सुपरबोन सिंघा माविन Vs. चिंगिज़ अलाज़ोव: फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल मैच में जीत के 4 तरीके
मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन सुपरबोन सिंघा माविन और ग्रां प्री चैंपियन चिंगिज़ अलाज़ोव के बीच लंबे समय से बहुप्रतीक्षित ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल मुकाबला यादगार बनने की राह पर है।
दोनों एथलीट्स सर्कल में लगातार अविश्वसनीय जीत हासिल करते हुए आ रहे हैं। शनिवार, 14 जनवरी को ONE Fight Night 6 के मेन इवेंट में इस बात का फैसला होगा कि इस स्पोर्ट का टॉप पाउंड-फोर-पाउंड एथलीट कौन होगा।
सुपरबोन और अलाज़ोव के पास गजब का स्ट्राइकिंग वाला जखीरा मौजूद है, लेकिन दोनों उन्हें बहुत अलग तरीके से इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब ये है कि उनकी पसंदीदा रणनीति थाइलैंड के बैंकॉक के इम्पैक्ट एरीना में काफी बड़ा बदलाव ला सकती है।
मैच में अब बस कुछ ही दिन शेष हैं। ऐसे में मौजूदा टाइटल होल्डर और #1 रैंक के कंटेंडर के लिए जीत हासिल करने में ये बातें काफी महत्वपूर्ण साबित होंगी।
#1 दूरी बनाए रखने में सुपरबोन का कंट्रोल
सुपरबोन को अपरंपरागत प्रतिद्वंदी के सामने अपना मानसिक संतुलन बनाए रखना होगा। साथ ही ये भी तय करना होगा कि वो ही रेंज पर अपना दबदबा बनाए रखें।
ऐसा करके Singha Mawynn टीम के प्रतिनिधि अपने लॉन्ग जैब और असरदार टीप्स (पुश किक्स) की बदौलत प्रतिद्वंदी के आगे बढ़ने की रफ्तार को रोक सकते हैं।
“चिंगा” की मूवमेंट्स को रोककर और उनके हमलों से खुद को दूर रखकर सुपरबोन अपने प्रतिद्वंदी की स्विच-हिटिंग वाली चालाकी से बच सकते हैं। साथ ही अपनी ताकतवर किक्स को ज्यादा खुलकर लगा सकते हैं।
उनकी तेज-तर्रार लेफ्ट टीप अलाज़ोव के बॉक्सिंग हमलों को रोकने में मदद करेगी और सुपरबोन अपनी ताकतवर राइट पुश किक से चैलेंजर को पीछे की ओर धकेल सकते हैं। इससे उन्हें फ्रंटफुट पर आकर अपने हमलों को बढ़ाने का मौका मिल जाएगा।
#2 अलाज़ोव की चौंका देने वाली अनिश्चितता
अलाज़ोव अपने वर्क रेट और चौंका देने वाली अनिश्चितता के लिए पहचाने जाते हैं और ये तकनीकी रूप से कुशल प्रतिद्वंदी के खिलाफ उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित हो सकती है।
सुपरबोन अपने सामने सीधे खड़े रहने वाले विरोधियों से आसानी से निपट सकते हैं, लेकिन “चिंगा” लगातार मूव करते रहते हैं और हमला करने के लिए स्टांस बदलते रहते हैं। इससे किसी भी पैटर्न को भांपना और काउंटर करने की योजना बनाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
अपनी स्ट्राइक्स को अलग-अलग एंगल्स से मिलाकर #1 रैंक के कंटेंडर किसी भी टारगेट को पंच, किक या नी लगा सकते हैं।
इसकी बदौलत अलाज़ोव ना केवल शॉट चयन करने में बदलाव करते हैं बल्कि समय और गति में भी हेरफेर करते रहते हैं। अगर वो आमतौर पर अजेय रहने वाले थाई स्टार को अपनी लय से पछाड़ देते हैं तो परिस्थितियां उनके पक्ष में होने लगेंगी।
