अगली पीढ़ी की फीमेल फाइटर्स को प्रोत्साहित करना चाहती हैं ऋतु फोगाट
ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट एक ही समय पर दो लक्ष्य हासिल करना चाहती हैं।
पहले वो दुनिया की बेस्ट विमेंस एटमवेट मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनना चाहती हैं। उनका दूसरा लक्ष्य भारत में युवा लड़कियों को उनके सपनों की ओर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित करना है।
#4 रैंक की एटमवेट कंटेंडर का सामना शुक्रवार, 29 अक्टूबर को ONE: NEXTGEN में ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री के सेमीफाइनल में #5 रैंक की स्ट्रॉवेट कंटेंडर जेनेलिन ओलसिम से होगा।
अगर फोगाट को जीत मिली तो वो ना केवल स्टैम्प फेयरटेक्स और जूली मेज़ाबार्बा मैच की विजेता के साथ फाइनल में पहुंच जाएंगी, बल्कि उनके दूसरे सपने को भी उड़ान मिलेगी।
भारत में बड़ा बदलाव लाने के लिए कर रही हैं फाइट
2019 में भारतीय रेसलिंग चैंपियन ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में कदम रखा। फोगाट तभी से ये साबित करती आई हैं कि अगली पीढ़ी के युवा भी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहकर अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “इस खेल में लोग लड़कियों को ज्यादा महत्व नहीं देते।”
“मैं लड़कियों को किसी भी क्षेत्र में आजादी से काम करते हुए देखना चाहती हूं। मुझे भी बहुत युवा परफॉर्म करते हुए देख रहे होते हैं इसलिए मैं हमेशा अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं। अपने प्रदर्शन के जरिए मैं उन्हें भी प्रेरित कर सकती हूं।”
ONE Championship में अपने अभी तक के प्रदर्शन से फोगाट ने सभी को प्रभावित किया है। केवल 2 साल के अंतराल में वो एक नई एथलीट से लेकर एटमवेट डिविजन की टॉप कंटेंडर्स में से एक बनने तक का सफर तय कर चुकी हैं।
हर एक जीत के बाद उनका फैनबेस बढ़ा है, जिससे उनकी बात अब ज्यादा लोगों तक पहुंच पाएगी। मगर कभी-कभी हार आपको सबसे बड़ा सबक सिखाकर जाती है।
हार से सबक सीखा
फोगाट को हाल ही में अहसास हुआ था कि जीवन में चीज़ें हर बार उनके मुताबिक नहीं होंगी।
इसी साल मई में बी “किलर बी” गुयेन ने उन्हें विभाजित निर्णय से हराकर ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री से बाहर कर दिया था। मगर फाइट बेहद करीबी रही इसलिए फोगाट को ग्रां प्री में जगह बनाने का दूसरा मौका दिया गया।
ये मौका उन्हें ONE: BATTLEGROUND में “MMA सिस्टर” लिन हेचीन के खिलाफ मिला। उस फाइट में हार के दौर को भुलाते हुए खुद को याद दिलाया कि वो अपने परिवार से दूर क्या लक्ष्य हासिल करने यहां आई हैं।
उन्होंने कहा, “युवा अब MMA में अपना करियर बनाने की इच्छा जताने लगे हैं। मैं उन्हें इस खेल में आने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं। मेरे कंधों पर उन्हें प्रोत्साहित करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मैं कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता के दम पर इस जिम्मेदारी को अच्छे से निभाऊंगी।”
उनका सोचने का तरीका काम आया क्योंकि फोगाट ने शुरुआत से ही लिन पर दबाव बनाते हुए सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की। इस जीत के साथ उनकी ग्रां प्री में वापसी हुई।
मगर काफी लोगों का मानना था कि फोगाट की टूर्नामेंट में वापसी नहीं होनी चाहिए थी।
उनका कहना था कि फोगाट अभी नई हैं और उनकी स्किल्स भी सीमित हैं। फोगाट की ये कहकर आलोचना की जा रही थी कि उनका रिकॉर्ड अभी केवल 5-1 है और वो क्वार्टरफाइनल से भी आगे नहीं जा पाएंगी।
मगर फोगाट ने क्वार्टरफाइनल को जीत अपने आलोचकों का मुंह बंद किया।
‘चाइनीज़ किलर’
ONE: EMPOWER में “द इंडियन टाइग्रेस” ने #2 रैंक की एटमवेट कंटेंडर मेंग बो को मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया था।
