मुश्किलों से उबरकर सुपरलैक कियातमू9 को मिला सफलता का रास्ता

Superlek Kiatmoo9

सुपरलैक कियातमू9 के ONE Championship में स्टार बनने से काफी पहले उन्हें अपनी जिंदगी में काफी कठिन समय से गुजरना पड़ा था।

इस फ्लाइवेट एथलीट का जन्म थाइलैंड के छोटे से गांव बुरिराम के एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्हें अपने पिता का कभी पता नहीं चला। उनका पालन पोषण दादा-दादी ने किया, जबकि उनकी मां देश की राजधानी में एक मजदूर के तौर पर काम करती रहीं।

फिर जब वो 16 साल के हुए तो एक अनहोनी हुई।

सुपरलैक के दादा, उनके जीवन में पिता के समान थे और उन्होंने मॉय थाई में उनकी शुरुआत करवाई थी, गुजर गए।

इस घटना से नए प्रतिभावान एथलीट को तगड़ा झटका लगा।

उन्होंने बताया, “शुरुआत में इससे मुझे काफी निराशा हुई और मैं बहुत परेशान हो गया। मुझे फिर से शुरुआत करनी ही थी लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। वो समय मुझे काफी हताश कर देने वाला था। ऐसा लग रहा था कि मैं कुछ कर ही नहीं पा रहा हूं।”



अपने व्यक्तिगत संघर्ष के बावजूद सुपरलैक को पता था कि उन्हें आगे बढ़ते रहना होगा। इस युवा एथलीट ने जल्दी ही मॉय थाई मुकाबलों में वापसी की क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वो अपने दिल से पहले ही एक चैंपियन बन चुके हैं।

उन्होंने याद करते हुए बताया, “मुझे याद है कि मेरा एक मैच पहले ही ओमनोई स्टेडियम में बुक हो चुका था और मैं उससे नहीं निकल सकता था। वो मैच बाबा के गुजर जाने के सप्ताह भर बाद ही था। ऐसे में मेरा दिमाग वहां पहले की तरह नहीं लग रहा था। मैंने चैनल 3 पर मुकाबला किया और जीत गया।”

हालांकि, उस जीत के बाद सुपरलैक के रास्ते में और अड़चने आ गईं। बाबा के गुजरने के कुछ दिन बाद ही दादी भी नहीं रहीं।

उन्होंने बताया, “वो मेरे लिए बहुत मुश्किल समय था। अपने छोटा भाई की परवरिश करने के लिए मैं अकेला रह गया था। मुझे लग रहा था कि मैं कुछ भी सही से नहीं कर पा रहा हूं। हम एकदम अकेले पड़ गए थे।”

Superlek Kiatmoo9 connects with a punch

सुपरलैक के लिए सच्चाई की घड़ी आ चुकी थी। अपने परिवार को पालने के साथ ही उनके पास भाई की जिम्मेदारी आ गई।

उन्होंने बताया, “हमें अपने कपड़े खुद धोने पड़ते थे। ऐसे में मैंने अपने छोटे भाई को कपड़े धोना, साफ सफाई और खाना बनाना सिखाया। जब मेरी दादी गुजर गईं तो मुझे अपने पैसों को मैनेज करना जल्दी से सीखना पड़ा।”

सुपरलैक को इन सबसे ज्यादा अपने मॉय थाई एथलीट होने की जिम्मेदारी को भी मैनेज करना था।

सिर्फ 16 साल की उम्र में ही उन्हें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ थाइलैंड ने मॉय थाई फाइटर ऑफ ईयर के खिताब से नवाजा था और वो Lumpinee Stadium मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन भी रहे।

किस्मत से उन्हें Kiatmoo9 Gym की ओर से पूरा सहयोग मिला।

उन्होंने बताया, “मैं खुशकिस्मत था कि मेरे पास मॉय थाई रहा। इसने मुझे केंद्रित रखा। उस समय जिम ने काफी सपोर्ट किया और मुझे याद दिलाते रहे, ताकि मैं सही रास्ते पर बना रहूं।”

Muay Thai World Champion Superlek Kitmoo9 throws a roundhouse kick

इसके साथ ही बुरिराम के रहने वाले एथलीट अपने दिग्गज एथलीट्स की सफलता से काफी प्रोत्साहित रहे। जब भी सुपरलैक पिछड़ जाते थे तो उनकी उपलब्धियां और हिम्मत देने वाली बातें उनमें फिर से जोश भर देती थीं।

उन्होंने बताया, “कई बार ऐसा समय आया, जब मैं काफी निराश हो गया लेकिन मुझे आगे बढ़ते रहना था।”

अब वो ONE Super Series मॉय थाई और किकबॉक्सिंग डिविजन के फ्लाइवेट में #2 रैंक पर हैं, तो ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि जो ऊंचाई उन्होंने हासिल की है, उससे उनके दादी-दादा को गर्व होगा।

ये भी पढ़ें: Throwback Thursday: थाईलैंड की ट्रिप जिसने अगस्टियन की जिंदगी बदल दी

मॉय थाई में और

Shadow Singha Mawynn vs Sitthichai Sitsongpeenong ONE Friday Fights 927790
77942
Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 40
Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 86
Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 77
Panpayak Jitmuangnon Silviu Vitez ONE Friday Fights 83 26
Sitthichai Sitsongpeenong Masaaki Noiri ONE 167 41
75289
Nakrob Fairtex Kongthoranee Sor Sommai ONE Fight Night 26 56
Reece McLaren Jarred Brooks ONE Fight Night 26 23
DC 7978
1838