब्यू करते हुए शानदार जीत हासिल की। इस जीत ने बाकी बहनों की मार्शल आर्ट्स में रूचि में इजाफा किया है।
ऋतु ने बताया, “मेरी पहली बाउट के बाद बहनों को इस खेल में काफी मजा आने लगा है।”
“उन लोगों को थोड़ी चिंता रहती है कि मैच में कहीं मुझे चोट ना लग जाए। लेकिन मुझे पता है कि वो मेरे मैच के टाइम जोर-जोर से ‘चल ऋतु चल’ चिल्लाते हुए मिलेंगी, बिल्कुल हमारे रेसलिंग मैच की तरह ही।”
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