ONE Championship सुपरस्टार्स के पिता जिन्होंने अपने बेटों को सफल बनाया
किसी व्यक्ति के लिए अपने माता-पिता के साथ के बिना अपने सपने को पूरा कर पाना बहुत मुश्किल होता है और सौभाग्य से ऐसे कई पिता रहे हैं जिन्होंने अपने बच्चों का कठिन समय में भी कभी साथ नहीं छोड़ा।
कभी-कभी वो आपको प्रोत्साहित करते हैं और कभी वो अपने बच्चों को कड़ा रूटीन फॉलो करने के लिए कहते हैं जिससे वो अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रख पाएं। कठोर स्वभाव में भी उनका प्यार छुपा होता है।
ONE Championship के सुपरस्टार्स भी इन परिस्थितियों से गुजर चुके हैं।
फादर्स डे 2020 के मौके पर हम ऐसे 5 पिता से आपको अवगत कराने वाले हैं जिन्होंने अपने बेटों को सफल बनाने में अहम योगदान दिया है।
एडी अल्वारेज़
“द अंडरग्राउंड किंग” एडी अल्वारेज़ एक ऐसे एथलीट हैं जिनमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है और ये आत्मविश्वास उन्हें अपने पिता से प्राप्त हुआ है।
बचपन में अल्वारेज़ जो भी स्पोर्ट खेलते थे उन सभी में उन्हें अपने पिता का साथ मिलता आया है और उनके पिता अपने बेटे के जीतने की कामना किया करते थे। हालांकि, अपने पिता की उम्मीदों पर खरा उतर पाना बहुत मुश्किल था लेकिन “द अंडरग्राउंड किंग” ने हमेशा अपना बेस्ट प्रदर्शन करने की कोशिश की और अपनी मानसिकता को भी मजबूत बनाया।
अल्वारेज़ ने कहा, “मेरा बचपन जैसे एक काल्पनिक दुनिया से होकर गुजरा है क्योंकि मेरे लिए हार कोई विकल्प ही नहीं था। अगर मैं हारता भी था तो वो मुझे उन कारणों के बारे में समझाते कि आखिर मुझे हार क्यों मिली।”
“उन्हीं की मदद से मुझे एक अच्छा फाइटर और एक अच्छा स्पोर्ट्समैन बनने का महत्व समझ आया है। उन्होंने मुझे ऐसी ही सीख दी है। हर किसी छोटे बच्चे की तरह मैं हमेशा अच्छा प्रदर्शन कर उनका सिर गर्व से ऊंचा करना चाहता था।”
उस परवरिश ने अल्वारेज़ को आज एक सफल एथलीट बनाया है। वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में 4 बार के लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं और ONE एथलीट रैंकिंग्स के टॉप एथलीट्स में शामिल होने की कगार पर खड़े हैं।
अमीर खान
एक समय था जब अमीर खान अपने दोस्तों के साथ मस्ती करते टिक-टॉक वीडियो बनाया करते थे लेकिन किशोरावस्था में दाखिल होते ही उनके अंदर कुछ अलग करने की चाह ने जन्म ले लिया था।
आज वर्ल्ड-क्लास नॉकआउट आर्टिस्ट बन चुके खान Tourette Syndrome से पीड़ित रहे हैं, जो एक दिमागी बीमारी है। इसके कारण स्कूल में अक्सर उनका मज़ाक उड़ाया जाता और इस वजह से वो परेशान भी रहने लगे थे।
सौभाग्यपूर्ण इस बीच खान के पिता ताजुद्दीन हमेशा उनके साथ रहे और एक अच्छी मानसिकता विकसित करने में मदद की।
Evolve टीम के मेंबर ने कहा, “लोग अक्सर मेरा मज़ाक उड़ाया करते थे। मुझे आज भी याद है कि मैं रोते-रोते स्कूल से घर आया करता था और अपने पिता से पूछता, ‘मेरे साथ क्या समस्या है?’ लेकिन मेरे पिता ने मुझे कभी इस चीज का अहसास नहीं होने दिया कि मैं दूसरे बच्चों से अलग था।”
“उन्होंने मुझसे कहा कि संघर्ष करना जीवन का एक हिस्सा है। सभी को बुरे दौर से होकर गुजरना होता है और इन्हीं बातों से मैं अच्छा महसूस करने लगता था।”
आखिरकार खान को मॉय थाई से लगाव महसूस होने लगा था, जिसने उनकी बीमारी को भी ठीक करने में भी मदद की और बाद में उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की राह चुनी।
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जियोर्जियो पेट्रोसियन