अज़रबैजानी-बेलारूसी एथलीट का आउटपुट सुपरबोन की तुलना में काफी ज्यादा है और वो शुरुआत से लेकर आखिरी बैल तक इस गति को बनाए रख सकते हैं। ऐसे में जब उन्हें गैप दिखाई देने शुरू होंगे तो उस दौरान उन्हें स्ट्राइक्स लगाने के लिए तैयार रहना होगा।
#3 सुपरबोन की किक्स
सुपरबोन की किक्स उनका सबसे खतरनाक हथियार है और वो अपने दोनों पैरों का इस्तेमाल अच्छी तरह से प्रतिद्वंदी के शरीर को निशाना बनाने के लिए कर सकते हैं।
उनकी लेफ्ट किक आक्रामक विरोधियों को रोकने का सबसे अच्छा हथियार है। उनके वापस पलटकर शरीर और पैरों पर लगने वाले शॉट्स को डिफेंड करना बहुत मुश्किल होता है, जबकि उनकी जोरदार राइट किक बहुत ताकतवर व सटीक होती हैं।
बिजली की रफ्तार से लगातार चलने वाली उनकी बॉडी किक्स आक्रामक चैलेंजर को धीमा करने में मददगार साबित होगी। जैसा कि सुपरबोन को हमने जियोर्जियो पेट्रोसियन को हेड किक से नॉकआउट करते देखा था। उससे लगता है कि वो अचानक मैच खत्म करने वाला किल शॉट कभी भी लगा सकते हैं।
अगर अलाज़ोव बॉडी को बचाने के लिए अपने हाथों को नीचे लाने को मजबूर होते हैं और पसलियों को हमले से बचा लेते हैं तो भी इस बात की पूरी संभावना है कि किसी भी समय सिर्फ एक इंच की दूरी से सुपरबोन उनको गिरा देंगे और हमलों की बारिश शुरू कर देंगे।
डिफेंडिंग किंग ने दोनों तरफ हाई किक्स लगाकर नॉकआउट किए हैं और उनकी सटीकता का मतलब ये हुआ कि अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उन्हें केवल एक छोटे से मौके की ही तलाश होगी।
#4 अलाज़ोव के काउंटर्स
ऐसे में सबसे अहम बात ये है कि अलाज़ोव के पास सुपरबोन के हमलों से बचने का जवाब है। वो नहीं चाहेंगे कि लंबी दूरी से ही मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन का आत्मविश्वास और गति दोनों बढ़ते जाएं।
अपने प्रतिद्वंदी की किक्स के निशाने पर होना उनके लिए किसी भी लिहाज से अच्छा नहीं होगा इसलिए मिन्स्क के रहने वाले एथलीट चाहेंगे कि सुपरबोन पर ज्यादा से ज्यादा हमले करके किसी तरह उन्हें रोक दें।
ग्रां प्री फाइनल में अलाज़ोव ने विरोधी सिटीचाई सिटसोंगपीनोंग द्वारा चलाई जा रहीं किक्स के खिलाफ लगातार काउंटर किए थे। साथ ही खड़े रहकर उन पर अपनी किक्स से अटैक करते रहने के साथ पंचों से जवाब देते हुए परेशान भी किया था।
ये तरकीबें सुपरबोन के खिलाफ भी काम आ सकती हैं और उन्हें अपने हमलों पर दोबारा विचार करने के लिए मजबूर कर सकती हैं। इस तरह अलाज़ोव के पास करीब जाकर बेहतर तरीके से भारी-भरकम पंच लगाने के रास्ते खुल सकते हैं।
“चिंगा” जितना ज्यादा थाई प्रतिद्वंदी को बराबरी वाली फाइट में उलझा सकें, उतना बेहतर होगा। आसने-सामने से मुकाबला हुआ तो अलाज़ोव के कंफर्ट जोन में आ जाने की अधिक संभावना है, जबकि फेदरवेट किकबॉक्सिंग किंग नपी-तुली और चतुराई भरी तरकीबों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं।