फेमस फिल्म स्टार जिसने ‘द टर्मिनेटर’ सुनौटो को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी
“द टर्मिनेटर” सुनौटो ने भले ही आर्नोल्ड श्वार्ज़ेनेगर से अपना निकनेम लिया हो लेकिन उन्हें एक दूसरे हॉलीवुड स्टार ने काफी प्रभावित किया है।
ये इंडोनेशियाई एथलीट एक ऐसे एरिया में बड़े हुए जहां फिल्म थिएटर नहीं था लेकिन उन्हें एक बार उनके घर पर दोस्तों के साथ सिलवेस्टर स्टेलोन की रॉकी फिल्म देखने का मौका मिला था।
जकार्ता के इस 35 वर्षीय ने कहा, “मैं ऐसे समय बड़ा हुआ, जब थिएटर आज की तरह हर जगह नहीं थे इसलिए मैं ज्यादा फिल्में नहीं देखता था।”
“मेरे पास DVD प्लेयर नहीं था लेकिन मेरे दोस्त ने रेंट की दुकान से कुछ डिस्क किराये पर ली थी। इसलिए जब मैं छोटा था तो उसके घर मेरे दोस्त और मैं फिल्में देखते रहते थे।
“मुझे एक्शन मूवीज़ पसंद हैं, जिसमें जैकी चैन जैसे स्टार्स मौजूद हों क्योंकि ये फिल्में मनोरंजक होती हैं और उनके पास अनोखे मार्शल आर्ट्स मूव्स रहते थे। जैकी चैन मनोरंजक हैं लेकिन जब प्रेरित करने की बात आती है तो रॉकी फिल्म मेरे काफी करीब है।”
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सुनौटो अपनी जवानी में बहुत बड़े बॉक्सिंग प्रशंसक थे। वो 80 और 90 के दशक के एथलीट्स को अपना आदर्श मानते थे इसलिए इस फिल्म ने उनकी रुचि बढ़ाई।
वो स्टेलोन के संघर्षपूर्ण कैरेक्टर “द इटालियन स्टेलियन” रॉकी बाल्बोआ से प्रभावित हुए, जो लगातार बॉक्सिंग रिंग के अंदर और जीवन में मुश्किलों को हराता आया।
सुनौटो ने बताया, “ये फिल्म बॉक्सिंग के ऊपर थी और ये खेल उस समय काफी लोकप्रिय था। बॉक्सिंग फाइट्स [उस समय] कई सारे टीवी स्टेशन पर प्रसारित होती थी। हम प्रोफेशनल बॉक्सर्स की तरह मूव्स और स्टांस की नकल किया करते थे।”
“रॉकी में स्टोरीटेलिंग काफी बढ़िया थी और ये ज़िद्द, धैर्य और हर चीज़ दर्शाती है जो एक फाइटर के पास होनी चाहिए। ये सिर्फ एक फिल्म थी लेकिन मुझे ये असली महसूस होती है। ट्रेनिंग के दौरान उनका कठोर परिश्रम वास्तविक लगता है और हारने से निराशा भी साफ महसूस होती है।”
जवानी में इस इंडोनेशियाई बेंटमवेट को रॉकी की पूरी सीरीज पसंद थी।
जब “द टर्मिनेटर” एक प्रोफेशनल एथलीट बन गए और उन्हें भी अपने करियर में उसी प्रकार की मुश्किलें अनुभव हुई तो उन्हें फिल्म से और लगाव हो गया।
बाल्बोआ एक कामकाज वाले घर से आए थे और उनके पास काफी कम पैसा था लेकिन कठोर परिश्रम और सही मौकों के चलते वो वर्ल्ड हेवीवेट चैंपियन बनने का सपना पूरा कर पाए।
इसके साथ उन्हें मुश्किलें भी आई लेकिन “द इटालियन स्टेलियन” ने अपने दिल, संकल्प और स्किल्स की मदद से उनको हराया।
सुनौटो को भी कठिन परिश्रम करना पड़ा और इस इंडोनेशियाई मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट ने बाल्बोआ के करियर से प्रेरणा ली और ONE Championship में अपना वर्चस्व कायम रखा।
जकार्ता के निवासी ने कहा, “उन्हें हार मिली लेकिन वो फिर उठे और चैंपियन बने। उनका सफर पूरी तरह संघर्ष और समर्पण से भरा हुआ था। ये कठोर परिश्रम और अनुशासन पर आधारित है और उन्होंने जीरो से शुरुआत की।”
“मैं इन भावनाओं को महसूस करता हूँ। मैंने अपनी पढ़ाई [एलिमेंट्री स्कूल के बाद ग्रेजुएशन] भी पूरी नहीं की इसलिए ये दर्शाता है कि कठोर परिश्रम से हर चीज़ संभव है।”
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