डेनिस ज़ाम्बोआंगा को ONE में आने से पहले करने पड़े हैं कई त्याग
डेनिस ज़ाम्बोआंगा “द मेनेस फेयरटेक्स” अपने ONE चैंपियनशिप डेब्यू को लेकर काफी उत्साहित हैं क्योंकि ONE: MARK OF GREATNESS में वो जिहिन राड़ज़ुआन “शैडो कैट” के खिलाफ अपना पहला मुकाबला लड़ने वाली हैं।
ज़ाम्बोआंगा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वो मलेशिया की फाइटर राड़ज़ुआन का सामना करने वाली हैं और आगामी इवेंट में मलेशिया में ही आयोजित हो रहा है। लेकिन फिलिपींस की डेनिस को उलटफेर करने में जैसे महारथ हासिल है इसलिए राड़ज़ुआन को उनसे बचकर रहना होगा।
इससे पहले ये दोनों एक-दूसरे से फाइट करने रिंग में उतरें उससे पहले आइए जानते हैं कि यहाँ तक पहुंचने के लिए ज़ाम्बोआंगा को कितने त्याग करने पड़े हैं।
एक नॉकआउट ने सिखाया सबक
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ज़ाम्बोआंगा का जन्म फिलिपींस के केज़ोन शहर में हुआ था और ज़ाम्बोआंगा के बड़े भाई ड्रेक्स ने अपनी सभी बहनों को सेल्फ-डिफेंस सिखाया था।
ड्रेक्स कराटे में ब्लैक बेल्ट होल्डर रह चुके हैं और चैंपियन भी रहे, उन्होंने साल 2013 में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में कदम रखा था।
“ड्रेक्स ने मुझे बताया था कि कराटे उन्हें सेल्फ-डिफेंस करने में काफी मदद करेगा इसलिए मुझे ट्रेनिंग लेनी चाहिए।“
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ज़ाम्बोआंगा ने 17 साल की उम्र में कराटे की ट्रेनिंग शुरू की और खुद को उन्होंने साबित किया कि वो एक अच्छी फाइटर बन सकती हैं।
“मैंने कुछ कम्पटीशन में हिस्सा लिया और जीती भी जिससे मेरा मनोबल बढ़ने लगा था।
“अपनी आखिरी कराटे फाइट में मुझे नॉकआउट के जरिए हार मिली थी, मुझे सीधी चेहरे पर किक लगी और अगले ही पल मैं नीचे गिर पड़ी। तभी मैंने खुद से वादा किया कि मुझे कभी कोई फाइट नहीं हारनी है।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की वजह से डॉक्टर बनने का सपना रह गया अधूरा
साल 2017 में ड्रेक्स को कॉल आया कि क्या वो किसी लड़की को जानते हैं जो मिक्स्ड मार्शल आर्ट टूर्नामेंट में हिस्सा ले सके। उन्होंने बिना देरी किए अपनी छोटी बहन ज़ाम्बोआंगा का नाम लिया।
“भाई ने मुझसे पूछा कि क्या मैं यह करना चाहती हूँ, उन्होंने मुझे आश्वासन भी दिया कि वो मुझे सीखने में मदद करेंगे।
“ड्रेक्स ने मुझे घर के पास ही एक जगह मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग देनी शुरू की थी और लगातार 4 महीने उन्होंने मुझे कड़ी मेहनत करने को प्रेरित किया। उस समय हमारे पास साधनों की भारी कमी थी।
कुछ समय और ट्रेनिंग लेने के बाद ज़ाम्बोआंगा ने जनवरी 2017 में अपना प्रोफेशनल डेब्यू किया और केवल 44 सेकेंड के अंदर नॉकआउट से जीत हासिल की।
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एक तरफ उन्हें अपने मार्शल आर्ट्स करियर पर ध्यान देना था तो दूसरी तरफ पढ़ाई पर भी फोकस रखना था। मार्शल आर्ट्स के लिए उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना छोड़ दिया था।
“मुझे लगता था कि अगर मैं डॉक्टर बनी तो कभी मार्शल आर्टिस्ट नहीं बन पाउंगी इसलिए मैंने आईटी सेक्टर को चुना और पोलीटेक्नीक यूनिवर्सिटी ऑफ फिलिपींस से डिग्री प्राप्त की।“
डिग्री प्राप्त करने के बाद एक सरकारी संस्था में उनकी नौकरी लगी और बाद में उन्होंने प्राइवेट सेक्टर का रुख किया।
नौकरी भी छोड़ी
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ज़ाम्बोआंगा थोड़ी परेशानी से जूझ रही थीं, हालांकि वो नौकरी के साथ मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स टूर्नामेंट्स में भी हिस्सा ले रही थीं मगर उन्हें अपना पूरा ध्यान मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर ही केंद्रित करना था।
“एक ऐसा भी समय आया जब मैं अच्छा कमा रही थी और काम का दबाव भी ज्यादा नहीं था इसलिए ट्रेनिंग के लिए भी समय बच पा रहा था।
“मुझे एहसास होने लगा था कि अगर सब ऐसे ही चलता रहा तो मैं कभी बड़े टूर्नामेंट्स में हिस्सा नहीं ले पाउंगी।“
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उन्होंने जून 2019 में रिस्क उठाया और नौकरी छोड़ फुल-टाइम मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग शुरू कर दी और इसमें उन्हें अपने माता-पिता का भी काफी साथ मिला।
“अब जब मुझे वह मिल गया है जो मैं चाहती थी तो भी मैं कभी-कभी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाती क्योंकि घर और परिवार से दूर रहना किसी को भी अच्छा नहीं लगता। मैं यह भी समझती हूँ कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है।“
आगे का क्या प्लान है
ज़ाम्बोआंगा की लगातार कुछ नया सीखने की जिद ने उन्हें अब एक अच्छा मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बना दिया है। वो ब्राजीलियन जिउ-जित्सू में स्वर्ण पदक विजेता भी रह चुकी हैं और ब्लू बेल्ट होल्डर भी हैं।
अभी तक अपने प्रोफेशनल करियर में उनका रिकॉर्ड 5-0 का है जिनमें से 2 नॉकआउट और 2 सबमिशन के जरिए भी आई हैं।
अब ONE: MARK OF GREATNESS में भी वो अपने प्रोफेशनल रिकॉर्ड को बेहतर करना चाहेंगी लेकिन उनके सामने जिहिनराड़ज़ुआन हैं जो काफी आक्रामक फाइटर हैं।
“जब मैं 20 की थी तो मुझे यहाँ फाइट करने का आफर मिला था लेकिन उस समय मेरे पास ज्यादा अनुभव नहीं था।
“मैं कुछ समय और ट्रेनिंग करना चाहती थी जिससे खुद को भरोसा दिला सकूं कि मुझे जीत के साथ शुरुआत करनी है। फैंस जब अरीना से बाहर जाएं तो उनकी जुबान पर मेरा नाम हो यही मेरा सपना है।
“मुझे एहसास है कि जिहिन टॉप-क्लास एथलीट हैं और यह जीत मुझे कहाँ पहुंचा सकती है मैं अच्छी तरह वाकिफ हूँ और मुझे आने वाले समय में वर्ल्ड टाइटल के लिए चैलेंज करना है।
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