स्टैम्प फेयरटेक्स ने बताया, वो कैसी झेलती हैं इतना दबाव
2-स्पोर्ट वर्ल्ड चैंपियन बनना स्टैम्प फेयरटेक्स के लिए किसी बड़े सपने के पूरे होने जैसा है लेकिन इसी के साथ नई चुनौतियां भी थाई सुपरस्टार इंतज़ार कर रही हैं।
22 वर्षीय चैंपियन को संभव ही मार्शल आर्ट्स के किसी दूसरे एथलीट से अधिक व्यस्त कार्यक्रम से होकर गुजरना होता है, उन्हें एक के बाद एक कड़े प्रतिद्वंदियों के खिलाफ अपने टाइटल भी डिफेंड करने होते हैं। अगले शुक्रवार, 28 फरवरी को ONE: KING OF THE JUNGLE में जेनेट “JT” टॉड उन्हें ONE एटमवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चुनौती देने वाली हैं।
इसके अलावा पिछला करीब एक साल स्टैम्प ने कड़ी ट्रेनिंग करते हुए गुजारा है जिससे उनकी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स स्किल्स बेहतर हो सकें और उनका 3-स्पोर्ट वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना भी। वो अक्सर फैंस और मीडिया के आकर्षण का केंद्र बनी रहती हैं।
इतने व्यस्त कार्यक्रम के प्रति उनका सकारात्मक रवैया नकारात्मक विचारों से उन्हें दूर ही रखता है, Fairtex टीम की मेंबर का मानना है कि जब जिम्मेदारियां उनपर भारी पड़ने लगती हैं तो उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “जब मैं अच्छा महसूस नहीं कर रही होती हूँ तो मुसीबतें रुकने का नाम ही नहीं लेतीं, हर छोटी चीज से मुझे निराशा होने लगती है लेकिन यहाँ आपको खुद को संभालकर आगे बढ़ते रहना होता है।
“अक्सर केवल थकान के कारण ही मुझे अत्यधिक निराशा होने लगती है। कभी-कभी तो मैं इस निराशा को झेल लेती हूँ लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हर छोटी से छोटी चीज मुझे रुला देती है।
“ऐसी कोई एक चीज नहीं है जिससे मुझे बुरा महसूस होता है, ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें मैंने खुद ही अपने अंदर प्रवेश करने की अनुमति दी है। फिर अचानक से मैं इस निराशा को झेल नहीं पाती और उन भावनाओं को दूर करने के लिए थोड़ा रो लेती हूँ।”
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स्टैम्प के लिए ये समय आसान नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि डिफेंडिंग वर्ल्ड चैंपियन होने का दबाव किसी अन्य दबाव से कहीं ज्यादा बड़ा होता है। चैंपियन होने के कारण वो अपने डिविजन की हर एक एथलीट का निशाना बनी हुई हैं इसलिए उन्हें उन एथलीट्स से हमेशा एक कदम आगे रहना होता है जो उन्हें हराकर नई चैंपियन बनना चाहती हैं।
उन्होंने आगे कहा, “टाइटल जीतने से ज्यादा उन्हें डिफेंड करना मुश्किल होता है क्योंकि हमें पहले से कहीं अधिक और कड़ी मेहनत से गुजरना होता है।
“ज्यादा स्टडी करनी होती है और लगातार सीखते रहना होता है। ये चीज हमें पहले से कहीं अधिक मेहनती बनाने में मदद करती हैं।
स्टैम्प के कंधों पर चैंपियन होने का भार है लेकिन इनके कारण वो कभी अपनी दिशा से भटकी नहीं हैं। उनके पास ऐसी टीम है जो उन्हें हर परिस्थिति में सपोर्ट करती है और प्रोत्साहन देती है और वो खुद भी सकारात्मक रहना अच्छे तरीके से जानती हैं।
जब भी वो संघर्ष कर रही होती हैं, रायोंग से आने वाली एथलीट याद करती हैं कि किस तरह उनका परिवार फलों की खेती करता था और आज उसी की मदद से वो एक सुखद जीवन व्यतीत कर रही हैं लेकिन बचपन में आगे बढ़ने के लिए भी उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा था।
स्टैम्प ने अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को करीब से देखा है और उनके मार्शल आर्ट्स में सफल होने से आज वो सुखद जीवन व्यतीत कर पा रही हैं। यही चीज उन्हें लगातार सकारात्मक रवैया अपनाने और लगातार सफल होने के लिए प्रेरित करती रहती है।
उन्होंने कहा, “ये सफर मुश्किल है लेकिन मुझे इसे भुलाकर लगातार आगे बढ़ते रहना होगा।
“मैं अक्सर खुद से ये पूछती हूँ कि आखिर ये सब मैं क्यों कर रही हूँ? अगर ये इतना मुश्किल और थकाऊ है तो क्यों मैं खुद को संघर्ष की स्थिति में डाल रही हूँ? लेकिन हमेशा इस सवाल का जवाब मेरा परिवार ही होता है। मैं अपने माता-पिता को हर तरीके से अच्छी जिंदगी देना चाहती हूँ और ऐसा कुछ करना चाहती हूँ जिससे उन्हें मुझपर गर्व महसूस हो।
“मैं अपने माता-पिता पर एक भार बनकर नहीं रहना चाहती और ना ही अपने कारण उन्हें परेशानी में देखना चाहती हूँ। मैं खुद की एक पहचान बनाना चाहती हूँ और लोगों को बताना चाहती हूँ कि मैं कौन हूँ। मैं आत्मनिर्भर बनने के लिए कुछ बड़ा करना चाहती हूँ। मैं लगातार खुद को समझती हूँ कि मुझे लगातार आगे बढ़ते रहना है।”
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