सुपरगर्ल: युवा सनसनी जो स्कूल जाने के साथ-साथ मॉय थाई एथलीट भी हैं

Supergirl Jaroonsak Muaythai at the gym

सुपरगर्ल को अभी ONE Championship में केवल एक फाइट का अनुभव है, लेकिन उनका रिकॉर्ड 38-5-1 का है और कई एलीट लेवल की मॉय थाई एथलीट्स का सामना कर चुकी हैं।

उनका परिवार इस खेल से जुड़ा रहा है इसलिए 18 वर्षीय थाई एथलीट भी एक बेहतरीन स्ट्राइकिंग सुपरस्टार बन पाई हैं।

शुक्रवार, 14 जनवरी को ONE: HEAVY HITTERS में एकातेरिना “बार्बी” वंडरीएवा के खिलाफ अपने स्ट्रॉवेट मॉय थाई मैच से पहले सुपरगर्ल ने कहा, “मैं हफ्ते के सभी दिन पढ़ाई करती हूं।”

“मैं सुबह ट्रेनिंग करती हूं, उसके बाद ऑनलाइन क्लास अटेंड करती हूं। क्लास के बाद दोबारा ट्रेनिंग पर जाना होता है और ये प्रक्रिया मेरे लिए बहुत थकाऊ हो जाती है। छुट्टियों के सीजन में सब सही था क्योंकि स्कूल नहीं जाना होता था। मैं पूरा ध्यान ट्रेनिंग पर लगा पाती थी।”

अपने शेड्यूल को स्थिर रखना सुपरगर्ल के लिए नई बात नहीं है। वो अपनी प्राथमिक शिक्षा लेने के दिनों से Jaroonsak Muay Thai जिम में अपने पिता की निगरानी में ट्रेनिंग कर रही हैं।

उनके लिए शुरुआत में ये सब करना मुश्किल था, लेकिन अब उन्हें इस शेड्यूल की आदत पड़ चुकी है।

उन्होंने कहा, “मैं आराम नहीं कर पाती थी। स्कूल खत्म होने के बाद सीधा मुझे ट्रेनिंग करने जाना होता था।”

A very happy Supergirl Jaronsak Muaythai, who wins her debut

“मैं दोस्तों के साथ घूमना चाहती थी, लेकिन उसके लिए समय नहीं होता था। मैं कभी-कभी छुट्टी लेती, मगर बहुत थकान होने के कारण घूमने का विचार दिमाग से निकल जाता था।”

सुपरगर्ल को जल्द ही अहसास होने लगा था कि उनके द्वारा किए गए त्याग उन्हें बहुत फायदा पहुंचाएंगे। जिम और क्लास में बिताए थकान भरे पलों ने उन्हें आगे चलकर ऐसे अवसर दिए, जो उनकी उम्र के अन्य बच्चों को नहीं मिल पाते।

उन्होंने कहा, “मेरी उम्र के लोग इतनी मेहनत नहीं करते और उन्हें इस तरह का अनुभव नहीं मिलता, जिन चीज़ों की अनुभूति मैं कर पा रही थी, उसे अन्य बच्चे नहीं कर सकते थे।”

“अब पीछे मुड़कर देखती हूं तो पता चलता है कि मेरे द्वारा किए गए त्याग के कारण ही मैं इस मुकाम तक पहुंच पाई हूं।”

सुपरगर्ल की स्कूल लाइफ

सुपरगर्ल ने कहा, “कभी-कभी ऐसा होता है जब मैं दूसरे बच्चों को नहीं जानती, लेकिन वो मुझे अच्छे से जानते हैं।”

युवा स्टार बताती हैं कि बैंकॉक में स्थित सेंटा क्रूज़ कॉन्वेंट स्कूल में उनका अन्य बच्चों के साथ ऐसा ही रिलेशन है। स्कूल के बच्चे उनका इस खेल में आने के लिए सम्मान करते हैं, लेकिन उनके साथ स्थिति हमेशा ऐसी नहीं थी।

मिडल स्कूल में सुपरगर्ल के साथ लड़के भी पढ़ते थे। उनमें से कुछ लड़कों को जब सुपरगर्ल के फाइटिंग करियर के बारे में पता चला तो वो उन्हें चैलेंज करते थे।

थाई स्टार मॉय थाई में बहुत अच्छी थीं, लेकिन उनके पिता ने उन्हें अपनी स्किल्स का सही समय और सही जगह पर इस्तेमाल करना सिखाया है।

उन्होंने कहा, “मेरे पिता उन लड़कों को कैम्प में बुलाकर कहते, ‘बिना नियमों के गलियों में फाइट करना गलत है। अगर फाइट करनी ही है तो रिंग में आकर ग्लव्स पहनकर करो।'”

“अगर मुझे फाइट करनी होती थी तो सभी नियमों को ध्यान में रखकर। इसलिए मैं हमेशा उन लड़कों से कहती कि मैं एक बॉक्सर हूं, कोई गैंगस्टर नहीं और अगर तुम्हें फाइट करनी ही है तो कैम्प में आकर करो।”

Thai star Supergirl Jaroonsak Muaythai knocks down Milagros Lopez

इस तरह के अनुभव ने फ्यूचर ONE Super Series स्टार को सिखाया कि लोगों को बिना किसी कारण फाइटिंग नहीं करनी चाहिए। फाइट पूरे नियमों के साथ रिंग में करना बेहतर होता है।

