सुपरलैक Vs. तगीर खलीलोव: ONE Fight Night 12 के मेन इवेंट में जीत के 4 तरीके
थाई सुपरस्टार “द किकिंग मशीन” सुपरलैक कियातमू9 और रूसी एथलीट तगीर “सामिंगप्री” खलीलोव का मैच ONE Fight Night 12 को हेडलाइन करेगा, जिसमें जबरदस्त एक्शन का देखा जाना तय है।
इस शनिवार, 15 जुलाई को दोनों टॉप फाइटर्स बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होने वाले मॉय थाई मैच में आमने-सामने होंगे, जिसमें बहुत कुछ दांव पर लगा होगा।
दोनों फाइटर्स के पास पावर की कोई कमी नहीं है, लेकिन उनके मूव्स एक-दूसरे से अलग भी हैं। इसलिए 2 स्टाइल्स की टक्कर इस भिड़ंत को रोमांचक बना रही होगी।
यहां आप जान सकते हैं सुपरलैक vs खलीलोव मैच किन 4 तरीकों से समाप्त हो सकता है।
#1 खलीलोव के दमदार हैंड्स
खलीलोव पिछले 2 मैचों में चोरफाह टोर सांगटीनोई और ब्लैक पैंथर के रूप में 2 थाई स्ट्राइकर्स को नॉकआउट कर चुके हैं, जो साबित करता है कि खलीलोव के पंच उनकी ताकत हैं।
“द थाई किलर” स्ट्रेट शॉट्स और दमदार कॉम्बिनेशंस लगाते हैं, जिनका इस्तेमाल अन्य स्ट्राइकिंग खेलों की तुलना में मॉय थाई में कम बार होता है।
एक बार लय प्राप्त करने के बाद वो ज्यादा मौकों पर दमदार पंच, हुक्स और अपरकट्स लगा पाएंगे। ऐसे खतरनाक पंच उनके प्रतिद्वंदी के गार्ड को चीरते हुए उन्हें क्षति पहुंचाने की क्षमता रखते हैं।
ब्लैक पैंथर के खिलाफ मैच में खलीलोव ने दिखाया कि जब वो बॉडी शॉट्स लगाते हैं, तब उनकी स्ट्राइक्स ज्यादा प्रभावशाली होती हैं। इसका मतलब सुपरलैक को डिफेंस पर भी ध्यान देना होगा।
रूसी एथलीट क्लिंच करते हुए और एल्बो रेंज में रहकर भी पंच लगाते हैं। वहीं उन्हें कॉम्बिनेशंस के अलावा लो किक्स के साथ पंचों का मिश्रण करना अच्छा लगता है।
#2 सुपरलैक की राइट किक्स
आमतौर पर एक अच्छी पंचिंग स्किल्स वाले एथलीट के लिए किक्स मुश्किलें खड़ी करती आई हैं और सुपरलैक को किक्स लगाने में महारत हासिल है।
मौजूदा ONE फ्लाइवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन “द किकिंग मशीन” राइट किक की मदद से अपने प्रतिद्वंदी के पंचों का प्रभाव कम कर सकते हैं। ये किक्स इतनी प्रभावशाली होती हैं कि इसे ब्लॉक ना करने पर सामने वाले एथलीट की मुश्किल बढ़ सकती है। इसलिए खलीलोव को अपने बाएं हाथ को सही पोजिशन में बनाए रखने की जरूरत होगी।
बॉडी पर स्ट्राइक्स का प्रभाव जल्दी नजर आता है, लेकिन “सामिंगप्री” ने डिफेंड करने की कोशिश भी की तो सुपरलैक उनके हाथों पर स्ट्राइक्स लगाते हुए उन्हें थकाएंगे, जिससे रूसी एथलीट के लिए अंतिम राउंड्स में डिफेंड करना मुश्किल हो जाएगा।
थाई आइकॉन की राइट किक बहुत खतरनाक होती है, लेकिन इसका इस्तेमाल वो काउंटर अटैक से बचने के लिए भी करते हैं।
अगर खलीलोव आगे आए तो वो लो किक्स को आमंत्रित कर रहे होंगे। वहीं जब वो अटैक करेंगे, तब उनकी बॉडी सुपरलैक को सटीक काउंटर्स के लिए निमंत्रण दे रही होगी।
#3 खलीलोव का किक्स को काउंटर करने का तरीका
सुपरलैक की राइट किक को रोकने के ज्यादा तरीके नहीं हैं, लेकिन खलीलोव को प्रयास जरूर करना होगा कि थाई स्टार अगली बार किक लगाने से पहले 2 बार जरूर सोचें।
लगातार किक का प्रभाव झेलना सुपरलैक के आत्मविश्वास को बढ़ा रहा होगा इसलिए “सामिंगप्री” को शुरुआत से काउंटर अटैक की रणनीति पर काम करना होगा।
काउंटर गेम खतरे से खाली नहीं होगा, लेकिन अगर खलीलोव उस समय दाईं ओर आ पाए जब सुपरलैक किक लगाने वाले हों, तब उन्हें कम प्रभाव झेलना पड़ेगा और दमदार काउंटर अटैक भी कर पाएंगे।
30 वर्षीय फाइटर चीज़ों को बहुत जल्दी परखते हुए काउंटर अटैक करते हैं। उन्हें अक्सर अपने राइट हैंड और अपने विरोधी को स्वीप लगाते भी देखा जाता है।
इन स्किल्स की मदद से खलीलोव, “द किकिंग मशीन” के सबसे खतरनाक मूव का इस्तेमाल करते हुए खुद को बढ़त दिला सकते हैं।
#4 सुपरलैक फ्रंट-फुट पर रहकर फाइट करते हैं
एक खतरनाक पंचिंग स्किल्स वाले एथलीट के खिलाफ बैकफुट पर जाना सही रहता है, लेकिन सुपरलैक फ्रंट-फुट पर रहकर फाइट करते हैं और किसी हालत में खलीलोव को बढ़त नहीं बनाने देना चाहेंगे।
2-स्पोर्ट सुपरस्टार ने जब इलियास एनाहाचि और डेनियल पुएर्तस के खिलाफ बैकफुट पर जाने की रणनीति अपनाई तो उन्हें संघर्ष करना पड़ा था और “सामिंगप्री” भी ऐसा कर सकते हैं।
27 वर्षीय फाइटर आगे आकर कई अलग-अलग तरह की दमदार स्ट्राइक्स लगा सकते हैं, जिन्हें वो अलग तरीके से भी लैंड करवाते हैं।
अगर सुपरलैक लॉन्ग रेंज पंच और किक्स का सही इस्तेमाल कर पाए तो उन्हें प्रभावशाली नी और एल्बो स्ट्राइक्स लगाने का मौका भी मिल सकता है।
लगातार बैकफुट पर रहने के बाद खलीलोव दबाव में आ जाएंगे और ना ही उन्हें पंच लगाने का मौका मिल पाएगा। वहीं अगर “द किकिंग मशीन” ने आक्रामक रणनीति अपनाए रखी तो वो रैंकिंग्स में अपने स्थान पर कायम रहकर ONE मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल की ओर बढ़ जाएंगे।