परिश्रम का महत्व बताने के लिए माता-पिता के आभारी हैं रोडटंग
अपने परिश्रमी माँ-बाप के त्याग और उनसे सीखी पाठ के बिना रोडटंग जितमुवांगनों मर्शियल आर्ट्स में इतना मशहूर करियर बना नहीं सकता।
रोडटंग, जो की २१ साल की है और अभी ONE फ्लाईवाइट् मुवा थाई विश्व खिताब के लिए लड़ेगा जोनाथन हग्गेर्टी से, दक्षिण थाईलैंड का फटथलुङ्ग प्रोविंस में एक छोटी सी गांव में निर्धनता में पैदा हुआ था।
उनके बड़े परिवार का खाना और पैसा इक्कट्ठा करने के लिए अपने माँ-बाप के कठिन मेहनत हर दिन वो देखते थे।
“हम बच्चों के कमी निभाने के लिए कुछ भी करते थे मेरा माता-पिता। सुबह जल्दी निकलते थे और रात को देर आते थे,” रोडटंग ने कहा।
“मेरा पिताजी निर्माण में काम करते थे , कभी कभी रबर टॉप करते थे। माँ बर्तन धोती थी और मछली पकड़ती थी।
“हमें रात का खाना खिलाने के लिए दिन भर काम करते थे मेरे माथा-पिता।”
रोडटंग का ९ भाई-बहन थे और कभी कभी बड़े बच्चे छोटों की देखभाल करते थे जब माँ-बाप काम पे है थो। रोडटंग उनमे से ८-वा बच्चा था।
“उन्होंने हमें आत्म-निर्भरता सिखाया। अगर घर में खाना नहीं थो हमें जाके मछली पकड़के आना था,” रोडटंग बोला।
रोडटंग का मुवा थाई से मुलाकात हुआ, जब वो ८ साल का था। मुवा थाई से तुरंत प्रेम हुआ उसको और अपने परिवार को पैसा दिलाने का एक मौका भी था।
प्रशिक्षण काफी कठिन था पहले और उतना पैसा भी नहीं आ रहा था। लेकिन अपने प्रदेश में उसका नाम बड़ा और धीरे धीरे फिर बैंकाक में भी। पैसा भी बड़ा और अपने माँ के लिए वो एक घर ही खरीद लिया। लेकिन अब तक उसकी माँ उसका एक भी मैच नहीं देखि।
“वो मुझे सहारा देते है लेकिन उनके मुवा थाई से कोई सम्बन्ध नहीं है। मुझे लड़के नहीं देखना चाहती माँ ,” रोडटंग बोला।
“मुवा थाई से मै समझ गया की मै बस अपना नहीं पर पूरा परिवार को संभाल सकता हूँ।”
थाईलैंड का नेशनल खेल बहुत प्रतिस्पर्धात्मक होता है और युवा खिलाड़ियों को जान लगाना पड़ता है उन्नति के लिए। लेकिन जो कठिन परिश्रम करते हैं , उनको बड़े प्रतिफल मिलते हैं।
कई साल की कठिन मेहनत के बाद ही उत्तर बैंकाक का मशहूर जितमुवाँगनॉन जिम में रोडटंग का स्वीकृति हुआ था। फिर, बड़े विपत्तियों को पार करके रोडटंग विश्व चैंपियन बना २५६-४१-१० का अविश्वसनीय रेकॉर्ड से।
इस सैर में कभी भी रोडटंग कोई शिकायत किया नहीं या अपने पूरा योगदान नहीं दिया।
“मेरा माँ-बाप मुझसे बडा मेहनती लोग थे। जान लगाके लड़ना मेरा माँ ने मुझे सिखाया। मेरा ज़िन्दगी उनकी ज़िन्दगी से बहुत आसान रहा है और इसीलिए कभी भी एक लड़ाई में मैं हार नहीं मानता,” उसने कहा।
ONE में शामिल होने के बाद, “आयरन मैन” का रिकॉर्ड ४-० रहा है और इसी कारण अभी एक विश्व खिताब जीतने का मौका मिला है अगस्त २ को।
अब भी अपने माँ-बाप से बहुत खरीब है रोडटंग और हर मैच के पहले उनसे आशीर्वाद लेता है।
जड़ वो १३ साल का था, उसका माँ-बाप सेपरेट हो गए लेकिन रोडटंग दोनों का ख्याल रखता है। अभी अपने पिताजी के लिए एक नया घर बना रहा है रोडटंग।
एक विश्व खिताब से भी महत्वपूर्ण है अपना माँ-बाप का ख्याल रखना उसके लिए।
“इतनी छोटी उम्र में अपना परिवार का देखभाल करना एक बड़ी बात है। जो भी मेरी माँ को खाने की मन आती है, वो मुझे देना है उसको। हमेशा के लिए उनसे आभारी हूँ मैं और कभी भी नहीं भूलूंगा जो इन्होने हमारे लिए किया।”
मनिला | २ अगस्त | ७ प.म | DAWN OF HEROES | टीवी : लोकल लिस्टिंग जांच करे | टिकट : http://bit.ly/oneheroes19