इस फाइट में कई एक्सपर्ट्स ने मेंग की जीत की उम्मीद जताई थी। चीनी सुपरस्टार 7 मैचों की विनिंग स्ट्रीक पर चल रही थीं और फोगाट से करीब 4 गुना ज्यादा अनुभव हासिल था।
पहले राउंड में मेंग ने भारतीय एथलीट को नॉकआउट और उसके बाद सबमिशन से करीब-करीब हरा ही दिया था।
मगर “द इंडियन टाइग्रेस” किसी तरह उन अटैक्स से बचते हुए दूसरे राउंड में प्रवेश करने में सफल रहीं।
अगले 2 राउंड्स में उन्होंने मेंग को बढ़त बनाने का मौका ही नहीं दिया और फोगाट की उस वापसी की खूब सराहना की गई। ये उनकी चीनी एथलीट्स के खिलाफ तीसरी जीत रही, जिससे उन्हें “द चाइनीज़ किलर” नाम भी दिया गया है।
फोगाट को उस जीत के बाद काफी सम्मान मिला, एटमवेट रैंकिंग्स में जगह बनाई और सेमीफाइनल में भी प्रवेश पाया। मगर उनकी इस जीत ने ये भी साबित किया कि वो युवा जनरेशन को राह दिखाने के लिए कितनी प्रतिबद्ध हैं।
फोगाट ने कहा, “अगर आप जीत के लिए प्रतिबद्ध हैं तो जीत आपको जरूर मिलेगी। मैं रोज कड़ी मेहनत करती हूं और हर बार अपना बेस्ट देने की कोशिश करती हूं। इसी तरह के कठिन परिश्रम से मुझे आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है।”
एटमवेट डिविजन में अपने बढ़ते स्तर के बावजूद भारतीय स्टार ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहतीं क्योंकि वो जानती हैं कि आगे चलकर उन्हें और भी ज्यादा मेहनत करनी है।
उन्होंने कहा, “मैं खुद को अभी दुनिया की टॉप फाइटर्स में से एक नहीं मानती, लेकिन जिस दिन चैंपियन बन जाऊंगी, उस दिन जरूर बेस्ट कहलाऊंगी। मैं डिविजन में सभी टॉप कंटेंडर्स को हराना चाहती हूं और ऐसा करने के बाद ही मैं खुद की नजरों में सर्वश्रेष्ठ बन पाऊंगी।”
जेनेलिन ओलसिम से होगी टक्कर
फोगाट की अगली चुनौती ओलसिम से पार पाना है। फिलीपीना स्ट्राइकर अभी #5 रैंक की विमेंस स्ट्रॉवेट कंटेंडर हैं, जो उन्हें एटमवेट एथलीट्स के लिए बड़ा खतरा साबित करती है।
ओलसिम ने ONE Championship में अभी तक अपने दोनों मैच जीते हैं और उनका रिकॉर्ड अभी 5-2 का है। उन्होंने इसी साल मार्च में माइरा मज़ार को गिलोटीन चोक लगाकर फिनिश किया और उसके 5 महीने बाद गुयेन को सर्वसम्मत निर्णय से मात दी।
बढ़ते कॉम्पिटिशन लेवल के बावजूद फोगाट ने अपनी अगली विरोधियों को सचेत किया है कि वो जीत दर्ज करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरित कर सकें।
मगर केवल फोगाट ही दूसरों को प्रेरित कर रही हैं, ऐसा कहना गलत होगा। मेंग के खिलाफ उनकी जीत की तारीफ हुई थी।
ONE एटमवेट वर्ल्ड चैंपियन “अनस्टॉपेबल” एंजेला ली ने फोगाट की तारीफ की। उनका सामना फोगाट से तभी हो सकता है जब भारतीय स्टार ग्रां प्री को जीतें। वहीं “द इंडियन टाइग्रेस” ने मौजूदा चैंपियन की बातों को अपने लिए प्रेरणा का स्रोत माना है।
फोगाट ने कहा, “चैंपियन से तारीफ सुनने से बहुत खुशी मिली और इससे मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन भी मिला है।”
सपनों को पूरा करने की ओर आगे बढ़ रहीं
ONE सर्कल में परिणाम आना आसान होता है, लेकिन आपको जीत या हार उस आधार पर मिलती है कि आप सर्कल में कितनी अच्छी फाइट करते हैं।
मगर हार और जीत का फाइटर्स के जीवन पर गहरा असर पड़ता है। यही हार और जीत एथलीट्स की रात की नींद खराब कर देती है, यही उनसे जिम में कड़ी मेहनत करवाती है।
हालांकि इस शुक्रवार फोगाट की जीत की कोई गारंटी नहीं है, लेकिन भारतीय स्टार ने उन लड़कियों से एक वादा जरूर किया जो उन्हें ओलसिम के खिलाफ फाइट करते देख रही होंगी।
उन्होंने कहा, “अगर आप शिद्दत से किसी चीज़ को पाना चाहते हैं तो वो आपको जरूर मिलेगी। सपने रातों-रात पूरे नहीं होते। मैं 4 साल से मेहनत कर रही हूं और अभी तक अपने सपने को पूरा नहीं कर पाई हूं।”
“केवल दृढ़ता के बलबूते ही आपके सपने पूरे हो पाएंगे।”
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