सुपरगर्ल को अभी बड़े मैचों में भाग लेने के लिए थोड़ा इंतज़ार करना था। उनके पिता उनके साथ वंडरगर्ल को भी प्रतियोगिता में उतारने से पहले बेहतर तरीके से तैयार करना चाहते थे।

उन्होंने इस बारे में बताया, “मेरी बड़ी बहन, हमेशा चीज़ों को मुझसे पहले करना चाहती हैं। चूंकि मैं छोटी हूं इसलिए पिताजी वंडरगर्ल को पहले मौका देते थे। उसके बाद कहीं जाकर मुझे भी उस चीज़ को करने का मौका मिलता। मैं सोचती थी कि अगर वंडरगर्ल किसी चीज़ को कर सकती हैं तो मैं भी कर सकती हूं।”

“मैं अपनी बड़ी बहन को फाइट करते हुए देखती थी। पिताजी कहते कि फाइट करने से पहले आपका 100% तैयार रहना जरूरी होता है।”

सुपरगर्ल ने सब्र रखा और कुछ समय बाद उन्हें भी फाइटिंग का अवसर मिला।

खतरनाक स्पीयरिंग नी स्ट्राइक्स लगाना सीखा

सुपरगर्ल ने केवल 10 साल की उम्र में पहली बार रिंग में कदम रखा। उन्हें इतनी घबराहट हो रही थी कि वो अपना गेम प्लान ही भूल गई थीं। इसलिए उन्होंने स्थिति के हिसाब से अटैक किया।

कुछ समय बाद सुपरगर्ल फाइट्स में अपनी लंबाई का फायदा उठाकर बढ़त बनाने लगीं। इस दौरान उन्होंने स्पीयरिंग नी स्ट्राइक को अपना सिग्नेचर मूव भी बनाया।

उन्होंने कहा, “मुझे नहीं मालूम कि मैंने उस नी स्ट्राइक को कब लगाना सीखा। जब मैंने इसका इस्तेमाल किया तो मेरी विरोधी बुरी तरह चोटिल हो गई थी।”

“उस समय मुझे अहसास हुआ कि मेरी बॉडी पर लगने वाली नी बहुत प्रभावशाली होती हैं।”



उसके बाद इस तरह की नी स्ट्राइक मॉय थाई में बहुत फेमस हो गई है। उनके द्वारा इस नी स्ट्राइक के इस्तेमाल की वीडियो वायरल भी हुई हैं, जिससे दुनिया भर में इसका इस्तेमाल किया जाने लगा है।

अब ये सुपरगर्ल का सबसे खतरनाक हथियार बन चुका है।

उन्होंने बताया, “अगर आपके विरोधी बहुत करीब हैं तो ये स्ट्राइक सीधे पेट की मांसपेशियों को निशाना बनाती है।”

“मैंने भी इस नी का प्रभाव झेला है, ये बहुत दर्दनाक होती है जिससे मेरी कमर में दर्द भी रहने लगा था।”

परिवार एक बार फिर साथ आया

सुपरगर्ल और वंडरगर्ल, दोनों ही अब सफलता प्राप्त कर रही हैं। इस बीच वंडरगर्ल अपने फैमिली जिम को छोड़कर अपने घर से 147 किलोमीटर दूर Fairtex Academy में ट्रेनिंग करने लगी थीं। इस वजह से दोनों बहनों का मिलना नहीं हो पाता, लेकिन इसका उनके रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ा है।

जब वंडरगर्ल वापस घर आईं, तब दोनों ने दोबारा एक-दूसरे के साथ ट्रेनिंग की। ये फिर एकजुट होने का समय था।

दोनों बहनों को ऑफर आया और उन्होंने Marrok Force MMA को जॉइन किया। उनके पिता भी अक्सर जिम जाकर दोनों को ट्रेनिंग करवाते और रणनीतियों के बारे में बात करते हैं।

सुपरगर्ल ने कहा, “यहां हम दोनों बहनें ट्रेनिंग में एक-दूसरे की मदद कर पाती हैं और हम एक ही कमरे में सोती हैं। अब मुझे दूरी का अहसास नहीं होता, जैसे पहले होता था।”

“हमारे पिता भी अब हमसे ज्यादा दूर नहीं हैं। वो कभी-कभी Marrok में हमसे मिलने आते हैं और सप्ताहांत में मैं वापस घर जाकर पिता के साथ ड्रिल्स करती हूं।”

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अपने परिवार के दोबारा साथ आने और ONE Super Series में बेहतर होते रिकॉर्ड की वजह से सुपरगर्ल को ONE में अपने दूसरे मैच में अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिल रही है।

युवा स्टार जानती हैं कि यहां पहुंचने के लिए उन्हें कितने त्याग करने पड़े हैं।

उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच सकती हूं। मुझे लगा था कि मैं छोटे लेवल की बॉक्सर बन सकती हूं।”

“मैं बहुत लंबे समय से ट्रेनिंग और अनुभव हासिल कर रही हूं। मैंने अब अगर इसे छोड़ा तो मैं अपनी सबसे खास चीज़ को खो दूंगी। मैंने केवल एक हफ्ते या महीने में इतना सबकुछ नहीं सीखा है, इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मुझे कई साल कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। इसलिए मैं अपने काम से बहुत प्यार करती हूं।”

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