प्रेग्नेंसी के बाद एलिसिया हेलन रोड्रीगेज़ की मां ने उन्हें वापसी करने में मदद की – ‘उन्होंने सबकुछ छोड़ दिया’
एलिसिया हेलन रोड्रीगेज़ मां बनने के बाद अपने निजी और प्रोफेशनल जीवन में तालमेल बैठाने की कोशिश कर रही हैं क्योंकि उनकी मां ने अपनी बेटी को सफल बनाने के लिए भी कई त्याग किए हैं।
ONE Fight Night 14 में मौजूदा ONE विमेंस एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन एक डिविजन ऊपर आकर ONE विमेंस स्ट्रॉवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए स्मिला संडेल को चैलेंज करेंगी। 2021 में प्रेग्नेंट होने के बाद वो सोचने लगी थीं कि अब उनका करियर खत्म होने वाला है।
हालांकि, उनकी मां के त्याग ने उन्हें पहले से कहीं बेहतर अंदाज में वापसी करने में मदद की। उन्होंने ONE Fight Night 8 में अपने डिविजन की अंतरिम चैंपियन रहीं जेनेट टॉड को वर्ल्ड टाइटल यूनिफिकेशन मैच में हराया था।
रोड्रीगेज़ जानती हैं कि उन्हें अपने करीबियों का समर्थन हासिल है। इसलिए वो शनिवार, 30 सितंबर को एक बार फिर बेहद कठिन प्रतिद्वंदी का सामना करने वाली हैं।
ब्राजीलियाई स्टार ने कहा:
“एक मां होना आसान नहीं है, सच कहूं तो मां होना बहुत मुश्किल है। मैंने कई बार सोचा कि शायद बच्चे को जन्म देने के बाद मैं कड़ी ट्रेनिंग और फाइट नहीं कर पाऊंगी। मगर मेरी मां ने मानसिकता को बदला।”
2 साल पहले रोड्रीगेज़ मॉय थाई में अपने सपनों को पूरा करने के लिए थाईलैंड में रह रही थीं, लेकिन उनका परिवार ब्राजील में था।
मगर प्रेग्नेंट होने के बाद 25 वर्षीय स्टार अपने देश वापस लौट गईं, जहां उन्हें परिवार का साथ मिला।
रोड्रीगेज़ की मां इस खबर को सुनकर बहुत खुश थीं। 3 साल दूर रहने के बाद दोनों की नज़दीकियां पहले से कहीं अधिक बढ़ गई थीं और दोनों ने नन्हें मेहमान को दुनिया में लाने की तैयारी की।
एटमवेट मॉय थाई क्वीन ने कहा:
“मैं जब प्रेग्नेंट हुई तो उसके बाद मेरे मां के साथ संबंध अच्छे होते चले गए। हम अब पार्टनर्स हैं और उनका साथ होना मुझे प्रोत्साहित करता है।
“मैं ब्राजील वापस आ गई थी, जिससे बेटे के जन्म के दौरान मेरा परिवार मेरे साथ रहे। ये मेरे लिए नया अनुभव था और नहीं जानती थी कि मुझे क्या करना चाहिए। बेटे के जन्म के बाद मैंने थाईलैंड वापस आने के बारे में सोचा और इस बार मैं अपनी मां को साथ लाना चाहती थी। मैं जानती थी कि मैं ट्रेनिंग और बेटे की देखभाल, दोनों काम एकसाथ नहीं कर सकती थी।
“उन्होंने तुरंत इसके लिए हां कह दिया। उन्होंने सबकुछ छोड़कर मेरे साथ थाईलैंड आने का निर्णय लिया, जिससे मैं फाइटिंग जारी रख सकूं। मेरे जीवन में शायद उनसे ज्यादा बड़ा समर्थक कोई नहीं रहा। मैं अपने परिवार के साथ होने से खुश हूं और हर रोज इसके लिए भगवान का आभार व्यक्त करती हूं।”
रोड्रीगेज़ अब उस फैसले की वजह से मातृत्व जीवन और मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन होने के बीच तालमेल बैठा पाती हैं। मगर इस दौरान उन्होंने अपनी मां के अंदर भी बदलाव महसूस किए हैं, जो काफी समय अपने पोते के साथ बिताती हैं।
उनकी मां ब्राजील में खराब मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रही थीं, लेकिन अब उन्होंने मार्शल आर्ट्स और ट्रेनिंग कर अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाया है।
रोड्रीगेज़ ने कहा:
“मैं जब ट्रेनिंग पर जाती हूं तो मेरी मां मेरे बेट के साथ होती हैं। वो मेरे खाने का भी ख्याल रखती हैं। मैं जब फाइट कैम्प में नहीं होती तब होसुए के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करती हूं।
“मेरी मां की जीवनशैली में यहां आने के बाद सुधार हुआ है। वो अब मॉय थाई की ट्रेनिंग करने के अलावा बॉडीबिल्डिंग भी करती हैं।
“मैं सच कहूं तो मैंने इससे ज्यादा खुश उन्हें कभी नहीं देखा। मैं जानती थी कि वो यहां अच्छा महसूस करेंगी और उन्हें खुश देखकर मुझे भी बहुत खुशी होती है।”
एलिसिया हेलन रोड्रीगेज़ को वापसी करने के लिए क्या दिक्कतें झेलनी पड़ीं?
हालांकि उनकी वापसी सफल रही, लेकिन ब्राजील से थाईलैंड आना किसी भी परिवार के लिए आसान काम नहीं है।
एलिसिया हेलन रोड्रीगेज़ जानती थीं कि उन्हें अगर ONE विमेंस एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बने रहना है तो अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध होना होगा। मगर उन मुश्किल परिस्थितियों में ऐसा करना आसान नहीं था।
वो शुरुआत में अपनी मां, बेटे और पार्टनर के साथ एक ही कमरे में रहीं। इसलिए उनके लिए मॉय थाई शेड्यूल पर ध्यान देना आसान नहीं था, लेकिन प्रतिबद्धता और कुछ कर गुजरने की चाह उनके जीवन में नए बदलाव लाने वाली थी।
अब रोड्रीगेज़ अपने बेटे को ये दिखाने के लिए कुछ भी कर सकती हैं कि खुद पर भरोसा और कड़ी मेहनत के दम पर किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है:
“हमारे घर में लोग चार थे लेकिन कमरा एक इसलिए वहां रहना आसान नहीं था। हमने 9 महीने थाईलैंड में बिताए। मेरे लिए फाइटिंग की तैयारी के कारण आराम कर पाना आसान नहीं था। वहीं होसुए को रात में सोने में दिक्कत आती थी।
“मैं नहीं जानती कि मैंने इन मुश्किल परिस्थितियों को कैसे पार किया है। पर्याप्त आराम ना मिलने के दौरान भी मैंने 2 ट्रेनिंग कैम्प पूरे किए, लेकिन भगवान का धन्यवाद कि मैंने जीत दर्ज की।
“मैं अब एक और बेल्ट जीतने के करीब हूं। मैं अपने बेटे के लिए प्रेरणा स्रोत बनना चाहती हूं। मैं सब काम उसी के लिए कर रही हूं।”