अपने बचपन से ही जियोर्जियो “द डॉक्टर” पेट्रोसियन दुनिया के बेहतरीन किकबॉक्सर्स में से एक बनना चाहते थे। इस सपने को पूरा करने में उन्हें अपने पिता आंद्रेई के अलावा किसी का साथ नहीं मिला था।
आंद्रेई युद्धग्रस्त अर्मेनिया को छोड़ 1999 में अपने परिवार के साथ इटली शिफ्ट हो गए थे और शुरुआत में उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं था। एक कैरिटस नामक चैरिटी संस्था ने उन्हें रहने के लिए जगह दी और इटालियन संस्कृति में ढलने का अवसर प्रदान किया।
अपना घर ना होना और छोटे से शहर में उनके पास वर्कआउट के लिए अच्छा जिम भी उपलब्ध नहीं था। पेट्रोसियन के परिवार ने खुद के दम पर उन्हें ट्रेनिंग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। वो जॉगिंग करते और साथ ही एक भारी वजन के बैग के साथ पंचिंग और किकिंग का अभ्यास भी करते।
आंद्रेई को आखिरकार “द डॉक्टर” के लिए एक जिम मिला जहां उनका बेटा अच्छी ट्रेनिंग प्राप्त कर सकता था और अपने सपने को पूरा करने की ओर आगे बढ़ सकता था।
किकबॉक्सर ने कहा, “उन्होंने मुझे कहा कि शहर में आवारागर्दी ना करूं और रात में शराब का सेवन भी ना करूं। मैंने उनकी सलाह का गंभीरता से पालन किया और मेहनत करता रहा, इसी कारण आज मैं यहां तक पहुंच पाया हूं।”
पेट्रोसियन आज ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियन हैं और उन्हें इतिहास के सबसे महान किकबॉक्सर्स में से एक माना जाता है।
एंडी सावर
एंडी सावर काफी पहले ही अपने लिए बड़े लक्ष्य तैयार कर चुके थे और उनके पिता ने भी अपने बेटे के लिए वो सब किया जिससे उनका सपना पूरा हो सकता था।
उनके पिता का स्वभाव थोड़ा कठोर था, अपने बेटे को हमेशा अभ्यास के लिए कहते और उनसे हर टूर्नामेंट में जीत की उम्मीद रखते थे। किशोरावस्था में “सावर पावर” अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमना चाहते थे लेकिन उनके पिता उन्हें जिम में जाकर अपनी स्किल्स पर ध्यान देने के लिए कहा करते थे।
डच किकबॉक्सर ने कहा, “कभी-कभी मेरा ट्रेनिंग करने का मन नहीं करता था, इसलिए मैं बाहर अपने दोस्तों के साथ खेलना चाहता था। लेकिन मेरे पिता हमेशा मुझे दोस्तों से दूर रखते और वापस जिम में जाने के लिए कहते थे।”
“वो हमेशा मुझसे कहते कि यही एक तरीका है जिससे मैं कुछ हासिल कर सकता हूँ। उस समय मुझे उनकी बातें पसंद नहीं आती थीं लेकिन बाद में मुझे अहसास हुआ कि अगर वो ऐसा ना करते तो मैं आज यहां तक ना पहुंच पाता।”
अपने पिता की मदद से सावर को सफलता प्राप्त हुई और आगे चलकर 2 बार के K-1 World Max चैंपियन बने।
इवानिल्डो डेल्फिनो
बचपन से ही इवानिल्डो डेल्फिनो का मार्शल आर्ट्स के प्रति लगाव बढ़ने लगा था और उनके पिता ऑस्कर ने अपने बेटे का हमेशा साथ दिया है।
ऑस्कर अपने बेटे के दूसरे बच्चों के साथ Marajoara मैच करवाते, ब्राजीलियन जिउ-जित्सु गेम में सुधार के लिए प्रोत्साहित करते और अगस्त 2019 में अपनी मृत्यु से पहले उन्होंने अपने बेटे का हर एक मैच लाइव देखा था।
डेल्फिनो ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता था जैसे वो जानते थे कि मैं आगे चलकर एक बड़ा सुपरस्टार बनने वाला हूँ। उनकी मृत्यु ने मुझे भीतर तक झकझोर कर रख दिया था क्योंकि परिवार ही मेरे लिए सबसे अधिक महत्व रखता है। परिवार के सदस्य ही मेरे सबसे बड़े सपोर्टर्स रहे हैं।”
अब डेल्फिनो ONE Championship के फ्लाइवेट डिविजन का हिस्सा हैं और अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।